अमलाई में चीनी मित्र मंडली ने किया मैहर जा रहे भक्त मंडल यात्रा का ऐतिहासिक स्वागत

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फूलों की वर्षा, पटाखों की गूंज और हजारों भक्तों की उपस्थिति ने बना दिया अनूठा दृश्य
शहडोल।कोतमा से मैहर तक निकली माँ शैलपुत्री भक्त मंडल की भव्य पद रथ यात्रा अमलाई पहुँचते ही इतिहास रच गई। चीनी मित्र मंडली द्वारा किया गया स्वागत इतना भव्य और अद्भुत था कि श्रद्धालु गद्गद हो उठे। फूलों की वर्षा, पटाखों की गूंज, डीजे और बैंड-बाजों की ताल पर पूरा नगर गूंज उठा। हजारों श्रद्धालुओं को भोजन, चाय, फल और विश्राम की व्यवस्था करायी गई, जिसने कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया।

फूलों की वर्षा और पटाखों से गूंजा अमलाई नगर
जैसे ही माँ शैलपुत्री की यात्रा अमलाई नगर में प्रवेश हुई, पूरा नगर भक्ति और उल्लास से सराबोर हो गया। श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा की गई, आसमान पटाखों की रोशनी से जगमगा उठा और डीजे-बैंड की करताल ध्वनि से वातावरण गूंज उठा। चारों ओर “जय माता दी” के नारों से माहौल भक्तिमय हो गया।
चीनी मित्र मंडली ने किया ऐतिहासिक स्वागत
बापू चौक अमलाई के समीप चीनी मित्र मंडली द्वारा विशाल पंडाल लगाया गया था। सुबह 12 बजे से प्रारंभ हुआ भंडारा शाम 7 बजे तक निरंतर चलता रहा। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। सिंधी धर्मशाला में ठहरने की व्यवस्था की गई, वहीं उपवास रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए फलाहार एवं विशेष भोजन की व्यवस्था भी की गई।
पवन चीनी और उनकी पूरी टीम ने हर आगंतुक के स्वागत में कोई कमी नहीं छोड़ी। यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने इसे अपने जीवन का ऐतिहासिक क्षण बताया और मंडली के इस प्रयास के लिए हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया।
भावनात्मक दृश्य और भक्तों का आभार
यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने कहा कि इस तरह का स्वागत अपने आप में अद्वितीय है। हजारों की संख्या में लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए और देर रात तक वातावरण भक्ति और आनंद से सराबोर रहा। श्रद्धालुओं ने कहा कि अमलाई का यह स्वागत आने वाली पीढ़ियों के लिए स्मरणीय बन गया है।
यात्रा का विस्तृत कार्यक्रम
माँ शैलपुत्री भक्त मंडल की भव्य पद रथ यात्रा का शुभारंभ 2 अक्टूबर 2025 को कोतमा नगर से हुआ।
03 अक्टूबर को यह यात्रा अनुपपुर में रुकी जहाँ भक्तों ने नाश्ता और भोजन किया।
04 अक्टूबर को यात्रा बुढ़ार, धनपुरी और शहडोल से होते हुए आगे बढ़ी।
05 अक्टूबर को यह यात्रा उमरिया पहुंचेगी।
06 अक्टूबर को चंदिया होते हुए यह यात्रा खितौली और कुंआगांव पहुंचेगी।
07 अक्टूबर को बरही होते हुए यात्रा बदेरा गाँव पहुंचेगी।
08 अक्टूबर को यात्रा का अंतिम पड़ाव पवित्र धाम मैहर है, जहाँ भक्त माता शारदा के दर्शन करेंगे।
वर्षों से निकल रही है आस्था की यह धारा
माँ शैलपुत्री भक्त मंडल की यह यात्रा कई वर्षों से निरंतर निकाली जा रही है। श्रद्धालु मानते हैं कि इस यात्रा में शामिल होना माता रानी के आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे पावन अवसर है। इस यात्रा से न केवल धार्मिक वातावरण बनता है बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का भी संदेश प्रसारित होता है।
पवन चीनी ने की अपील
चीनी मित्र मंडली के पवन चीनी ने कहा कि माँ की यह यात्रा पूरे क्षेत्र की आस्था और संस्कृति का प्रतीक है। उन्होंने क्षेत्रवासियों से अपील की कि वे परिवार सहित यात्रा के स्वागत और दर्शन के लिए अवश्य पहुँचें। उन्होंने यह भी कहा कि अमलाई का यह स्वागत केवल आज के लिए नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों तक स्मरणीय रहेगा।

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