हरीश ने सगे भाई महेश का बनवाया फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र

0

जमीन के लिए सगे भाई से की धोखाधड़ी, कलेक्टर कार्यालय पहुंची शिकायत

(Amit Dubey-8818814739)
उमरिया। कलेक्टर कार्यालय में शिकायतकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई है कि फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर राजस्व अभिलेख में फौती नामांतरण करवाकर हरीश उर्फ हर्ष दासवानी पिता नारायण दासवानी के विरूद्ध जांच की जाये, शिकायतकर्ता ने बताया कि ग्राम छटन कैंप ज.नं. 45 हल्का उमरिया खसरा नंबर 6 रा. नि.मं. 01 उमरिया तहसील बांधवगढ़ के आराजी खसरा नंबर 1670/1/झ रकवा 0.012 हेक्टेयर में नारायण दासवानी का नाम वर्ष 2011-12 तक रिकार्ड में दर्ज था, लेकिन नारायण दासवानी की मृत्यु 28 दिसम्बर 2008 को हो गई थी, जिसका फौती नामांतरण पंजी क्रमांक 41 आदेश दिनांक 12 अक्टूबर 2009 को फौती नामांतरण दर्ज की गई। जिसमें स्व. नारायण दास की पत्नी कमला दासवानी, पुत्रगण हरीश दासवानी, महेश दासवानी का नाम फौती नामांतरण में दर्ज किया गया। जिसका फौती नामांतरण का आवेदन तहसीलदार न्यायालय बांधवगढ़ में दिया गया था, जिसमें हरीश दासवानी द्वारा आवेदन पत्र के साथ 14 अक्टूबर 2009 को नोटरी से तस्दीक कराकर शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया गया।
जीवित है महेश
वर्ष 2013 से 2016 तक महेश दासवानी जो कि स्व. नारायण दास दासवानी का पुत्र था, उसका नाम खसरा से विलोपित था, तो महेश दासवानी की फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र उसके भाई हरीश उर्फ हर्ष दासवानी द्वारा नगरपालिका से बनवाया गया, जिसमें मृत्यु 07 जून 2014 अंकित है, मृत्यु प्रमाण पत्र में सूचनाकर्ता का नाम हर्ष दासवानी लिखा हुआ है, जो कि साफ तौर पर फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर राजस्व अभिलेख से छेडख़ानी की गई, जबकि महेश दासवानी जीवित था तो, हरीश उर्फ हर्ष दासवानी द्वारा फर्जी तरीके से क्यों मृत्यु प्रमाण पत्र पत्र तैयार किया गया।
न्यायालय को किया गुमराह
25 अक्टूबर 2016 को तहसीलदार न्यायालय बांधवगढ़ के समक्ष हरीश ने फौती में नाम जुड़वाने का आवेदन किया, जिसमें कमला दासवानी बेवा नारायण दास दासवानी एवं महेश दासवानी निवासी सिंधी कालोनी वार्ड नंबर 5 तहसील बांधवगढ़ का लिखित बयन भी लिया गया, जिसमें दोनों लोगों के हस्ताक्षर एवं तहसीलदार बांधवगढ़ एवं हल्का पटवारी बृजलाल विश्वकर्मा के हस्ताक्षर बने हुए हैं, जबकि महेश दासवानी के वर्ष 2013 से 2016 तक कहां थे, इस बात का कोई भी साबूत या प्रमाण नहीं प्रस्तुत किया गया है। हरीश उर्फ दासवानी द्वारा राजस्व न्यायालय को भी गुमराह करते हुए अपने भाई महेश दासवानी की फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति की कापी न्यायालय में पेश कर न्यायालय को भी गुमराह किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed