केन्द्रीय चिकित्सालय में नेत्र रोग विशेषज्ञ की पदस्थापना नहीं हुई तो धरने पर बैठेंगे हबीब

(सुनील मिश्रा) -9755476196
धनपुरी। कहने को तो केंद्रीय चिकित्सालय आईएसओ प्रमाणित चिकित्सालय है लेकिन वर्तमान समय में यह अस्पताल प्रबंधन की उदासीनता का शिकार होकर अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है, चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी काफी लंबे अरसे से बनी हुई है, अधिकांश समय चिकित्सालय में जीवन रक्षक दवाइयों का अभाव बना रहता है। वर्तमान समय में ड्यूटी करने वाले कोयला कर्मचारी तो चिकित्सा सुविधाओं में मची भर्रेशाही की वजह से परेशान रहते ही हैं, सेवानिवृत्त कर्मचारी भी काफी परेशान होते हैं। सोहागपुर क्षेत्र अंतर्गत श्रमिकों के हितों की बात करने वाले श्रमिक नेता अपना हित साधने में लगे हुए हैं, इन सोए हुए श्रमिक नेताओं एवं प्रबंधन की उदासीनता की वजह से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने वाले केंद्रीय चिकित्सालय के आंसू पोछने का बीड़ा सेवानिवृत्त सीनियर ओवरमैन हाजी अब्दुल हबीब ने उठाया है, जी हां पूरा धनपुरी नगर जिन्हें प्यार से हबीब चाचा के नाम से जानता है, उन्होंने केंद्रीय चिकित्सालय में नेत्र रोग विशेषज्ञ की पदस्थापना की मांग को लेकर सांकेतिक धरना प्रदर्शन करने का बिगुल फूंक दिया है।
हाजी अब्दुल हबीब ने जानकारी देते हुए बताया कि सेंट्रल हॉस्पिटल में डॉ. ए.के. भारती के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद से आंखों का इलाज होना पूरी तरह से बंद हो गया है, कोयला कर्मचारी अपना पूरा जीवन कोयला उत्पादन में दे देता है और सेवानिवृत्त होने के बाद जब उसकी आंखों में कोई तकलीफ होती है तो उसे इस उम्र में बड़े शहरों की ओर कूच करना पड़ता है, क्योंकि केंद्रीय चिकित्सालय में नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक वर्तमान समय में उपलब्ध नहीं है, लंबे समय से केंद्रीय चिकित्सालय में सर्जन डॉक्टर भी उपलब्ध नहीं है। हाजी अब्दुल हबीब ने सोहागपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपकर यह अपील की है कि जल्द से जल्द केंद्रीय चिकित्सालय में आंखों के चिकित्सक की व्यवस्था की जाए, जब तक स्थाई नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध नहीं होता तो वैकल्पिक चिकित्सक की व्यवस्था की जाए।
यदि यह व्यवस्था जल्द से जल्द शुरू नहीं की जाती तो मैं महाप्रबंधक कार्यालय के सामने 4 जनवरी से अपनी धर्म पत्नी के साथ प्रतिदिन 8 घंटे का सांकेतिक धरना प्रदर्शन करूंगा। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान समय में सोहागपुर क्षेत्र की सेंट्रल हॉस्पिटल की स्थिति खैराती अस्पताल से भी बदतर हो गई है, प्रबंधन कोयला उत्पादन करने में तल्लीन है उसे श्रमिकों को सेवानिवृत्त हो चुके श्रमिकों को होने वाली परेशानियों से कोई मतलब नहीं है, जब तक नेत्र रोग चिकित्सक केंद्रीय चिकित्सालय में पदस्थ नहीं हो जाता तब तक मैं धरना प्रदर्शन करता रहूंगा।