पिता के सहयोग से मिलती गई मनचाही मंजिल

अनूपपुर। विद्यार्थी जीवन में छात्र संघ अध्यक्ष रह चुके विवेक कुमार बियानी ने अपना स्नातक शंभूनाथ कॉलेज शहडोल से पूर्ण किया, वहां से उन्होंने बीएससी गणित में स्नातक पूर्ण किया और इकोनामिक में एमए और एलएलबी 1994 में पूर्ण किया, कॉलेज के बाद उन्होंने क्वालिटी केबल कंपनी का नाम से वायर फैक्ट्री की स्थापना की, जो उस समय का शहडोल संभाग की पहली यूनिट थी, जिसको आईएसआई और डीसीएमएस मार्क प्राप्त हुआ। यहां से इन्होंने व्यवसाय की शुरुआत की, इसके बाद इन्होंने फर्नीचर का काम स्टील फेब्रिकेशन का काम कांट्रेक्टर का काम किया।
सामाजिक क्षेत्र में योगदान
अनूपपुर के जिला बनने के बाद इन्होंने एक दैनिक अखबार चालू किया, जिसका नाम दैनिक अक्षरश: था, आप उस अखबार के प्रधान संपादक थे। इस अखबार को लगभग इन्होंने 6 साल तक चलाया। इसी बीच इन्होंने 2005 से 2010 तक प्रेस क्लब के जिला अध्यक्ष के रूप में भी काम किया। सामाजिक गतिविधियों में अनूपपुर के वैश्य सम्मेलन के जिला अध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। वर्ष 2000 के आस-पास इन्होंने अपने पत्रकार साथियों के साथ मिलकर कन्या विवाह का भी आयोजन किया, जिसमें से 21 कन्याओं का विवाह संपन्न हुआ।
नगर विकास का सपना
राज एक्सप्रेस से चर्चा के दौरान श्री बियानी में कहा कि जो व्यवसाय था, उसे एक सीमा तक ही ले जा सकते थे, उस समय जब अनूपपुर जिला बना था, तब अनूपपुर का विकास तेजी से होने लगा, लेकिन दुर्भाग्यवश यहां पर अच्छे नेतृत्व की कमी के कारण जिस नगर का विकास जैसा होना चाहिए उस रूप में नहीं हो रहा था, जो अनूपपुर की बसाहट है, वह कहीं भी अव्यवस्थित ढंग से फैल रही थी। इस संदर्भ में उस समय 2010 में कलेक्टर श्री कियावत के कार्यकाल में उन्होंने कहा अगर अनूपपुर को स्वस्थ बनाना है तो, हमें कार्य करना होगा। तभी 2015 में इन्हें स्मार्ट सिटी बनाने का ख्याल आया। इन्होंने अपनी कालोनी का नाम स्वामी विवेकानंद जी की जीवनी से प्रेरित होकर रखा।
प्रकृति से जुड़े हर कार्य में रुचि
उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा कि इन्हें प्रकृति से जुड़े हर काम में रुचि है, जैसे कृषि का कार्य, कंस्ट्रक्शन का कार्य, इनके पास 14 एकड़ की खुद की जमीन बैरीबांध में नारायणी वाटिका के नाम से है, पॉली हाउस, नेट हाउस और अन्य तरह की खेती होती है, इनके पास लगभग 20 देशी गाय है।
सफलता के पीछे पिता का सहयोग
विवेक कुमार बियानी ने बताया कि उनकी सफलता के पीछे इनके पिता अशोक बियानी का भी सहयोग रहा है। उनके आचरण, शिक्षा व व्यवहार आज भी हम अपनाते हैं। उन्होंने बताया कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, स्वयं सेवक संघ रहते हुए नगर संचालक, जिला अध्यक्ष सेवा भारती संयोजक, लघु उद्योग भारती, प्रदेश मंत्री, वैश्य महासम्मेलन संरक्षक प्रेस क्लब के पद पर रहे हैं। आने वाले समय में यह नगर के विकास लिए शॉपिंग कॉम्पलेक्स, स्कूल और हॉस्पिटल भी खुलवाना चाहते हैं।