ऐतिहासिक रहेगी वीरांगना रानी दुर्गावती गौरव यात्रा :हिमाद्री

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6 दिनों तक आयोजित होंगे गरिमामयी कार्यक्रमभोपाल। मध्यप्रदेश की प्रमुख जनजाति गोंड हैं, गोंड राजवंश ने 52 गढ़ों के विस्तृत साम्राज्य पर 63 गोंड राजाओं ने 1400 वर्षो तक अपना शासन किया। महाराजा संग्राम शाह (1510-1543 ई.), राजा दलपत शाह, राजा वीर नारायण, रानी दुर्गावती, राजा चन्द्रशाह, राजा हिर्देशाही, राजा निजाम शाही एवं 1857 में अंग्रेजो के विरुद्ध लड़कर शहीद हुए राजा शंकर शाह एवं कुँवर रघुनाथ शाह प्रमुख हैं।

राजा संग्राम शाह के पुत्र राजा दलपत शाह (1543-1550 ई.) से रानी दुर्गावति (जन्म 05 अक्टूबर 1524 ) का विवाह हुआ, इनके पति दलपत शाह की मृत्यु उपरांत रानी दुर्गावती ने 1550 से 1564 तक अपना शासन किया, अकबर के सरदार आसफ़ ख़ान से युद्ध में 24 जून 1564 को रानी दुर्गावती का जबलपुर के नर्राई नाला क्षेत्र में युद्ध में बलिदान हुआ। रानी दुर्गावती को आज भी सर्व सामान्य व गोंड जनजातीय समाज अपनी रानी, रणचंडी, संरक्षिका एवं देवी के रूप में अनन्य श्रद्धा का भाव रखते हैं।

शहडोल से संसदीय क्षेत्र की सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह ने बताया कि प्रतिवर्ष 24 जून को रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस प्रदेश के कई जिलो में श्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है वर्तमान में जितने प्रमुख स्मारक रानी दुर्गावती पर बने है, अधिकांश वे सभी भाजपा के शासन काल में बनाये गए है । गोंड बहुल सभी क्षेत्रों में बलिदान दिवस के कार्यक्रम बड़ी संख्या में आयोजित किये जाते है। आगामी 24 जून को भी पूरे प्रदेश में रानी दुर्गावती बलिदान दिवस मनाया जायेगा | चूंकि स्थानीय स्तर पर बलिदान दिवस कार्यक्रम मनाये जाते है, इसलिए बलिदान दिवस हेतु समाज द्वारा बड़े कार्यक्रम एक सप्ताह तक आयोजित होते है ।

रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस में देश के प्रधानमंत्री अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, रानी दुर्गावती की बलिदान गाथा को जन-जन तक पहुँचाने हेतु रानी दुर्गावती बलिदान दिवस गौरव यात्रा का शुभारंभ 22 जून को बालाघाट में गृह मंत्री अमित शाह के हाथों से होगा, यह यात्रा रानी दुर्गावती के जीवन से जुड़े सभी प्रमुख स्थानों से होकर गुजरेगी एवं इसका समापन 27 जून को शहडोल में होगा, बलिदान दिवस निमित कार्यक्रम के समापन में मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी होंगे। यह मध्यप्रदेश के लिए गौरव का अवसर है जिसमें मध्यप्रदेश की गौरव रानी दुर्गावति के बलिदान को स्मरण करने स्वयं प्रधानमंत्री पधार रहे हैं। पूरी यात्रा के संयोजक निशांत खरे अध्यक्ष युवा आयोग होंगे। जबकि सम्पूर्ण यात्रा का कन्ट्रोल रूम भोपाल में होगा, प्रशासनिक समन्वय लक्ष्मण सिंह मरकाम अपर सचिव, मुख्यमंत्री होंगें।छः दिनों तक चलने वाली यह एतिहासिक यात्रा बालाघाट शुरू होगी ,जिसका शुभारंभ द्वारा गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किया जाएगा, यात्रा का प्रभारी फग्नसिंह कुलस्ते केन्द्रीय मंत्री को बनाया जायेगा

यह है यात्रा का विवरण

इसके उपरांत बालाघाट में 22जून बैहर – रात्रि विश्राम ,बिछिया-दोपहर 12 बजे 23 जून,डिंडोरी रात्रि विश्राम 23 जून,पुष्पराजगढ़ रात्रि विश्राम 24 जून,अनूपपुर दोपहर 12 बजे 25 जून,जैतपुर – रात्रि विश्राम 25 जून,अंतिम पड़ाव शहडोल – रात्रि विश्राम 26जून को रहेगा।

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