बांधवगढ़ में जिप्सी यूनियन की निष्क्रियता, पर्यटकों से लिए गए कर को शासन तक न जमा करने की जुगत

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पर्यटकों से कर वसूल कर , शासन के खाते तक नहीं पहुंचना किसी बड़ी लापरवाही का अंदेशा, जांच की मांग

शहडोल।भारत सरकार जीएसटी अथवा देश में प्रचलित एनजीओ व संस्था के प्रति कर संबंधित कितना भी नियम कानून क्यों न कड़ा बना लें किंतु शायद बांधवगढ़ में यह नियम कानून बांधवगढ़ जिप्सी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के आगे फीका पड़ रहा है यह मामला प्रकाश में आया कि कार्यालय सहायक पंजीयक संस्थाएं रीवा द्वारा 7/8/2019/को नोटिस जारी करते हुए सख्त कार्रवाई करने का निर्देश पारित किया है उपरोक्त नोटिस को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि आज दिनांक तक जिप्सी यूनियन के द्वारा कोई भी कर शासन के खाते में जमा नहीं किया गया है।

नहीं जमा होता जीएसटी कर

भारत सरकार शासन की नियमानुसार जीएसटी के लिए सशक्त कानून पारित किया है किंतु उपरोक्त संचालित संस्था बांधवगढ़ में जीएसटी की बात तो बहुत दूर की है आज दिनांक तक जिप्सी यूनियन के नाम पर कोई भी बैंक अकाउंट नहीं खोला गया और ना ही कोई जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर लिया गया स्थानीय जनों का माने तो जब से जीएसटी कानून आया है जिसमें ट्रांसपोर्ट बिजनेस के ऊपर 5/प्रतिशत लागू किया गया है जो मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग के द्वारा बांधवगढ़ में पर्यटकों हेतु लागू किया गया है किंतु बांधवगढ़ में संचालित संस्था के द्वारा पर्यटक भ्रमण कराने हेतु सफारीओं का चार्ज 2500 जीएसटी के साथ लिया जाता है किंतु सरकार के खाते में जीएसटी राशि नहीं जमा किया जाती है यदि शासन उपरोक्त संस्था के द्वारा लिए गए पर्यटकों से जीएसटी कर के संबंध में जांच करे तो कम से कम करोड़ों रुपए के जीएसटी राशि का घोटाला सामने आएगा सूत्रों के हवाले से खबरज है कि उपरोक्त मामले में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के आला अफसरों से लेकर सभी अधिकारियों की मिलीभगत में जीएसटी एवं अन्य करों की चोरी होती है।

पूर्व में पर्यटक अमित दुबे द्वारा दर्ज करवाई गई थी शिकायत

विश्व विख्यात पर्यटक स्थल बांधवगढ़ में घूमने आए पर्यटक अमित द्विवेदी से ₹2500 रू लिए गए थे जिसकी शिकायत कलेक्टर उमरिया व पुलिस अधीक्षक उमरिया के कार्यालय में दर्ज करवाई गई थी जिसकी जांच माननीय कलेक्टर महोदय उमरिया द्वारा एसडीएम मानपुर के समक्ष भेजी गई थी किंतु उपरोक्त जांच को ठंडे बस्ते में डालते हुए लीपापोती कर दिया गया ठीक उसी तरह से पुलिस अधीक्षक उमरिया के द्वारा चौकी प्रभारी ताला को टैक्स चोरी के संबंध में जांच हेतु निर्देशित किया गया था किंतु पुलिस के द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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