पर्यावरण पर हानिकारक प्रभावों की अनदेखी: संजीव

गांधी वाटिका में विधायक-कलेक्टर ने किया पौधरोपण
शहडोल। शासकीय आर.व्ही.पी.एस. स्नातकोत्तर महाविद्यालय उमरिया की गांधी वाटिका में बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक शिवनारायण सिंह, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, म.प्र. प्रदूषण निवारण मण्डल के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा, कनिष्ठ वैज्ञानिक जी.के. बैगा, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सी.बी. सोदिया, शासकीय आदर्श महाविद्यालय के प्राचार्य रसायनवेता डॉ. अभय पाण्डेय, पर्यावरणविद् डॉ. एम.एन. स्वामी के अलावा पूर्व मनीष सिंह, धनुषधारी सिंह, शम्भू खट्टर, रासेयो कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अरविंद शाह बरकड़े, प्रो. संजीव शर्मा द्वारा कदम्ब, गुलमोहर, कटहल, अशोक, अमलतास आदि पौधों का अंकुर कार्यक्रम के अंतर्गत वृहद पौधरोपण किया गया।
कार्यक्रम के मंगलाचरण में म.प्र. प्रदूषण निवारण मण्डल के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा ने विधायक शिवनारायण सिंह तथा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सोदिया एवं पर्यावरणविद् डॉ. एम.एन. स्वामी का म.प्र. प्रदूषण निवारण मण्डल शहडोल के कनिष्ठ वैज्ञानिक जी .के. बैगा द्वारा शॉल श्रीफल से सम्मान किया। डॉ. एम.एन. स्वामी, डॉ. अभय पाण्डेय, डॉ. अरविंद बरकड़े, डॉ. ़ऋषिराज पुरवार ने अतिथियों का एनएसएस बैच लगाकर स्वागत किया।
विधायक शिवनारायण सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण की वजह से वृक्षारोपण की आवश्यकता इन दिनों अधिक हो गई है। पौधरोपण से तात्पर्य वृक्षों के विकास के लिए पौधों को लगाना और हरियाली को फैलाना है। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने अंकुर कार्यक्रम अंतर्गत वृक्षारोपण अवसर पर बताया कि अगर हम वास्तव में जीवित रहना चाहते हैं और अच्छे जीवनयापन करना चाहते हैं, तो अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए। ऑक्सीजन लेने और कार्बन डाइऑक्साइड को छोडऩे के अलावा पेड़, पर्यावरण से अन्य हानिकारक गैसों को अवशोषित करते हैं, जिससे वायु शुद्ध और ताजी बनती है। जितने हरे-भरे पेड़ होंगे उतना अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होगा और अधिक विषैली गैसों को यह अवशोषित करेंगे।
संजीव मेहरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि एक प्रसिद्ध कहावत इस प्रकार है, कल्पना कीजिए कि अगर पेड़ वाईफाई सिग्नल देते तो हम कितने सारे पेड़ लगाते, शायद हम ग्रह को बचाते। बहुत दुख की बात है कि वे केवल ऑक्सीजन का सृजन करते हैं। कितना दुखद है कि हम प्रौद्योगिकी के इतने आदी हो गए हैं कि हम अपने पर्यावरण पर होने वाले हानिकारक प्रभावों की अनदेखी करते हैं। न केवल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल प्रकृति को नष्ट कर रहा है, बल्कि यह हमें उससे अलग भी कर रहा है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सोदिया ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदूषण का स्तर इन दिनों बहुत अधिक बढ़ रहा है, इससे लडऩे का एकमात्र तरीका अधिक से अधिक पेड़ लगाना है। उदाहरण के लिए पेड़ों से घिरे क्षेत्र, गांव और जंगल शुद्ध पर्यावरण को बढ़ावा देते हैं। रसायनवेता डॉ. पाण्डेय ने कहा कि पौधरोपण का महत्व इतना स्पष्ट है तब भी कुछ ही मु_ी भर लोग हैं, जो वास्तव में इस गतिविधि में शामिल होने का प्रण लेते हैं। बाकी अपने जीवन में इतने तल्लीन हो चुके हैं कि वे यह नहीं समझते कि बिना पर्याप्त पेड़ों के हम लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाएंगे।
पर्यावरणविद् डॉ. स्वामी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्कूलों और कॉलेजों के लिए कुछ गैर-सरकारी संगठनों के साथ सहयोग करना और छात्रों से स्वच्छता अभियान के लिए और साथ ही पौधरोपण के लिए प्रत्येक महीने पौधरोपण करना एक अच्छा कार्य है। सैद्धांतिक ज्ञान की तुलना में व्यावहारिक अनुभव हमेशा अधिक प्रभावशाली होता है, इससे पर्यावरण क्षेत्र में क्षेत्र में उनकी रुचि उत्पन्न होगी और वे इस दिशा में प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। शासकीय आर. व्ही.पी.एस. स्नातकोत्तर महाविद्यालय उमरिया, शासकीय आदर्श महाविद्यालय उमरिया के समस्त स्टॉफ, म.प्र. प्रदूषण निवारण मण्डल के स्टॉफ, प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार बंधुओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
****