नहीं थम रहा रेत का अवैध उत्खनन, खोद डाली नदिया

केजी डेवलर्स के गुर्गे रेत का कर रहे अवैध उत्खनन
विजय, मानेन्द्र सहित कमलेश कर रहा नदियों का दोहन
पुराने रेत चोरों के हाथ में बागडोर रेत खदान की बागडोर
भ्रष्टाचार के आकंठ तक डूबा खनिज अमला, साझेदारी के आरोप
अनूपपुर। प्रदेश सरकार द्वारा भले ही नदियों के संरक्षण की बात कही जाती रही हो, लेकिन अनूपपुर में रेत के लिए नदियों का सीना छलनी किया जा रहा है। रेत माफिया की मशीने नदियों में उतर कर लगातार रेत सोन सहित आस-पास की नदियों का सीना छलनी कर रही हैं। नदी के घाटों पर जब रेत के ढेर लग जाते हैं, तब उसका डग्गियों के माध्यम से अवैध परिवहन किया जाता है। क्षेत्र में रेत माफिया यह काम चोरी छिपे नहीं कर रहे, बल्कि अब खुलेआम कर रहे हैं और माइनिंग विभाग और पुलिस प्रशासन को आइना दिखा रहे हैं।
नदियों का सीना छलनी
जिले की रेत खदानों का ठेका भोपाल की केजी डेवलेपर्स को दिया गया है, जिसकी जिले में बागडोर विजय, मानेन्द्र सहित कमलेश नामक पुराने रेत माफिया ने सम्हाल रखी है, उक्त माफिया इन दिनों विधायक फुन्देलाल सिंह मार्काे को भी अपने रसूख के आगे रौंद कर रख दिया है, सूत्रों की माने तो पुराने रेत चोरों ने स्थानीय भाजपा नेताओं से सांठ-गांठ कर जमकर मलाई छानने में लगे हैं।
करोड़ों का है बकाया
जिले में पूर्व में कमलेश सिंह चंदेल नामक ठेकेदार को रेत का ठेका दिया गया था, लेकिन अवैध उत्खनन के चलते तत्कालीन खनिज अधिकारी ने चचाई में बाबा कुटी में करोड़ों का जुर्माना ठोका था, उसके बाद से कथित रेत माफिया मुंह छुपाते नजर आते थे, सूत्रों की माने तो भोपाल में केजी डेवलपर्स के मुखिया को चूना लगाते हुए कटघरे में खड़ा कर दिया है।
माईंनिग भी रेत माफियाओं के साथ
जून महीनें में अनूपपुर से माइनिंग अफसरों द्वारा ग्रामवासियों को उल्टा रेत का चोरी और ग्राम वासियों की आवाज को दबाने का प्रयास किया गया, ग्रामवासियों को माइनिंग अफसरों द्वारा डराया और धमकाया गया था, जबकि विजय, मानेन्द्र सहित कमलेश नामक पुराने रेत चोरों ने साफ-साफ केजी डेवलपर्स के नाम पर उत्खनन कराया गया था, जिसने अपने कर्मचारियों को उमरिया घाट में बैठा कर जहां कोई ठेका नहीं है, वहां से अवैध रूप से लाखों क्यूबिक मीटर रेत उत्खनन कर 500 क्यूबिक मीटर की दर से बेच दिया गया था, किंतु माइनिंग ऑफीसर विजय, मानेन्द्र सहित कमलेश नामक पुराने रेत चोरों और कंपनी पर कार्यवाही ना कर ग्राम पंचायत गोर्सी सरपंच को डराने धमकाने लगे, जबकि ग्राम पंचायत गोर्सी से उत्खनन और परिवहन पर किसी भी प्रकार की एनओसी केजी डेवलपर्स और माइनिंग द्वारा नहीं लिया गया था।
लीज एरिया से बाहर उत्खनन
जिले की जीवनदायिनी नदी कहीं जाने वाली सोन नदी में इन दिनों अवैध उत्खनन तेजी से किया जा रहा है, जब से केजी डेवलपर्स द्वारा जिले में रेत का ठेका लिया गया है, तब से वह अवैध उत्खनन को लेकर वह अपनी कार्यप्रणाली को लेकर सुर्खियां बटोरते नजर आ रही है, कहीं पर गाड़ी जाने के लिए सोन नदी में रेता के ढेर लगा कर सड़क बनाकर नदी के बीचो-बीच रात के अंधेरे में मशीनों को उतारकर नदियों का सीना छलनी करते नजर आ रही है और मानसून सत्र के पहले जगह-जगह भंडारण किया जा रहा है, जिले के मुखिया सहित खनिज विभाग के बगल में स्थित सीतापुर रेत खदान जिसमें अवैध उत्खनन को लेकर हुई शिकायत में नपाई की गई थी, सूत्रों की माने तो कार्यवाही न होने पर ठेकेदार के हौसले इतने बुलंद हो गए की भारी मशीन को नदी के बीचो-बीच उतारकर रात के अंधेरे पर कहीं बिना अवैध उत्खनन कर मानसून सत्र में नदी का सीना छलनी किया जा रहा है।