भगवान तो भक्त की निश्छल-निष्कपट भावनाओं के भूखे है राहुल बाग में श्रीमद भागवत कथा दिव्य दरबार के छठवें दिन कथा व्यास पं ऋषिकृष्णा शास्त्री जी महाराज के उदगार जोरदार आतिशबाजी के साथ धूमधाम से निकली भगवान श्रीकृष्ण की ऐतिहासिक बारात. राहुल बजाज श्रीमति मेघा बजाज ने निभाई कन्यादान की रस्म

भगवान तो भक्त की निश्छल-निष्कपट भावनाओं के भूखे है
राहुल बाग में श्रीमद भागवत कथा दिव्य दरबार के छठवें दिन कथा व्यास पं ऋषिकृष्णा शास्त्री जी महाराज के उदगार
जोरदार आतिशबाजी के साथ धूमधाम से निकली भगवान श्रीकृष्ण की ऐतिहासिक बारात. राहुल बजाज श्रीमति मेघा बजाज ने निभाई कन्यादान की रस्म
कटनी।। राहुल बाग में श्रीमद भागवत कथा व दिव्य दरबार के छठवें दिन संकट मोचनधाम रानीपुर मऊरानीपुर के पीठाधीश्वर कथा व्यास श्री श्री 1008पं. ऋषिकृष्णा शास्त्री जी महाराज ने आज 8 फरवरी को 12बजे से दिव्य दरबार में पीडितजनों की समस्या का समाधान किया महाराज जी ने कहा मैं आप सभी की तरह ही हूं भक्ति में शक्ति है।।संकटमोचनधाम बालाजी सरकार दादागुरु की कृपा से मैं आपका संदेश पहुंचता हूं और आपकी कुशलता की अर्जी लगाता हूं आप पर संकट मोचनधाम की कृपा बरस जाती है। महाराजश्री ने स्वीकृत अर्जी पर दिव्य दरबार में कई लोगों समस्या का समाधान किया।
दोपहर 4 बजे से श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ मंत्रोच्चारण के साथ पूजन आरती से मुख्य यजमान ने किया। कथाव्यास ने महारास कथा मथुरा गमन उद्धव चरित्र श्री रुक्मणी विवाह महोत्सव का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने रुक्मिणी विवाह प्रसंग पर कहा कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण से उन्हें पति रूप में पाने की इच्छा प्रकट की। भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों की इस कामना को पूरी करने का वचन दिया। अपने वचन को पूरा करने के लिए भगवान ने महारास का आयोजन किया।और शरद पूर्णिमा की रात को यमुना तट पर गोपियों को मिलने के लिए कहा सभी गोपियां सज-धजकर नियत समय पर यमुना तट पर पहुंच गईं। कृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर सभी गोपियां अपनी सुध-बुध खोकर कृष्ण के पास पहुंच गईं। उन सभी गोपियों के मन में कृष्ण के नजदीक जाने, उनसे प्रेम करने का भाव तो जागा, लेकिन यह पूरी तरह वासना रहित था। इसके बाद भगवान ने रास आरंभ किया। श्रीकृष्ण ने महारास रचाया भगवान भोलेनाथ भी वेशबदलकर गोपी के भेष में रासलीला देखने पहुंचे। भगवान श्रीकृष्ण ने एक अद्भुत लीला दिखाई जितनी गोपियां उतने ही श्रीकृष्ण के प्रतिरूप प्रकट हो गए। सभी गोपियों को उनका कृष्ण मिल गया और दिव्य नृत्य व प्रेमानंद शुरू हुआ। रुक्मिणी विवाह का वर्णन करते हुऐ महाराज जी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सभी राजाओं को हराकर विदर्भ की राजकुमारी रुक्मिणी को द्वारका में लाकर उनका विधिपूर्वक पाणिग्रहण किया। कथा पंडाल में आयोजक मंडली की ओर से आकर्षक वेश-भूषा में श्रीकृष्ण व रुक्मिणी विवाह की जीवंत झांकियों ने मनमोहक प्रस्तुति से विवाह संस्कार की रस्मों को पूरा किया।कथा प्रसंग पर महाराज जी ने कहा भगवान को छल छिद्र धन दौलत नहीं चाहिए भगवान तो भक्त की निशछल भावनाओं के भूखे है।
कथा के साथ-साथ भजन मंडली टीम ने भजनों की शानदार प्रस्तुति दी।
भगवान श्रीकृष्ण रूकमणि विवाह में नयी स्कार्पियो कार अर्पित
राहुल बाग में श्रीमदभागवत कथा में श्रीकृष्ण रूकमणि विवाह पूरे रीति रिवाज के अनुसार धूमधाम से मनाया गया जोरदार आतिशबाजी ढोल नगाडे की धुन पर भगवान की बारात निकाली गयी।। रीति रिवाजों के अनुसार आयोजक बजाज परिवार से राहुल बजाज श्रीमति मेघा बजाज ने कन्या दान की रस्म निभाया। आयोजक मंडल टीम ने भगवान की बारात में जमकर नृत्य किया।वैवाहिक गीत भजनों की शानदार प्रस्तुति दी गयी।आयोजक टीम द्बारा भगवान श्रीकृष्ण रूकमणि की आकर्षक जीवंत झांकियों से मनमोह लिया।कथा के यजमान श्री प्रवीण बजाज पप्पू भैया बजाज परिवार व आस्था परिवार टीम ने भगवान श्रीकृष्ण रूकमणि को एक नयी स्कार्पियो कार अर्पित की और उसी कार से विदाई की गयी। कटनी जिले के इतिहास में भागवत कथा में यह पहला ऐतिहासिक पल रहा जब उत्साह उमंग के साथ भगवान को विवाह में किर भेंटकर विदाई की गयी।
इनकी रही गरिमामयी उपस्थिति
कथा में श्रीमद भागवत कथा के आयोजक सहित
आस्था परिवार शिष्यमंडल सहित आयोजन टीम एवं धर्मप्रेमी जनता की उपस्थिति रही जिन्होंने सहभागिता निभाकर पुण्यलाभ अर्जित किया।