पटवारी हत्याकांड मामले में माननीय की चुप्पी संदेहास्पद
भाजपा विधायक पर लगे रेत माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप
(शुभम तिवारी)
शहडोल। 25 नवंबर को ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र में रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन के मामले में पटवारी की मौत हो गई इस मामले में कांग्रेस जहां खुलकर सत्ताधारी दल पर खनिज माफिया को संरक्षण देने के आरोप लगाकर शिवराज सरकार को घेर रही है कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तक ने मामले को संज्ञान में लिया और भाजपा पर कड़े प्रहार किया बीते दिवस पटवारी संघ ने इस मामले में राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप न्यायिक जांच करने सहित अन्य मांगे रखी।
इस पूरे मामले में अभी तक ब्यौहारी से भारतीय जनता पार्टी के विधायक शारद कोल की चुप्पी खुद सवालों के कटघरे में खड़ी कर रही है शरद कोल पर पूर्व में भी खनिज माफिया को संरक्षण देने के आरोप लगते रहे हैं। बीते पास साल पहले शरद कोल भाजपा से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे उस समय शरद के द्वारा ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को लेकर बयान बाजी की गई थी धरने में बैठने तक की बातें सामने आई थी कुछ दिनों तक यही चलता रहा और बाद में यह चर्चा होने लगी कि शरद का मैनेजमेंट हो जाने के बाद उन्होंने चुप्पी साध ली है कांग्रेस लगातार शरद कोल पर यह भी आरोप लगाती रही है कि ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र में होने वाले रेत के अवैध कारोबार में शरद की साझेदारी है वर्तमान में लगभग एक माह से आदर्श आचार संहिता लागू है मतदान भी हो चुके हैं और 3 दिसंबर को ब्यौहारी सहित मध्य प्रदेश व अन्य चार राज्यों की परिणाम आने हैं इन सब के बीच 25 नवंबर को हुए हादसे ने ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र और यहां पर रेत के बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध उत्खनन और परिवहन को सुर्खियों में ला दिया है शरद कोल की चुप्पी कहीं ना कहीं इस बात की और इंगित भी करती है कि जो कुछ भी हो रहा था कहीं ना कहीं शरद कोल के संज्ञान में था या फिर उनके संरक्षण में या फिर उनके ही आदमियों के द्वारा किया जा रहा था चुप्पी इस बात की और भी इशारा करती है कि अवैध खनन के लाखों के कारोबार में दाल में काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली थी और यही कारण है कि शरद कोल इस मामले में बैक फुट पर नजर आ रहे हैं शरद की चुप्पी को लेकर राजनीतिक गलियारों से लेकर हर जगह चर्चाएं होने लगी है शरद कॉल के विधानसभा क्षेत्र में इतना बड़ा मामला कारित हो गया और जनप्रतिनिधि का एक बयान तक जारी नहीं हुआ जबकि दूसरे तरफ कांग्रेस के प्रत्याशी और जिला कांग्रेस कमेटी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ब्यौहारी लगातार इस मामले में शरद कोल और भारतीय जनता पार्टी को घेरती हुई नजर आ रही है साथ ही पीड़ित परिवार के साथ खड़े होकर प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं,कांग्रेस ने चरकवाह में भी लंबे समय से चल रहे रेत के अवैध उत्खनन पर भी प्रशासन से कार्यवाही करने की बात कही है।