… आखिर कब तक कुचलेे जायेंगे राहगीर

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भारी भरकम वाहनों ने फिर ली दो युवकों की जान

भारी वाहनों के लिए नही कोई बाईपास, नो-एन्ट्री के बाद शहर में बढती है परेशानी

प्रशासनिक और राजनीतिक शून्यता के चलते मुख्यालय में सुगम यातायात व्यवस्था नही हो सकी है। वर्ष भर में शहर के अंदर भारी वाहनों के चलने से दर्जनों मौते हो जाती है। राहगीरों को सडकों पर कुचल दिया जाता है, उसके बावजूद भी किसी का ध्यान इस ओर नही जाता है। कोई भी बाईपास मार्ग न होने के कारण शहर के अंदर भारी वाहनों की कतार लग जाती है और दुर्घटना का कारण बन जाता है।

अनूपपुर। जिला मुख्यालय ही नही विधानसभा अनूपपुर अपने ही विकास के लिए तरस रहा है। कोल माईंस, मोजर बेयर सहित अन्य प्लांट संचालित है, यहां तक आवागमन के लिए भारी भरकम वाहनों का प्रयोग किया जाता है। शहर के अंदर प्रवेश कर इन कपंनियों तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त कोई भी मार्ग का विकल्प नही है। वर्षाे से दिन रात शहर के अंदर प्रवेश कर धमाचौकडी मचाने वाले इन वाहनों पर रोक लगाने के लिए कुछ समाजसेवियों से आवाज उठाई थी, जिसके बाद जिला प्रशासन ने नो-एन्ट्री की शुरूआत की थी। उसके बावजूद भी दुर्घटनाएं रूकने का नाम नही ले रही है और बेधडक सडकों पर तेज-रफ्तार भारी वाहनों को दौडाया जा रहा है।

रात में राहगीरों का निकलना मुश्किल

शहर के अंदर भारी वाहनों का आवागमन पर कुछ घंटो का विराम लगाने के लिए जिला प्रशासन ने सुबह 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक नो-एन्ट्री लागू कर दिया। रात्रि में 10 बजे के बाद भारी वाहनों को प्रवेश जैसे ही शहर के अंदर सडकों पर होता है वैसे ही सडकों में राहगीरों व छोटे वाहनों के लिए कोई जगह नही होता है। कई बार जाम की स्थिति निर्मित होती है तो कई बार हादसे का कारण भी बन जाती है। जिला चिकित्सालय व ढाबे तक जाने के लिए राहगीरों को भारी भरकम ट्रकों का सामना करते हुए गुरजना पडता है।

कुचल दिये जाते है राहगीर

भारी भरकम राखड लोड वाहन व कोयले से लोड वाहन सहित अन्य बडे वाहनों के द्वारा सडक किनारे चलने वाले राहगीरों को भी कुचल दिया जाता है। कुचलने के बाद ड्राईवर के द्वारा कभी नींद आना तो कभी शराब पीकर वाहन चलाने का बहाना बताकर अपने आप को बचा लिया जाता है, लेकिन कई नवजवानों को कुचल दिया उससे किसी को कोई फर्क नही पडता है। बीते वर्ष सडक किनारे चल रहे एक बहन व भाई को बुरी तरह कुचल दिया गया था और एक बार फिर दो युवकों को सडक किनारे कुचल दिया गया, उसके बादवजूद भी कोई बाईपास का विकल्प नही तलाश गया।

फिर रौंद दिया गया राहीगर

नगर के अमरकंटक तिराहे में विगत रात मोटर साइकिल एवं ट्रक के बीच टक्कर से मोटरसाइकिल सवार दो युवकों की दर्दनाक मौत हो गई। ट्रक चालक ट्रक छोडक़र फरार हो गया है, कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंचकर दोनों मृतको के शवो को जिला अस्पताल के शव वाहन से जिला अस्पताल पहुंचा गया। 11 अप्रैल की सुबह एक मृतक के परिजनों के आने पर जिला अस्पताल पुलिस द्वारा कार्यवाही की गई है, दूसरा मृतक दमोह जिले का होने से परिजनों को सूचना दिये जाने बाद देर शाम को शव को ले जाया गया।

ट्रक चालक के विरुद्ध प्रकरण दर्ज

घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार 10 अप्रैल की रात 11:30 बजे नगर के वार्ड क्रमांक 12 अमरकंटक तिराहा से अंडरब्रिज जाने वाले मार्ग पर मोटरसाइकिल में सवार दो युवक खाना खाने ढाबा जा रहे थे। तभी अंडरब्रिज की ओर जैतहरी रोड़ की ओर रामपुर कोयला खदान से कोयला लेकर आ रहा ट्रक आरजे 02 जीबी 5174 से टक्कर हो गई, जिससे मोटरसाइकिल क्रमांक एमपी 18 डीएस 3388 में सवार दो युवकों की मौत हो गई। गौतलब हो कि 24 वर्षीय विवेक पिता गणेश कुमार पाठक निवासी ग्राम पचगांव थाना सिंहपुर जिला शहडोल एवं कमलेश सिंह लोधी पिता जगन्नाथ सिंह लोधी ग्राम मगरोन, जिला दमोह की स्थल पर मौत हो गई तथा मोटरसाइकिल भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।

फाईनेंस कंपनी में करते थे कार्य

घटना की सूचना राहगीरों द्वारा कोतवाली पुलिस को दिये जाने पर देर रात कोतवाली पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक सुरेन्द प्रताप सिंह पुलिस दल के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर दोनों मृतको के शवो को जिला चिकित्सालय के शव वाहन से जिला चिकित्सालय के शव फ्रीजर में सुरक्षित रखाया तथा इस दौरान टक चालक मौके से फरार हो गया, पुलिस ने ट्रक को जप्त कर थाना परिसर में खड़ा कराते हुए ट्रक चालक के विरुद्ध अपराध दर्ज किया। मृत दोनों युवकों की पुलिस ने जेब से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर पहचान करते हुए परिजनों को सूचित किया गया, जिस पर 11 अप्रैल की सुबह मृतक विवेक कुमार पाठक निवासी पचगांव तथा कमलेश सिंह लोधी जो दमोह जिले का निवासी है। दोनो ही युवक फ्यूजन फायनेंस कंपनी में कार्य करते थे तथा तहसील के आस-पास ही किराये पर रहते थे। देर रात खाना खाने के लिए ढाबा की ओर बाईस से जा रहे थे, लेकिन कोयले से लोड भारी वाहन ने उन्हे कुचल दिया और मौत की नींद सुला दिया।

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