निराकरण की जगह दबाव बनाकर बंद कर रहे हैं मुख्यमंत्री हेल्पलाइन

0

उमरिया जिले के कोयलांचल में गली-गली बिक रही अवैध शराब

उमरिया। जिले के कोयलांचल क्षेत्र में शराब ठेकेदार आबकारी विभाग के संरक्षण में अब हर दूसरी गली और चौराहे पर शराब के अवैध प्रकार बैठने में लगे हुए हैं, जिस कारण कोयलांचल के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र का माहौल दूषित होता जा रहा है, हालत यह है कि शराब दुकान से जितनी बिक्री होती है, उससे कहीं चार गुना अधिक शराब ठेकेदार पैकारों के माध्यम से आबकारी विभाग के कर्मचारियों का संरक्षण लेकर अवैध शराब बेचने में लगे हुए हैं, जिस कारण कोयलांचल का एक बड़ा वर्ग नशे की लत में डूबता नजर आ रहा है, कहने को तो आबकारी विभाग द्वारा नौरोजाबाद और पाली क्षेत्र में चिन्हित दुकानों को ही शराब बेचने की अनुमति दी गई है और शासन द्वारा उन दुकानों के खोलने और बंद करने का भी समय नियत किया गया है, लेकिन इन दुकानों के खुलने बंद होने के समय से ना तो किसी को कोई फर्क पड़ता है और नहीं ग्राहकों को इससे कोई लेना-देना ही है , दरअसल शराब दुकान की आड़ में ठेकेदारों ने आबकारी विभाग के स्थानीय अधिकारियों से शहर के हर दूसरे मोहल्ले में अवैध शराब के पैकार बैठा दिये गये हैं। जो 24 घंटे शराब की बिक्री खुलेआम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन का मामला
नौरोजाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत शराब दुकान के ठेकेदार के द्वारा दर्जनों स्थानों पर अवैध पैकारी के माध्यम से शराब बेचवाई जा रही है, इस मामले की शिकायत स्थानीय जन कई बार आबकारी विभाग में कर चुके हैं, लेकिन आबकारी विभाग जैसे खुद शराब ठेकेदार का सर परस्त बना हुआ है , किराना दुकानों से लेकर पान की दुकान और ढाबों में खुलेआम शराब परोसी जाना अब आम हो चुका है, राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 के अलावा थाना क्षेत्र के सुदूर ग्रामों में भी ठेकेदार पैकारों के माध्यम से शराब बेचवा रहा है, इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के शिकायत क्रमांक 29625813 में की गई थी, 4 नवंबर को इस मामले की शिकायत के बाद आबकारी अधिकारी वृत पाली के द्वारा इस मामले की जांच की गई और यह बताया गया कि 1 अप्रैल 2024 से 4 नवंबर 2024 तक मदिरा परिवहन के लिए 15 प्रकरण बनाए गए, जिसमें 61 लीटर हाथ भट्टी, 750 किलोग्राम महुआ लाहन आबकारी अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है, पुरानी कार्यवाही का हवाला देते हुए आबकारी विभाग ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में 11 दिसंबर को यह उल्लेख करते हुए शिकायत बंद कर दी कि विभाग के द्वारा लगातार कार्यवाहियां की जाती रही है, इस कारण इस शिकायत को नस्तीबद्ध करना उचित होगा, इस मामले में शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर संपर्क करके शिकायत प्रारंभ करवा दी, जिसके बाद आबकारी अमले ने पुन: इसे बंद करने का प्रयास शुरू कर दिया।
हेल्पलाइन यह जानकारी
आबकारी विभाग के स्थानीय अधिकारी के द्वारा पहले तो झूठ और पुराना मामले का उल्लेख करके शिकायत को बंद कर दिया गया, अचरज और शर्म तो इस बात कहे कि उन्होंने 1 अप्रैल से लेकर अक्टूबर माह के अंत तक महज 15 कार्यवाहियों की, उसमें भी उन्होंने महज 61 लीटर कच्ची शराब पकड़ी, आबकारी विभाग के द्वारा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में जिन कार्यवाहियों का उल्लेख और शराब जपती की जानकारी दी गई है, उसमें कहीं भी शराब ठेकेदार के द्वारा अंग्रेजी और देशी शराब बेचे जाने के खिलाफ कोई कड़ी कार्यवाही नहीं की गई, खुद विभाग के द्वारा दी गई जानकारी इस बात की पुष्टि करती है कि उनके द्वारा की गई कार्यवाहियां सिर्फ आदिवासी परिवारों और सुदूर बस्तियों में महज दिखावे के लिए की गई थी, इससे इस बात की भी पुष्टि होती है कि आबकारी विभाग के द्वारा पैकारों के खिलाफ कोई कार्यवाही अभी तक नहीं की गई है।
दबाव बनाने पहुंचा पुलिस-आबकारी अमला
शिकायत बंद करने के लिए अवैध पैकारों से शराब की जप्ती ना करके आबकारी विभाग का अमला स्थानीय पुलिस के साथ देर रात शिकायतकर्ता के घर जा पहुंचा और दबाव बनाकर शिकायत बंद करने की पहल की जाने लगी, शिकायतकर्ता ने बताया कि जबरिया विभाग के अधिकारी पंचनामा बनाने लगे और इस बात पर जोर देने लगे कि हमारे साथ चलो और पूरी रात पैकारों के ठीहे बताओ, आबकारी विभाग के तथाकथित अधिकारियों को शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने एक तरफ ठेकेदार से मिलकर उन्हें अवैध शराब बिक्री की छूट दे रखी है और जब मामला मुख्यमंत्री हेल्पलाइन तक पहुंचता है तो, शिकायतकर्ता पर दबाव बनाकर मामले को बंद करने का प्रयास करते हैं, जबकि होना यह चाहिए कि दिखावे के लिए ही सही दो-चार कार्यवाहियां या ठेकेदार द्वारा बेची जा रही शराब जप्त की जाती।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed