पूर्व डीपीसी मदन त्रिपाठी फिर उलझे आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में  

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(शुभम तिवारी)
शहडोल। जिला शिक्षा केन्द्र शहडोल के पूर्व डीपीसी मदन त्रिपाठी का विवाद साथ छोड़ते नजर नहीं आ रहे हैं, बीते वर्ष शासकीय भूमि को अपने व परिजनों के नाम पर कराने को लेकर न्यायालीन प्रक्रिया झेल रहे मदन त्रिपाठी को शहडोल पदस्थापना के दौरान आय से अधिक सम्पतित अर्जित करने के मामले में माननीय न्यायालय के समक्ष लगाये गये परिवाद को न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है। इस मामले में अधिवक्ता थानेश्वर गोले भदौरिया के माध्यम से न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया था, जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा परिवादीगणों के अधिवक्ता के तर्को को सुनने के उपरांत परिवाद को प्रचलनयोग्य पाया एवं प्रकरण दिनांक 12 जून 2024 को अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने एवं परिवादीगणों के कथनों हेतु प्रकरण नियत किया गया।
न्याय न मिलने पर पहुंचे थे न्यायालय
अधिवक्ता थानेश्वर गोले भदौरिया ने बताया कि शहडोल पदस्थापना के दौरान डॉ. मदन त्रिपाठी, डी.पी.सी. जिला शिक्षा समन्वय केन्द्र ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की थी, उनके द्वारा शासन की विभिन्न योजनाओं में वरिष्ठ अधिकारियों ने सांठगांठ कर भ्रष्टाचार किया गया था, इस मामले में पूर्व में पुलिस अधीक्षक ई.ओ.डब्ल्यू. एवं पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त को पूर्व में डॉ. मदन त्रिपाठी के द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार से संबंधित कृत्यों की शिकायत दी गई थी परंतु उनके द्वारा शिकायत पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई जिस कारण परिवादीगणों के द्वारा अपने अधिवक्ता थानेश्वर गोले भदौरिया के माध्यम से न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया। जिसके बाद शहडोल के न्यायालय में परिवादी एडवोकेट धीरज कुकरेजा एवं एडवोकेट स्वप्निल सराफ के द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के अंतर्गत धारा 13 (1) (बी) एवं धारा 13 (2) के अंतर्गत आरोपी डॉ. मदन त्रिपाठी, डी.पी.सी. जिला शिक्षा समन्वय केन्द्र के विरूद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने एवं रखने के विरूद्ध परिवाद प्रस्तुत किया गया जिसका परिवाद प्रकरण क्रमांक यू.एन.सी.आर. 04/2024 है।

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