कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ,पीतांबर धारी महिलाएं मंगल कलश सिर पर धारण कर प्रभु का किया गुणगान

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कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ,पीतांबर धारी महिलाएं मंगल कलश सिर पर धारण कर प्रभु का किया गुणगान

कटनी ॥ भव्य एवं पारंपरिक वेश में सोमवार से मदन मोहन चौबे वार्ड में श्री मद् भागवत कथा का कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ। कथा माहात्मय का व्याख्यान कथावाचक श्रदेय श्री परम पूज्य पण्डित गणेश प्रसाद दुबे जी ‘ सरल ‘ संस्कारधानी जबलपुर वाले महाराज के नेतृत्व में छेत्र के कथा आयोजन स्थल से पवित्र जलस्त्रोत से जल भरने के साथ शुरू हुई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में शामिल पीतांबर धारी महिलाएं मंगल कलश सिर पर धारण कर प्रभु का गुणगान करते हुए चल रही थी। कलश यात्रा के दौरान श्रीमद् भागवत कथा में संत कथावाचक श्रदेय श्री परम पूज्य पण्डित गणेश प्रसाद दुबे जी ‘ सरल ‘ संस्कारधानी जबलपुर वाले महाराज की घोड़ा बग्गी के साथ शोभायात्रा भी निकाली गई। जगह जगह लोगों ने शोभायात्र रथ को रोककर दर्शन किए। कलश यात्रा कालोनी के मुख्य मार्गों से होते हुए वापस मंदिर पर पहुंचकर संपन्न हुई जहाँ कथा आयोजन स्थल पर धार्मिक विधि एवं मंत्रोच्चरण के साथ कलश स्थापित किया गया।
श्रीमद् भागवत कथा में संत कथावाचक श्रदेय श्री परम पूज्य पण्डित गणेश प्रसाद दुबे जी ‘ सरल ‘ संस्कारधानी जबलपुर वाले महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को सर्वप्रथम इसकी महिमा से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि विश्व में सभी कथाओं में ये श्रेष्ठ मानी गई है। जिस स्थान पर इस कथा का आयोजन होता है, वो तीर्थ स्थल कहलाता है। इसका सुनने एवं आयोजन कराने का सौभाग्य भी प्रभु प्रेमियां को ही मिलता है। ऐसे में अगर कोई दूसरा अन्य भी इसे गलती से भी श्रवण कर लेता है, तो भी वो कई पापों से मुक्ति पा लेता है। इसलिए सात दिन तक चलने वाली इस पवित्र कथा को श्रवण करके अपने जीवन को सुधारने का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। अगर कोई सात तक किसी व्यवस्तता के कारण नहीं सुन सकता है, तो वह दो तीन या चार दिन ही इसे सुनने के लिए अपना समय अवश्य निकालें। तब भी वो इसका फल प्राप्त करता है, क्योंकि ये कथा भगवान श्री कृष्ण के मुख की वाणी है, जिसमें उनके अवतार से लेकर कंस वध का प्रसंग का उल्लेख होने के साथ साथ इसकी व्यक्ति के जीवन में महत्ता के बारे में भी बताया गया है। इसके सुनने के प्रभाव से मनुष्य बुराई त्याग कर धर्म के रास्ते पर चलने के साथ साथ मोक्ष को प्राप्त करता है। शास्त्री ने बताया कि इस कथा को सबसे पहले अभिमन्यु के बेटे राजा परीक्षित ने सुना था, जिसके प्रभाव से उसके अंदर तक्षक नामक नाग के काटने से होने वाली मृत्य़ु का भय दूर हुआ और उसने मोक्ष को प्राप्त किया था। मदन मोहन चौबे वार्ड मे चल रही श्रीमद्भागवत कथा का समापन भंडारा एवं महाप्रसाद के साथ 28 मार्च 2022 दिन सोमवार को होगा, पूरे नगर की धर्म प्रेमी जनता से निवेदन है कि अधिक से अधिक संख्या में पहुंच कर अपनी सहभागिता प्रदान कर पुण्य लाभ अर्जित करें ॥ चौबे वार्ड निवासी रामकिशोर – रानी सेन , उमाशंकर शांति सेन कामता प्रसाद शशि सेन एवं समस्त सेन परिवार के तत्वावधान में विशाल संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है ।कलश यात्रा के दौरान समाज सेवी रमा शुक्ला, राजकुमार शुक्ला , रूपा तिवारी , माया तिवारी , सरिता बर्मन , शालू बढगईया , अनिल तिवारी , राधा बढगईया, गोविन्द प्रसाद दुबे ,मनोरमा उरमलिया सहित भारी संख्या मे जनसमुदाय शामिल रहे।

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