इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का हुआ आयोजन

जीपीएम:-कार्यक्रम की थीम *”त्वरित कार्यवाही लैंगिक समानता हेतु”* थी।
कार्यक्रम की शुरुआत *यत्र पूज्यंते नारी रमंते तत्र देवता* श्लोक के साथ हुई
महिला दिवस का कार्यक्रम और महिलाओं के सम्मान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में नारी तू नारायणी,को चरितार्थ करते हुए शानदार कार्यक्रम मनाया गया।कार्यक्रम की शुरुआत यत्र पूज्यंते नारी रमंते तत्र देवता श्लोक के साथ हुई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के प्र.कुलपति प्रोफेसर ब्योमकेश त्रिपाठी ने की।कार्यक्रम की मुख्य अतिथि गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. अंबरीन सबा मलिक थीं।अन्य मुख्य अतिथियों में खलीकोटे यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति मनमथ पाढ़ी ने भी शिरकत की।महिला दिवस के उपलक्ष्य में igntu में स्लाइड शो दिखाया गया, जिसमें विभिन्न प्रतियोगिताओं की झलक दिखाई गई। इन प्रतियोगिताओं में डिबेट, क्विज, मेहंदी, डांस, और सिंगिंग जैसे कार्यक्रम शामिल थे।
महिला दिवस के कार्यक्रम को मजबूती प्रदान करते हुए पांच महिला सरपंचों का सम्मान किया गया,जो अपने गांव को संवारने में लगी है। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर अंबरीन सबा मलिक ने नारी के महत्व को समझाया कि कैसे हर क्षेत्र में महिलाएं आगे आ रही है।अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह की रिपोर्ट इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्र.कुलपति प्रोफेसर ब्योमकेश त्रिपाठी ने की। मुख्य अतिथि को प्र.कुलपति प्रोफेसर ब्योमकेश त्रिपाठी द्वारा स्मृति चिन्ह और शॉल भेंट किया गया। प्रोफेसर मनीषा शर्मा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि विश्वविद्यालय में आयोजित विभिन्न गतिविधियों के परिणाम आज घोषित किए जाएंगे।
साथ ही कार्यक्रम में बोलते हुए प्रोफेसर मनीषा शर्मा ने लिंग समानता पर कहा कि हमें अर्धनारीश्वर की अवधारणा को समझना चाहिए, जिसमें पुरुष और महिला दोनों को समान महत्व दिया जाता है। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अंबरीन सबा मलिक ने महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव और घरेलू हिंसा के बारे में बात की। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी चर्चा की और छात्राओं के साथ अपने अनुभव भी साझा किए।IGNTU के कुलसचिव प्रोफेसर मूर्ति ने अपने संबोधन में सरकारी नीतियों की जमकर चर्चा करते हुए महिला सशक्तिकरण और प्रगति में महिलाओं को कैसे मदद मिल रही है वहां उपस्थित लोगों से चर्चा की,साथ ही उन्होंने कहा कि गांधी जी के आंदोलन और देश की आजादी में महिलाओं ने बढ़कर चढ़कर हिस्सा लिया था।मुख्य अतिथि मन्मथ पाढ़ी सर ने भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत के बारे में बात की, जिसमें महिलाओं का विशेष महत्व रहा है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण ब्रह्मांड की रचना महिलाओं के बिना असंभव है।उन्होंने यह भी कहा कि जिस परिवार में महिलाओं का सम्मान किया जाता है,वहां तीनों देवी देवता का वास होता है,महिलाओं के संरक्षण में परिवार सशक्त होता है।IGNTU के प्र.कुलपति प्रोफेसर ब्योमकेश त्रिपाठी ने अपना वक्तव्य में कहा कि “बी बोल्ड फॉर चेंज”। प्र.कुलपति ने घोषणा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में छात्राओं के लिए मार्शल आर्ट्स प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा,और एक सशक्त नारी ही परिवार और देश को आगे ले जा सकती है।प्रोफेसर त्रिपाठी ने यह भी कहा कि छात्राओं को सम्मान देने वाले पुरुषों का सम्मान भी बढ़ता है। उन्होंने अपने संबोधन को समाप्त करते हुए कहा कि हमें महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना रखनी चाहिए।
कार्यक्रम के अंत पुरस्कार वितरण हुआ। जिसमें सोलो डांस में रूफ़एद को प्रथम स्थान, पॉलिमी वीरा को द्वितीय, और चांदनी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। मेहंदी कंपटीशन में इल्म अंजुम को प्रथम स्थान, संजना पाल को द्वितीय, और रानी मलिक को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।कार्यक्रम की शुरुआत IGNTU की महिलाओं ने किया तो कार्यक्रम का समापन भी IGNTU की उप कुलसचिव डॉ पूजा तिवारी ने किया।