आखिरकार व्यापारी ही जागे , सो रहे नौकरशाह और जनप्रतिनिधि
शहडोल।जिला व्यापारी संघ शहडोल ने आज 11 सितम्बर 2025 को हुई बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि नगर की बिगड़ती हालात को लेकर अब चुप नहीं बैठा जाएगा। व्यापारी संघ ने तय किया कि कल 12 सितम्बर को दोपहर 1 बजे कलेक्टर और नगर पालिका सीएमओ को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें शहर की ज्वलंत समस्याओं पर तत्काल कार्रवाई की मांग होगी।
व्यापारियों ने स्पष्ट कहा कि नगर की जर्जर सड़कों के कारण रोजाना हादसे हो रहे हैं, अव्यवस्थित यातायात और अतिक्रमण से जनता त्रस्त है, वहीं आवारा पशुओं की समस्या दिन-ब-दिन विकराल रूप ले रही है। इसके अलावा दीपावली पर्व के मद्देनजर यातायात व्यवस्था, पार्किंग प्रबंधन, संदिग्ध लोगों की पहचान और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था सहित कई मांगें पुलिस अधीक्षक को दिए जाने वाले ज्ञापन में शामिल की गई हैं।
यह भी तय किया गया कि शुक्रवार को दोपहर 12:30 बजे समस्त व्यापारी बंधु कलेक्टरेट परिसर में एकत्रित होंगे। व्यापारी संघ ने साफ चेतावनी दी है कि यदि इन समस्याओं का प्रशासन द्वारा शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो व्यापारी हितों को ध्यान में रखते हुए बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
असल सवाल यह है कि आखिर नौकरशाह कर क्या रहे हैं? लाखों का वेतन लेने वाले अधिकारी सोए हुए लगते हैं। नगर पालिका के पार्षद, विधायक और राजनीतिक दलों के मुखिया भी इस पर चुप हैं। लगता है उनके पास इतनी हिम्मत नहीं कि अपनी ही सरकार के सामने सही बात रख सकें। यदि ऐसा है तो उन्हें जनप्रतिनिधि बने रहने का हक नहीं है।
दरअसल, कर्मचारी और अधिकारी तो यहां आते-जाते रहते हैं, उनका मकसद केवल शोषण करना भर रह गया है। शहर के विकास की चिंता न तो अफसरों को है और न ही राजनीतिक दलों को। ऐसे में व्यापारी संघ का यह कदम सराहनीय है। व्यापारी ही अब जनता की आवाज बनकर खड़े हुए हैं।
अभी तो व्यापारी संघ ने सड़क, यातायात और आवारा पशुओं का मुद्दा उठाया है, लेकिन यह सिलसिला यहीं नहीं रुकना चाहिए। रेलवे से जुड़े मुद्दे, मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल और अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर भी व्यापारियों को संघर्ष करना होगा। आखिरकार जनता के हितों के लिए आवाज उठाना ही लोकतंत्र की असली ताकत है और इस बार यह ताकत व्यापारियों ने दिखा दी है।