नौकरी पर संकट का साया, टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षकों का हल्ला बोल

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आज कलेक्ट्रेट में होगा विरोध प्रदर्शन, प्रधानमंत्री के नाम सौंपा जाएगा ज्ञापन
शहडोल। सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश ने प्रदेश ही नहीं, पूरे देश के शिक्षकों के बीच गहरी चिंता और असुरक्षा का माहौल बना दिया है। कोर्ट के आदेश के अनुसार अब सभी शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा। इस नियम के तहत, चाहे किसी भी वर्ष में नियुक्ति हुई हो, सभी को टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। इस निर्णय से लाखों शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई है।
मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के अध्यक्ष लालजी तिवारी ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि पहले से कार्यरत शिक्षकों पर अचानक यह नियम लागू करना अनुचित और अन्यायपूर्ण है। इससे न केवल शिक्षकों का भविष्य प्रभावित होगा बल्कि उनके परिवारों के भरण-पोषण पर भी संकट आ जाएगा।
इसी निर्णय के खिलाफ जिलेभर के शिक्षक आज शाम 5 बजे कलेक्ट्रेट परिसर में एकजुट होकर विरोध दर्ज कराएंगे। शिक्षक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपेंगे और सेवा सुरक्षा को लेकर संघर्ष का संकल्प लेंगे।
शिक्षकों ने स्पष्ट कहा है कि “पहले से नियुक्त शिक्षकों पर टीईटी की अनिवार्यता लागू करना सीधे तौर पर अन्याय है।” उनका मानना है कि सरकार को उनके अनुभव और लंबे समय से दी जा रही सेवाओं को ध्यान में रखना चाहिए, न कि नई परीक्षा थोपकर उनकी नौकरी और परिवार के भविष्य को संकट में डालना चाहिए।

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