लापता बालिका के वापिस मिलने और शाला पहुंचने तक मानवीय चेहरों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

लापता बालिका के वापिस मिलने और शाला पहुंचने तक मानवीय चेहरों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
कटनी। शंकर मंदिर के पास बैलट घाट निवासी बनौरिया सतनामी की 10 वर्षीय पुत्री रवीना इस दुनिया की उन चुनिंदा खुशकिस्मत बच्चियों में से एक मानी जा सकती है जो मानवता और मानवीय संवेदनाओं से बार बार अभिसिंचित हुई है। रवीना की छात्रावास में प्रवेश तक का सफर भी बड़ा ही रोमांचित करने वाला है। करीब 4 माह पूर्व 19 जून को घर से यह बालिका बिना किसी को कुछ बताए मुड़वारा स्टेशन पहुंच गई और वहां अनजाने में किसी ट्रेन में बैठकर सरकुंडा बिलासपुर छत्तीसगढ़ पहुंची। जहां उसे लावारिस भटकते देख एक सहृदयी ऑटो चालक ने मानवीय दृष्टिकोण और जागरूक नागरिक का कर्तव्य निभाते हुए उसकी फोटो खींच कर ये जानकारी संबंधित थाना पुलिस को दी। पुलिस ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए तत्परता दिखाई और बालिका को अपने संरक्षण में लेकर बाल कल्याण समिति बिलासपुर के सामने प्रस्तुत किया। जहां से उसे वहां के बालिका गृह में संरक्षित किया गया। बाल कल्याण समिति द्वारा बालिका की पतासाजी के लगातार प्रयास किए गए और इन्हीं प्रयासों को सफलता दो माह बाद कटनी जिले की कोतवाली पुलिस से संपर्क स्थापित होने पर मिली। जब बालिका की गुमशुदगी के संबंध में जानकारी लेने पर कोतवाली पुलिस ने उक्त बालिका के पिता की सूचना पर अपहृत होने का मामला दर्ज होने की बात बताते हुए बालिका को दस्तयाब करने तत्काल कोतवाली पुलिस की एक टीम बिलासपुर रवाना की, जहां से उसकी सुपुर्दगी हासिल कर उसे न्यायालय में पेश कर उसके परिजनों को सौंपा गया। 20 अगस्त को पुत्री रवीना उनके पिता बनौरिया और मां शकुंतला को तो मिल गई। वही दिव्यांग पिता की चिंता दूर करते हुए कलेक्टर ने उसके पुत्र और पुत्री का प्रवेश तत्काल शासकीय आवासीय छात्रावासों में कराकर उनकी शिक्षा का मार्ग प्रसस्थ् किया है। बुधवार को कलेक्टर, एसपी , सीएसपी द्वारा बच्चों को पुस्तकें, स्कूल बैग आदि प्रदान की गई, जिसे पाकर बच्चो के चेहरे खिल उठे।