मध्यप्रदेश में झींगा मछली का अस्तित्व बचाने सरकार नवाचार करने की तैयारी

संजय शुक्ला
शहडोल। भारत सरकार भी इस दिशा में खास योजना बना चुकी है। इसके पालन और अस्तित्व को बचाने के लिए मध्यप्रदेश में आठ सौ हैक्टेयर में झींगा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसमें शहडोल में 60 हैक्टेयर में झींगा मछली का पालन किया जायेगा।अब तक यह नदी और बांध में ही पाई जाती थीः वर्तमान रमें झींगा मछली की कुछ प्रजातियां सोन नदी में भी पाई गई है किन्तु लगातार प्रदूषण के चलते इसकी प्रजातियां विलुप्त होने लगी है।
मछुआरों के जीवन में बदलाव आयेगा
इसका बीज भुवनेश्वर से लाया जायेगा। झींगा उत्पादन से जिले की अनुसूचित जनजातियों के लिये आजीविका के नए अवसर बनेंगे साथ ही कुपोषण से आ रही विभिन्न प्रकार की बीमारियों से भी झींगा मछली का सेवन लाभप्रद सिद्ध होगा।झींगा मछली को ऐसे जानेः झींगा एक मांसाहारी खाद्य है। जो मानसिक एवं शारीरिक विकासमें मदद करता है।
इसका शरीर तीन हिस्सों में विभाजित होता है और इसके छोटे-छोटे पैर होते हैं। इसकी ढाई हजार से अधिक प्रजातियां है।स्वास्थ्य के लिये फायदाः झींगा मछली हृदय, मस्तिष्क को स्वस्थ रखती है। इसमें प्रचुर मात्रा(80 प्रतिशत तक) में प्रोटीन पाया जाता है जो कि मानव जीवन के लिये बहुत ही उपयोगी होता है। इसमें विटामिन-डी, विटामिन बी-3, एंटीआक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेंट्री गुण पाये जाते हैं।
सभी विकासखण्ड में तालाबों एवं जलाशयों में नवाचार के तौर पर लिया जायेगा व आत्मा परियोजना से भी झींगा पालन के लिये मछुआरों एवं किसानों को प्रशिक्षण दिया जावेगा।