प्रदेश के युवाओं को धर्मग्रंथों से जोड़ेगी गीता प्रतियोगिता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा दद्दा धाम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से कटनी के दद्दा धाम से उठी धर्म और शिक्षा के समन्वय की अलख श्रीमद्भगवद्गीता पर आधारित प्रतियोगिता से युवाओं में जागेगा धर्म, ज्ञान और कर्म का संतुलन भक्ति, अध्यात्म और राष्ट्रधर्म का संगम बना दद्दा धाम
प्रदेश के युवाओं को धर्मग्रंथों से जोड़ेगी गीता प्रतियोगिता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा दद्दा धाम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से
कटनी के दद्दा धाम से उठी धर्म और शिक्षा के समन्वय की अलख श्रीमद्भगवद्गीता पर आधारित प्रतियोगिता से युवाओं में जागेगा धर्म, ज्ञान और कर्म का संतुलन
भक्ति, अध्यात्म और राष्ट्रधर्म का संगम बना दद्दा धाम
कटनी।। गृहस्थ संत परम पूज्य गुरुदेव अनंत विभूषित पंडित देव प्रभाकर शास्त्री दद्दा जी की असीम कृपा से झिंझरी स्थित श्रीकृष्ण वृद्ध आश्रम प्रांगण, दद्दा धाम में चल रहे प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के पावन अवसर पर आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रभारी मंत्री राव उदय प्रताप सिंह तथा मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का आगमन हुआ।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पूज्य दद्दा जी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया और विग्रह में विराजमान पूज्य दद्दा जी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा, पूर्व मंत्री एवं विधायक संजय सत्येन्द्र पाठक, फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा, तथा असंख्य श्रद्धालु उपस्थित रहे। संपूर्ण व्यवस्था की अगुवाई पूर्व मंत्री संजय सत्येन्द्र पाठक द्वारा की गई।
“गीता” से जुड़ेगा युवा मुख्यमंत्री की ऐतिहासिक घोषणा
कथा व्यास पर विराजमान सुप्रसिद्ध कथा वाचक पंडित इंद्रेश उपाध्याय जी महाराज, पंडित अनिरुद्धाचार्य जी महाराज और पंडित मोहित सगन गोस्वामी जी महाराज के सान्निध्य में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंच से घोषणा की कि प्रदेश के युवाओं को अपने धर्मग्रंथों से जोड़ने के लिए मध्यप्रदेश सरकार शीघ्र ही श्रीमद्भगवद्गीता पर आधारित प्रतियोगिता पूरे राज्य में आयोजित करेगी। इससे युवाओं को धर्म, नीति और जीवन मूल्यों को समझने का अवसर मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शिरडी की तरह कटनी का दद्दा धाम भी एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ बनेगा। पूज्य दद्दा जी ने धर्म और सेवा को जोड़ा है उनके संकल्पों को पूरा करना हम सबका कर्तव्य है।” दद्दा धाम में इन दिनों प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत असंख्य पार्थिव शिवलिंग निर्माण, महारुद्राभिषेक, हरिकथा और भजन संध्या के आयोजन चल रहे हैं। प्रातःकालीन शिव आराधना और संध्याकालीन कथा व प्रवचन से पूरा धाम दिव्यता के आलोक से आलोकित है। कथा व्यास से पूर्व मंत्री संजय सत्येन्द्र पाठक ने मुख्यमंत्री व अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह धाम केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि पूज्य दद्दा जी के कर्म, सेवा और संकल्प का जीवंत प्रतीक है। यहाँ आना आत्मा को शांति और विचारों को दिशा देता है।
पूज्य दद्दा जी कर्मयोगी ऋषिराज, संकल्प के पर्याय
पूज्य दद्दा जी ने गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी धर्म के उत्थान हेतु जो कार्य किए, वे अद्वितीय हैं। अपने पूज्य गुरु धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज के आशीर्वाद से दद्दा जी ने राष्ट्रकल्याण हेतु 11 बार सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण के महारुद्र यज्ञ सम्पन्न किए और स्वयं 45 बार यह यज्ञ पूर्ण किया। वर्ष 2016 में उज्जैन महाकुंभ में 108वें यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ यह परंपरा गुरु-शिष्य के संकल्प और तप का प्रत्यक्ष प्रतीक बन गई।

हरिहरात्मक यज्ञ शिव और श्रीकृष्ण की एकात्म आराधना
पूज्य दद्दा जी ने धर्म के विभाजन को समाप्त करते हुए “हर हर महादेव” और “हरि बोल” दोनों को एक ही मंडप में जोड़कर “हरिहरात्मक यज्ञ” की अनूठी परंपरा दी। अब तक 131 यज्ञों में लगभग 6 अरब पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण हुआ है, जो विश्व आध्यात्मिक इतिहास में अभूतपूर्व है।
समापन संदेश
दद्दा धाम आज केवल आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण, चरित्र निर्माण और अध्यात्म का संगम है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आगमन इस बात का प्रतीक बना कि शासन और धर्म जब एक दिशा में चलते हैं, तो समाज में संस्कार और समरसता स्वतः प्रस्फुटित होती है। जैसा कि पूज्य दद्दा जी कहते हैं,धर्म केवल पूजा नहीं, बल्कि वह जीवनशैली है जो सबके कल्याण का मार्ग दिखाती है।