9 पर एफआईआर, 4 गिरफ्तार, 5 फरार

आरोपी को बचाने में लगा प्रबंधन-पुलिस अमला
कोयला चोरी मामले में खुलती जा रहे परतें
शहडोल। जिले में संचालित एसईसीएल ओपन कास्ट माइंस धनपुरी में हुए कोयले की चोरी पर एक के बाद एक कई परतें खुलती नजर आ रही , जिसमें प्रमुख रुप से कोयले की चोरी में 9 व्यक्तियों पर एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें चार व्यक्ति गिरफ्तार हो गए और 5 व्यक्ति फरार हैं, जिसमें देवहरा में निवास करने वाले प्रमुख व्यक्ति अजीत तिवारी भी फरार हैं। हालांकि प्रबंधन द्वारा कोल माइंस में बाबू के पद पर काम करने वाले अजीत तिवारी एवं विजेंद्र कांत द्विवेदी का ड्यूटी एलाऊ कर दिया गया है। हालांकि सूत्रों द्वारा बताया गया कि प्रबंधन द्वारा दोनों बाबुओं को इसलिए अलाउ किया गया है, ताकि उन्हें सस्पेंड न किया जा सके और चोरी के शक की सुई अजीत तिवारी एवं विजेंद्र कांत द्विवेदी ड्यूटी जॉइन करें और पुलिस के द्वारा पकड़े भी गए और सस्पेंड कर देने के बाद काली प्रबंधन को उन्हें भुगतान भी देना पड़ता, इसलिए जानबूझकर सस्पेंशन की कार्यवाही को छोड़कर सीधे ड्यूटी में रखने का फैसला प्रबंधन ने लिया था।
ड्यूटी के वक्त सोते थे बाबू
एसईसीएल में बाबू के पद पर कांटा घर समेत अन्य कार्यों में लगे बाबू अजीत तिवारी एवं विजेंद्र कांत द्विवेदी ड्यूटी पर आकर अपनी जगह पर तैनात न रहते हुए सो जाया करते थे और अपना काम निजी कंपनी के गाडिय़ों में लगे मुंशी से करवाया करते थे और अंतिम समय में सिर्फ अपने हस्ताक्षर करना और बदले में मोटी रकम लेकर जिम्मेदारियों से मुंह मोडऩे का काम बखूबी करते थे, इन्हीं सब कार्यों के कारण निजी कंपनी के मुंशी जमकर फायदा उठाकर चोरी के काम को अंजाम देते थे और इसके बदले में दोनों बाबू अपनी जेबे गर्म करते थे।
हिस्से को लेकर हुई शिकायत
धनपुरी खुली खदान पर कोयला की चोरी को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आई हैं, सूत्र की माने तो बाबुओं के साथ मिलकर चोरी करने वाले उक्त कंपनी में कई लोग शामिल थे, जिनके हिस्सेदारी को लेकर आपस में वाद विवाद हुआ था और किसी एक व्यक्ति को उसका हिस्सा नहीं दिए जाने के कारण रात को 12 बजे ही पुलिस को सूचना दे दिया था और लगातार मुखबिरी करते हुए सुबह 4 बजे चोरी के कोयला को पकड़ा गया, वैसे अभी तक इस मामले में पुलिस कुछ खास पता तो नहीं कर पाई, लेकिन कोयला विभाग से जुड़े हुए लोगों का कहना है कि करीब दो-तीन महीनों से लगभग दर्जनों गाडिय़ां पार हुई है।
पांचवा आरोपी अजीत अभी तक फरार
धनपुरी ओपन कास्ट माइंस के कांटा घर में बैठने वाले बाबू अजीत तिवारी मामले के इतने दिनों बाद भी फरार चल रहे हैं, जबकि चार आरोपी पकड़े गए हैं, विजेंद्रकांत द्विवेदी 16 तारीख को ड्यूटी ज्वाइन किए और 17 की रात को संगमा साइडिंग से चचाई पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। कोल माइंस की ड्यूटी करते हुए चोरी के आरोप में फंसे हुए अजीत तिवारी को अभी तक जिम्मेदारों द्वारा नहीं पकड़ा जा सका और उसे अपने सबूत मिटाने का पर्याप्त समय भी मिलता जा रहा है, उक्त आरोपी को गिरफ्तार कर रिमांड में लेकर पूछताछ की जाए तो, कई बड़े नामों का खुलासा हो सकते हैं।
