अरे इसने तो हद कर दी ….भाजपा जिलाध्यक्ष को नहीं जानता #वायरल ऑडियो

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शहडोल । देश ही नहीं बल्कि विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी और उसके एक जिला अध्यक्ष को अदना सा पुलिस या परिवहन विभाग का कर्मचारी इतने रौब से बात कर लेगा यह तो समझ से परे है, बात बिल्कुल समझ से परे हैं, वायरल आडियो में जब दूसरे पक्ष की ओर से यह स्पष्ट आवाज आई कि मैं भारतीय जनता पार्टी का जिला अध्यक्ष बोल रहा हूं, एक बार नहीं दो-दो बार बताया गया कि भाजपा का जिला अध्यक्ष बोल रहा हूं, उसके बाद भी सामने वाले जांच अधिकारी ने इसे हल्के से ले लिया, समझ में नहीं आ रहा अधिकारी है या फिर अगले कुछ महीनो में खुद इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने की रणनीति को फाइनल कर चुका है,तभी इतने दम खम से बोलने की ताकत उसमे आ चुकी है,ऑडियो में दूसरे तरफ से जिसकी आवाज आ रही है और जिसने अपना नाम बताया है वह मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के भाजपा के जिला अध्यक्ष कमल प्रताप है ऐसा अंदाजा लग रहा है..??

हालांकि हम इसकी पुष्टि नहीं करते, करें भी कैसे जब कमल प्रताप को इसकी पुष्टि के लिए फोन लगाया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया, बल्कि उनके एक खास सिपहसलार ने बताया कि यह ऑडियो तो हमारे पास भी आया है, दादा की आवाज है ऐसा लग रहा है,लेकिन अब दादा से पूछे कौन, की दादा को किसने चमका दिया, चमकाने के बाद गाड़ी छोडी या फिर जुर्माना लगा दिया, आडियो में दादा ने कहा था मैं आ रहा हूं,दादा गए हैं या फिर दादा कुछ काम का बहाना बना कर डर के मारे घर पर ही रह गए, यह अलग बात है इसकी जांच होनी चाहिए, आखिर इतने बड़े राजनीतिक दल के मुखिया से इस तरह से बात नहीं करनी चाहिए, नैतिकता भी नहीं कहती की कोई किस इस तरह की बात करें, आखिर नेताजी अपने घर के लिए थोड़ी ना सिफारिश कर रहे थे, दूसरे तरफ का आदमी कौन था, जिसने नेता जी को मौके पर आने की बात कह दी, सुनने के बाद फिर कह दी, कि वह भाजपा के जिला अध्यक्ष है ।

हमें तो ऐसा लग रहा है कि यह व्यक्ति या तो पश्चिम बंगाल,केरल या फिर झारखंड से आया हुआ है और वहां के नेताओं से प्रेरित है,तभी तो उसे मध्य प्रदेश और यहां की रीत नहीं मालूम। पर हमें तो मालूम है इसीलिए हम ना तो ऑडियो की पुष्टि करते हैं और नहीं इस बात का दावा करते हैं कि दूसरी तरफ से आ रही आवाज और अंदाज शहडोल संभाग के किसी पुलिस अधिकारी का है,इस पूरे मामले में पुलिस अधिकारी कह रहे हैं कि ना तो हम हैं और नहीं हमारे विभाग का कोई है यही बात परिवहन विभाग के भी कह रहे हैं कि इस तरह की बात तो हमारे विभाग का कोई नहीं कर सकता, हां परिवहन विभाग में एक उड़न दस्ता भी है वहां भी चर्चा की गई तो उन्होंने भी इसका खंडन कर दिया, अब जाकर बचे निर्वाचन आयोग के नाके जहां नए-नए रंग रूट इन दिनों बैठे हैं, लेकिन आखिर है तो वह भी मध्य प्रदेश के ही, देखते हैं कौन आगे आता है और किस में इतना दम है जिसने यह बात कर ली और चुपचाप चुप्पी साध कर बैठ गया,आपको पता चले तो हमें जरूर बताइएगा,हम भी लगे हुए हैं कि आखिर कौन है जिसमें इतना दम है।

सुनिए वायरल ऑडियो

 

 

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