नवजात शिशु के मामले में शासकीय जिलाचिकित्सालय एक बार फिर सुर्खियों में, परिजनों ने की डीएनए जांच की मांग.सिविल सर्जन ने स्वीकारा. कहां मामला संज्ञान में दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई परिजनों को पहले दे दिया मृत बच्चा. फिर फोन पर कहां आपका बच्चा भर्ती है इंजेक्शन लगाना है और दूध पिलाना है आए अस्पताल

नवजात शिशु के मामले में शासकीय जिलाचिकित्सालय एक बार फिर सुर्खियों में, परिजनों ने की डीएनए जांच की मांग.सिविल सर्जन ने स्वीकारा. कहां मामला संज्ञान में दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
परिजनों को पहले दे दिया मृत बच्चा. फिर फोन पर कहां आपका बच्चा भर्ती है इंजेक्शन लगाना है और दूध पिलाना है आए अस्पताल
कटनी । शासकीय जिला चिकित्सालय एक बार अपने प्रबंधन प्रशासन की लापरवाही से फिर सुर्खियों में आ गया है । इस बार तो जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ यशवंत वर्मा ने भी स्वीकारा है और कहा की मामला संज्ञान मे लेकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। पूरे मामले में तेवरी निवासी एक दंपति ने अपने नवजात शिशु के इलाज मे गड़बड़ी और फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए कोतवाली पुलिस सहित जिला कलेक्टर को शिकायत पत्र सौंप न्याय संगत कार्रवाई की मांग की है।
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रीकांत कुशवाहा पिता गुन्नू राम कुशवाहा 33 वर्ष की पत्नी प्रिया कुशवाहा पति श्रीकांत कुशवाहा 25 वर्ष निवासी तेवरी स्लीमनाबाद जिला कटनी ने अपने नवजात शिशु के इलाज और गड़बड़ी और फर्जीवाड़ा का आरोप शासकीय जिला चिकित्सालय प्रशासन पर लगाया है। कोतवाली पुलिस को सौंपी गई शिकायत पत्र में उल्लेख किया गया है कि दिनांक 5 सितंबर 2023 को शारदा हॉस्पिटल में 05:43 पर ऑपरेशन से एक नवजात शिशु का जन्म हुआ । जिसके जन्म के उपरांत महिला चिकित्सक श्रद्धा द्विवेदी एवं डॉ.मनीष मिश्रा के द्वारा बेहतर इलाज के लिए नवजात शिशु को चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। दोनों चिकित्सकों का कहना था कि गर्भ के दौरान बच्चे के मुंह में गंदा पानी चला गया है तो उसका जिला चिकित्सालय में बेहतर इलाज होगा। चिकित्सकों के कहने पर 5 सितंबर 2023 को ही अपने बच्चे का जिला चिकित्सालय में शाम 5 बजे भर्ती कराया और इलाज चालू हुआ 6 दिनों तक इलाज चलता रहा और बच्चा स्वस्थ रहा ।
नवजात को मृत बताकर परिजन से कराए हस्ताक्षर
दिनांक 10 सितंबर को शाम 5:30 बजे के करीब चिकित्सकों ने यह कहकर बुलाया गया कि बच्चा सीरियस है एवं सांसे रुक रही हैं बच्चे को ऑक्सीजन लगाना होगा और ऑक्सीजन लगाने के 10 मिनट बाद परिजनों कों यह बताया कि बच्चा एकसपायर हो गया है । परिजनों ने यह भी आरोप लगाया है कि जब मृत बच्चे के साथ उन्हें डिस्चार्ज किया गया तों बच्चे की कोई भी प्रमाणित पहचान नहीं बताई गई!
किया अंतिम संस्कार आया फोन
दिनांक 11 सितंबर को श्रीकांत कुशवाहा पिता गुन्नू राम कुशवाहा 33 वर्ष की पत्नी प्रिया कुशवाहा पति श्रीकांत कुशवाहा 25 वर्ष निवासी तेवरी स्लीमनाबाद जिला कटनी नें बच्चे को घर ले जाकर उसका अंतिम संस्कार किया। उसी दिन रात्रि 9:43 बजे करीब जिला चिकित्सालय कटनी से मोबाइल नंबर क्रमांक 9630379815 सें परिजनों कों फोन किया कि आपका बच्चा यहां भर्ती है उसको इंजेक्शन लगना है और दूध पिलाना है आप लोग अस्पताल आ जाएं। शोकाकुल परिवार को इस बात से काफी आश्चर्य भी हुआ और काफी आहत भी हुए ! शोकस्तंभ की स्थिति में परिजनों को लगा की गलती से फोन आया होगा फिर रात 10:04 pm पर फोन आया आपका बच्चा भर्ती है इंजेक्शन लगाना है और दूध पिलाना है तो आप तुरत आइये इस विषय पर नवजात शिशु के परिजनों द्वारा डॉ. मनीष मिश्रा एवं डॉ. नीलम सोनी को रात में कॉल लगाकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी ।
परिजनों नें संदेह व्यक्त किया है कि अस्पताल के कर्मचारियों की मिलीभगत से अदलाबदली कर मृत बालक को हमारा बताकर हमें दूसरे का बच्चा सौंपा गया
डाक्टरों नें कहा की सुबह आकर हमसे मिले तब उनके कहने पर परिजन रात में नही गए। सुबह परिजन जब अस्पताल पहुंचे तों डाक्टरों नें कहा कि आपका बच्चा एक्सपायर हो गया है गलती से फोन लगाया गया था । परिजनों का आरोप है कि आखिरकार डिस्चार्ज होने के बाद गलती से कैसे फोन लगाया जा सकता है। दो सें तीन बार जिला अस्पताल सें फोन लगाया गया। परिजनों नें संदेह व्यक्त किया है कि अस्पताल के कर्मचारियों की मिलीभगत से अदलाबदली कर मृत बालक को हमारा बताकर हमें दूसरे का बच्चा सौंपा गया है । चूंकि बच्चा इलाज के दौरान स्वस्थ था एवं एकदम से तबीयत खराब नहीं हो सकती थी अतः अस्पताल प्रशासन के द्वारा हुई चूक की जांच होना आवश्यक है जो की बार बार किए गए फोनकाल से संदेहपूर्ण घटनाक्रम की पुष्टि होती है। परिजनों ने सौंपी गई शिकायत पत्र में मांग की है कि जिला चिकित्सालय कटनी द्वारा की गयी इलाज संबंधी अनियमितता की जाँच की जाये एवं जो बच्चा सौंपा गया उसकी डीएनए जांच कराकर बच्चे की पुष्टि करायी जाये एवं एक अतिरिक्त बच्चा माँ प्रिया चौधरी निवासी माधवनगर जिसके संबंध ने कॉल आया था जिसको डिस्चार्ज किया जा चुका है अतः उसकी भी डीएनए जांच कराई जाये एवं जिला चिकित्सालय द्वारा की गयी पूरी इलाज की कार्यवाही का खुलासा किया जावे एवं दोषी पाये जाने पर अस्पावन कर्मचारी जो इसमें शामिल हो उनके विरुद्ध दंडात्मक कानूनी कार्रवाई की जाए ।