कलई खुली तो, फर्जी मामले में दी फंसाने की धमकी

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मामला ग्राम पंचायत पनपथा के भ्रष्टाचार का

मीडियाकर्मी से दी पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत

उमरिया। जिले के पंचायतों में जिस तरह से सचिव और रोजगार सहायकों द्वारा मिली भगत कर सरकारी खजाने में लूट मचाई गई है, उससे जिले के जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसा ही एक मामला जिला मुख्यालय से सुदूर स्थित पनपथा पंचायत का आया है, जहाँ पंचायत में मुरुम, रेत और ईट तथा अन्य कार्यों के दर्जनों बिल लगाकर भुगतान अपने निजी खाते में लिए गए हैं जो लाख रुपये के हैं, जबकि जानकारी के अनुसार सरपंच पनपथा के नाम से एक भी मुरुम व रेत खदान और ठेकेदारी का पंजीयन नहीं है, न मुरूम खदान की लीज स्वीकृत है। बगैर रॉयल्टी की मुरुम व रेत से शासन के राजस्व को क्षति पहुंचाई गई, तो वहीं दूसरी ओर पनपथा पंचायत के जिम्मेदार करिन्दों ने आपसी मिलीभगत कर बगैर रॉयल्टी की सैकड़ो ट्रॉली मुरुम व रेत का निर्माण कार्य करा लिया, उपरोक्त मुरुम और अन्य कार्य की एवज में अपने निजी खाते में भुगतान भी प्राप्त कर लिया है, जो नियम विरुद्ध है, जो कि वित्तीय भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा उदाहरण है। खबर है कि कई ट्राली मुरुम तो सचिव व सरपंच के कृपा की भेंट चढ़ गई, अर्थात मुरुम का फर्जी बिल लगाकर शासकीय राशि में सेंधमारी की गई है, जहां जिम्मेदारों ने भी कार्यवाही की बजाय चुप्पी साध ली।
यह हुआ कारनामा
पनपथा ग्राम पंचायत में बाउंड्री वाल से लेकर सड़क निर्माण पंचायत के द्वारा कराया गया, जिसमें मुरुम परिवहन, रेत सप्लाई के नाम पर लाखों रुपये का भुगतान अपने निजी खाता में सरपंच के द्वारा खुद करवा लिया गया, वहीं दूसरी ओर शौचालय निर्माण के नाम पर कई व्यक्तियों के नाम पर फर्जी बिल लगाकर भुगतान किया गया, यही नहीं पंचायत में सेटअप बॉक्स रिचार्ज के नाम पर 6 हजार, तो वहीं हैंडपंप मरम्मत के नाम से नौ हजार सात सौ पचास रुपये के आहरण किये गए, जो संदिग्धता की ओर इशारा कर रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार सरकारी हैण्डपम्प का मरम्मत के नाम पर फर्जी बिल भुगतान किया गया, साथ ही मुरुम परिवहन का बिल भी फर्जी भुगतान कर पंचायत की राशि में बंदरबांट किया गया।
मीडिया कर्मी को मिली फोन में धमकी
पनपथा सरपंच द्वारा किये गये उपरोक्त कारनामों को जब मीडिया कर्मियों ने उजागर किया तो सरपंच पति ने अपने पंचायतों के कार्य करने वाले कई आदमियों से मीडिया कर्मियों के फोन पर धमकाते हुए समाचार रोकने की बात कही और कहा गया कि यदि समाचार नहीं रोका जाता तो हमारे पास आदिवासी महिलाएं हैं, महिलाओं से कोई ना कोई मुकदमा लगाकर फंसवा दूंगा, जिसकी सूचना मीडिया कर्मी द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी दर्ज कराई गई है।
जांच की मांग
पनपथा पंचायत में जिस तरह से शासकीय राशि की होली खेली गई है, उपरोक्त संबंध में जिला पंचायत सीईओ के यहां लिखित रूप में समस्त वाउचर के साथ शिकायत प्रस्तुत की गई है और जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी से नागरिकों की मांग है कि सचिव व रोजगार सहायक के द्वारा कराए गए भुगतानों की निष्पक्षता से जांच कराई जाए, तो भ्रष्टाचार की पर्तों से पर्दा उठ जाएगा। जिस तरह से आपसी मिली भगत कर सरकारी पैसों की होली खेली गई, उसमें अन्य ऐसे फर्जी भुगतानों के राज से पर्दा उठ जाएगा जिसके कार्यों का धरातल में कोई पदचिन्ह नहीं है।

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