जेल में बंद रिश्तेदार को भी दिलाया मजदूरी का लाभ

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बिना टीएस व मूल्यांकन आहरित किया लाखों रुपए

शहडोल। ग्रामपंचायतों की अंधेरनगरी में आए दिन भ्रष्टाचार के नए खुलासे होते हैं। शिकायतें भी होती हैं लेकिन सुधारों की दिशा में कभी कोई ठोस कदम नही उठाए जाते हैं यही कारण है कि भ्रष्टाचार को अपना लक्ष्य मानकर चलने वालों के हौसले बुलंद रहते हैं और वे काम के नाम पर केवल भ्रष्टाचार ही करते हैं। यह बात पंचायतों की व्यवस्था संचालित करने वाले सरपंच और सचिव के लिए अधिक लागू होती है। हाल ही में सीईओ जनपद गोहपारू से एक शिकायत की गई है जिसमें ग्रामपंचायत मोहतरा के प्रभारी सचिव की अंधेरगर्दी का जिक्र करते हुए जांच की मांग की गई है। प्रभारी सचिव पवन पाण्डेय ने निर्माण कार्य के मस्टर रोल में अपने ऐसे सगे संबंधियों का नाम जोड़कर उन्हे लाभ दिलाया जो कि जेल में हैं या फिर नौकरी कर रहे हैं। जबकि इनके द्वारा निजी लोगों को लाभ दिलाना या निजी तौर पर योजना का लाभ लेना प्रतिबंधित है। सवाल यह है कि क्या इस मामले की गहन जांच पड़ताल होगी? जब किसी माध्यम से शासन प्रशासन का ध्यान ऐसे गंभीर मामलो की ओर आकृष्ट कराया जाता है तब भी उदासीनता क्यों बरती जाती है?
जेल में था संबंधी
कुछ वर्षों पूर्व पंच परमेश्वर योजना के तहत एक निर्माण कार्य में प्रभारी सचिव ने अंधेर की हद पार कर दी। उसने अपने सगे संबंधियों को मजदूरी में नाम जोड़कर उन्हे लाभ दिलाया। इसी तारतम्य में उसने अपने रिश्तेदार पवन पाण्डे का भी नाम जोड़ा और उसे लाभ दिलाया जबकि यह व्यक्ति दुराचार के आरोप में 6 माह से जेल में बंद था। इसी से पता चलता है कि ग्रामपंचायतों के सरपंच सचिव शासकीय प्रावधानों का कितना पालन कर रहे हैं। वे केवल अपना राज चला रहे हैं। इनकी खाल कभी खींची नहीं जाती, शायद इसलिए इनके द्वारा कानून कायदों के परखच्चे उड़ाए जाते हैं।
शासकीय सेवक को लाभ
सचिव का एक भाई प्रकाश पाण्डेय नल जल योजना में वर्षों से नौकरी कर रहा है उसे मजदूरी का लाभ दिलाया गया। इसके अलावा एक भाई प्रशांत पाण्डे जो कि सेंट्रल बैंक का कियोस्क खोलकर दूकान चलाता है उसे भी लाभ दिलाया गया। लाभ के मामले में उसने अपने पिता को भी नहंी छोड़ा पिता केके पाण्डे उम्र 65 वर्ष को भी मजदूरी का लाभ दिलाया है। इनका नाम भी मस्टर रोल मेें है। यहां उल्लेख करना जरूरी है कि नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए नाम दर्ज करना केवल सचिव की मर्जी पर निर्भर करता है, यह स्थिति है गोहपारू के ग्रामपंचायत मोहतरा की। जिसकी गहराई से जांच पड़ताल आवश्यक प्रतीत होती है।
पांच वर्षों में लाखों का भुगतान
शिकायत में लेख किया गया है कि वर्ष 2017 से 10 मई 22 तक की अवधि में पंच परमेश्वर योजना मद अंतर्गत पंचायत के खाते से 11 लाख 50 हजार रुपए की राशि आहरित की गई है। जबकि निर्माण कार्यों का न तो टी एस कराया गया न मूल्यांकन कराया गया। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के किसी ग्रामीण को योजना अंतर्गत मजदूरी का कार्य भी नहीं दिया गया। जबकि योजना का उद्देश्य यही है कि योजना मद से विकास कार्य हों और गांव के लोग स्वयं अपना कार्य कर रोजगार प्राप्त करें। लेकिन हो यह रहा है कि लोगों को तो काम मिला नहीं प्रभारी सचिव ने मनमाना निर्माण कार्य कराकर अपने लोगों को उपकृत कर शासन का पैसा डकार लिया है। इस बात की जानकारी पंचायत के करीब 20 पंचों ने दी है। उन्होने स्वयं जांच की मांग भी की है। बिना टीएस तकनीकी स्वीकृति के और बिना मूल्यांकन के पंचायत खाते से राशि आहरित करना एक गंभीर वित्तीय कदाचार का मामला है। इसके लिए तत्काल कड़े कदम उठाए जाकर प्रभारी सचिव की खबर ली जानी चाहिए।
ग्रामीण वंचित रहते हैं
मोहतरा पंचायत का हाल यह है कि इसकी योजनाओं में पंचों की सहमति नहीं रहती है। खुद काम तय कर लिया जाता है और उस पर अमल भी कर लिया जाता है। अपने लोगो को उपकृत धन आहरित कर लेना यहां का शगल बन चुका है। प्रभारी सचिव ग्रामीणों से अभद्रता भी कर चुका है। लेकिन इसके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रभारी सचिव की प्रशासन में पकड़ होने से उसके खिलाफ कोई शिकायत असर नहीं कर रही है।

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