संरक्षित क्षेत्र के बाउंड्री से सटकर बन रहा है रिसोर्ट

मामला बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र का
ताला। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन के नाक के नीचे संरक्षित क्षेत्र के बाउंड्री वॉल से सटाकर अवैध रिसोर्ट का निर्माण कराया जा रहा है। स्थानीय जनों के सूचना देने के उपरांत रिसोर्ट का कागजात उपरोक्त रिसोर्ट की एनओसी व लकडिय़ों के संबंध में कागजात प्रबंधन के कर्मचारियों द्वारा 03 दिन पहले हो रहे कार्य पर समीक्षा की गई थी। रिसोर्ट निर्माण व लकडिय़ों के संबंध में कोई वैध कागजात ना प्राप्त होने के कारण कार्य निर्माण को रोक दिया गया था। सूत्रों की जानकारी के अनुसार फिर विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत में रणनीति तैयार कर, पुन: कार्य चालू करने की तैयारी चल रही है, जिससे निर्माण कार्य पूरा हो सके।
प्रबंधन की मिली भगत
सूत्रों की मानें तो विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत पर फिर से एक बार बिना कागजातों की जांच-पड़ताल व बिना एनओसी एवं गड़बड़ी पाए जाने व रोके जाने के बाद चालू कर दिया गया है। जिससे साफ प्रतीत होता है कि कुछ न कुछ आपसी मिलीभगत पर सौदा पर कार्य को अंजाम देने का रास्ता निकाला गया है। कार्य पूर्ण कराने के लिए व्यक्तिगत घर का नाम दिया गया है किंतु बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व संरक्षित क्षेत्र के गेट नंबर-03 खितौली जोन बाउंड्री वॉल लगा हुआ है, जहां हर रोज वन्य प्राणी व बाघ का खितौली जोन से बमेरा जोन संरक्षित क्षेत्र का कारीडोर मार्ग है। जिससे सटकर निर्माण कराने वाला मालिक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के आसपास के क्षेत्र का निवासी नहीं है, उपरोक्त जमीन काफी कीमत में क्रय की गई है और पूरा कार्य रिसोर्ट के रूप में निर्माण किया जा रहा है, महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि संरक्षित क्षेत्र के बाउंड्री वॉल से सटकर फार्म हाउस, घर या रिसोर्ट बनाने का औचित्य क्या है जो जांच का विषय है।
यह कहते हैं नियम
भारत राजपत्र के अनुसार 14 दिसम्बर पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय अधिसूचना 13 दिसंबर 2016 के पेज क्रमांक-5 पर दर्शित कंडिका 12 के उप नियम 9 के उद्योग इकाइयां के नियमानुसार कोई भी कांट्रेक्शन संरक्षित क्षेत्र के सीमा व संवेदनशील जोन में विस्तार सीमा तक के 01 किलो मीटर के परिध में अनुज्ञात नहीं होंगे, किंतु बांधवगढ़ में भारत राजपत्र की खुलेआम सोदे के बल पर धज्जियां उड़ाई जा रही है और उपरोक्त राजपत्र के उल्लंघन के संबंध में मानपुर बफर जोन के अधिकारी चुप्पी साधे हुए है।
लगातार हो रहा निर्माण, ठंडे बस्ते में जांच
उप वन मंडल मानपुर वन पर क्षेत्र का कोई यह पहला मामला नहीं है, उपरोक्त क्षेत्र के कर्मचारियों द्वारा अपने निजी व्यक्तिगत लाभ हेतु धीरे-धीरे कार्य करवा देते हैं, फिर उपरोक्त कार्य निर्माण की जांच करते हैं और मामला ठंडे बस्ते में विचाराधीन रहता है। इस तरह से पूर्व में कई अवैध रिसोर्ट निर्माण करा दिए गए हैं। जिसके संबंध में तत्कालीन उपवन संचालक सिद्धार्थ गुप्ता द्वारा नोटिस भी जारी किया गया था, किंतु अभी तक मामला ठंडे बस्ते में है, फिर से उसी राह पर बफर जोन में नए मामला तैयार हो रहे हैं। स्थानीय जनों का कहना है कि प्रशासन इसी तरह से संरक्षित क्षेत्र के बाउंड्री वॉल के आसपास पक्का कांट्रेक्शन करवाती रही तो वन्य भूमि जीवों की हितों की रक्षा कभी नहीं की जा सकेगी ।