सिक्योरिटी ऑफिसर की भूमिका संदिग्ध
अमलाई ओपन माइंस खदान पर हुए कोयले की चोरी पर प्रमुख रूप से देखा जाए तो, एरिया सिक्योरिटी ऑफिसर शारतेंदु तिवारी जो समस्त खदानों को सुरक्षा प्रदान करते हैं, इतने बड़े ओपन कास्ट माइंस पर सिक्योरिटी के नाम पर एक भी व्यक्ति को इनके द्वारा तैनात नहीं किया गया था, इसके अलावा धनपुरी ओपन कास्ट के सिक्योरिटी इंचार्ज अखिलेश्वर मिश्रा की भी बड़ी जवाबदारी इन खदानों की सुरक्षा में रहती है, इसके बावजूद भी बाहर से आने जाने वाले गाडिय़ों के देखरेख पर अपनी नजर फिरते हुए जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ के नजर आ रहे हैं। उक्त मामले की पड़ताल में पाया गया कि एरिया सिक्योरिटी ऑफिसर सरतेंदू तिवारी सिक्योरिटी इंचार्ज धनपुरी अखिलेश्वर मिश्रा और कांटा घर में मौजूद बाबू अजीत तिवारी विजेंद्र कांत द्विवेदी चारों व्यक्तियों का आपस में कोई बड़ा तालमेल नजर आता है, तभी तो इतने बड़े काम में धनपुरी ओसियन के इंचार्ज के द्वारा किसी भी सुरक्षा प्रहरी को ड्यूटी पर तैनात नहीं करवाया गया और न ही एरिया सिक्योरिटी ऑफिसर इस मामले पर अपनी जवाबदारी को दिखा पा रहे हैं।
प्रबंधन एवं पुलिस मिलकर दबा रहे मामला
एसईसीएल के प्रमुख खुली खदान धनपुरी ओसीएम पर प्रमाणित रुप से पकड़े गए कोयले की चोरी पर अभी तक देखा जाए तो, अभी तक कोल माइंस के प्रबंधन और पुलिस विभाग के अधिकारी द्वारा कोई बड़ी कार्यवाही नहीं की गई है, इसलिए इतने बड़े चोरी के मामले में अभी तक अजीत तिवारी नामक आरोपी पुलिस के शिकंजे से अभी तक बाहर घूम रही है, इसके अलावा कालरी के प्रबंधन दोनों बाबुओं के ऊपर चोरी की प्रमाणित साक्ष्य मिलने के बाद भी निलंबन की कार्यवाही से कोसों दूर है, पुलिस एवं प्रबंधन अभी तक हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं, जिससे यह साफ प्रतीत होता है कि अजीत तिवारी और विजेंद्र कांत द्विवेदी को लगता है बचाना चाहते हैं, इसलिए न तो विभाग द्वारा और न ही पुलिस के अधिकारियों कोई कार्यवाही की जा रही है।
इनका कहना है…
हमारे द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे, लेकिन बैरियर पर लगे बाबुओं की लापरवाही से घटना कारित हुई है।
शारतेन्दु तिवारी
एरिया सिक्योरिटी ऑफिसर, धनपुरी ओसीएम
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सुरक्षा बल की कमी होने के कारण उक्त जगह पर सिक्योरिटी के इंतजाम नहीं थे।
अखिलेश्वर मिश्रा
सिक्योरिटी इंचार्ज
धनपुरी ओसीएम
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उक्त मामले में 4 की गिरफ्तारी की जा चुकी है, 5 लोगों की तलाश सरगर्मी से की जा रही है।
बी.एन.प्रजापति
थाना प्रभारी, चचाई