51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का भव्य समापन, हजारों की संख्या में लोगों ने दी आहुति
गिरीश राठौड़
अनूपपुर/ अखिल विश्व गायत्री परिवार गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के मार्ग दर्शन में वैज्ञानिक अध्यात्म वाद के प्रणेता युग ऋषि वेद मूर्ति तपोनिष्ट पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी एवं वंदनीय माता भगवती देवी शर्मा जी के सूक्ष्म संरक्षण में प्राणी मात्र के कल्याण तथा समाज में सर्वजन सुखाय की भावना से यह आयोजन जिला अनूपपुर परिवार के बैनर तले विवेकानंद स्मार्ट सिटी ग्राउंड में 51 कुण्डीय राष्ट्र जागरण विराट गायत्री महायज्ञ के आयोजन अंतिम दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर पूर्ण आहुतियां दीं।
श्रद्धालुओं ने यज्ञ वेदी के समक्ष अवगुण त्यागने का संकल्प लिया। श्रद्धालुओं ने यज्ञ स्थल के परिक्रमा के बाद भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया
20 फरवरी दिन मंगलवार को अनूपपुर में चार दिवसीय गायत्री महायज्ञ का समापन हो गया। अंतिम दिन 51 कुंडीय महायज्ञ में गायत्री परिवार व क्षेत्रीय श्रद्धालुओं ने वैदिक मंत्रों के साथ पूर्ण आहुतियां दीं। सबसे पहले गायत्री परिवार की टोली ने तिलक लगाकर श्रद्धालुओं का स्वागत किया। इसके बाद यज्ञ वेदी के समक्ष बैठाकर जनेऊ और दीक्षा संस्कार कराया। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ की शुरूआत हुई। शक्ति पीठ के साधकों ने पीत वस्त्र धारण किए श्रद्धालुओं को विधिवत रूप से यज्ञ में आहुतियां दिलवाई। श्रद्धालुओं ने परिवार की सुख शांति और राष्ट्र कल्याण के लिए कामना की। साथ ही पूर्ण आहुति में अपने अवगुणों का त्याग करने का संकल्प लिया। इस दौरान गायत्री मंत्रों के उच्चारण से पंडाल गूंज उठा।
गायत्री मंत्र में चारों वेदों का सार
शांतिकुंज हरिद्वार से आए श्री प्रमोद वार्चे जी ने बताया कि गायत्री मंत्र चारों वेदों का सार है। वेदों में पहले ही लिख दिया कि संभल की पावन भूमि पर भगवान अवतार लेंगे और पापियों का अंत होगा। इसलिए अपने अंदर फैली कुरीतिओं को दूर कर भगवान के ध्यान में लग जाएं। अगर समय कम हो तो सोते समय गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए सोने के प्रयास करें। युवाओं से आह्वान किया कि मोबाइल का सदुपयोग करें।
43 लोगों ने लिए संस्कार
,51 में कुण्डीय राष्ट्र जागरण विराट गायत्री महायज्ञ में कई परिवारों ने गायत्री संस्कार लिए जिसमें गुरु दीक्षा संस्कार 12, अन्नप्राशन संस्कार 2, विद्यारम्भ संस्कार 16, मुंडन संस्कार 4, पुष्पवन संस्कार 9 , इस प्रकार अनूपपुर में चार दिवसीय महायज्ञ में मंगलवार को अंतिम दिन 43 परिवारों को वेदमंत्रों के बीच गायत्री संस्कार दी गई। साथ ही उन्हें जनेऊ पहने के नियम बताए गए। नियमित सुबह शाम गायत्री मंत्र का जाप करने और अपने अंदर के सारे अवगुणों का त्यागने का आह्वान कराया।
भंडारे में किया प्रसाद ग्रहण
अनूपपुर गायत्री परिवार द्वारा चलाए जा रहे , देवी भोजनालय में महायज्ञ के समापन पर विशाल भंडारे में श्रद्धालुओं ने हलुवा, सब्जी ,पूड़ी , कढ़ी चावल दाल आदि का प्रसाद ग्रहण कर पुण्य कमाया। साथ ही पूरी श्रद्धा के साथ भंडारे में श्रम किया। भारी भीड़ के चलते महिला-पुरुषों को अलग-अलग बैठने के स्थान बनाए गए थे।
साहित्य और धार्मिक पुस्तकों की जमकर हुई बिक्री
यज्ञ स्थल में शांतिकुंज हरिद्वार की ओर से पुस्तकों के स्टॉल लगाए गए। इस दौरान धार्मिक और साहित्य पुस्तकों की खूब बिक्री हुई। श्रद्धालुओं ने पीले वस्त्र खरीदने के साथ ही यज्ञ संबंधित सामग्री भी खरीदी।