कबाड़ ठीहो पर नहीं है वर्दी की धमक

पड़ताल से कबाडिय़ों की होशियारी आ सकती है सामने
छग पहुंच रहा संभाग का अवैध कबाड़
शहडोल। जिले में संचालित कारोबारियों के ठीहों पर कब छापा पड़ा था, यह तो पुलिस को शायद ही याद हो, लेकिन हर महीने का हिसाब कभी पुलिस नहीं भूलती, पुलिस अफसर यदि अवैध लोहे की जब्ती की बजाय सीधे संचालक को गिरफ्तार करे तो, अवैध कारोबार सहित चोरी पर भी अंकुश लग सकता है, लेकिन संभवत: संभाग के इतिहास में कभी भी ठीहों के संचालक पर आज तक पुलिस की कार्यवाही न होने से उनके हौसले बुलंद है, वहीं पुलिस द्वारा कारोबारियों के गुर्गाे पर कार्यवाही कर अपनी पीठ-थपथपा कर मीडिया की सुर्खियां बटोर ली जाती है।
कबाड़ के खेल के लाल
कबाड़ के खेल में लाल हो रहे बड़े कबाडिय़ों पर पुलिस की नजर कभी नहीं पड़ती, अनूपपुर जिले के बिजुरी का भुल्ले, ब्यौहारी का नईम, संभागीय मुख्यालय पुरानी बस्ती के जुबैर, सादिग और रोशन और डिण्डौरी जिले के अल्लू ने जबलपुर छोड़ रायपुर के कारोबारियों से हाथ मिला लिया है, सूत्रों की माने तो उक्त काबाडिय़ों द्वारा छग के बड़े कारोबारी अच्छेलाल, रामप्रसाद, कैलाश , दिनेश, शकील कबाड़ी सहित अन्य बड़े कारोबारी रातों-रात चोरी का कबाड़ पहुंचाया जा रहा है, मजे की बात यह है कि पूरे संभाग से चोरी हुए गाड़ी के पार्ट्स सहित कोल माईंसों में लगे वाहन, जिनका टैक्स जमा न कर गाड़ी पुरानी होने पर उन्हें कोल यार्ड में ही कटवाकर छग पहुंचाया जा रहा है और संबंधित थानों से अवैध कबाड़ निकल जाता है और थानों की पुलिस ने चंद चांदी के सिक्कों के आगे अपना जमीर गिरवी रख दिया है।
बिल, दस्तावेजों से होता है खेल
पुलिस सूत्रों ने के अनुसार जब भी अवैध लोहा पकड़ा जाता है, कबाड़ कारोबारी बिल लेकर पुलिस के पास पहुंच जाते हैं, ऐसे में जप्त माल को छोडऩा पड़ता है। अगर बिलों की सघन जांच पड़ताल होने लगे तो, कबाडिय़ों की होशियारी पकड़ में आ सकती है। सूत्रों की माने तो लोहा अगर एक नंबर में कॉलरी का है तो, नियमत: कंपनी द्वारा इसका लेटर जारी किया जाता है। जिसकी पुष्टि पत्रों के आधार पर करने में आसानी होती है, लेकिन पुलिस अब इस मामले में अंदर तक जाती ही नहीं, वहीं वाहनों के कटे पार्टस में भी वाहनों को काटने से पहले आरटीओ कार्यालय से अनुमति लेनी होती है और पुलिस की अभिरक्षा में वाहन काटा जाता है, लेकिन कायदों को दरकिनार करते हुए वाहन मालिक वाहन काट देते हैं, वहीं जानकारी के बाद भी पुलिस आगे की कार्यवाही नहीं कर पाती।
ठीहो पर नहीं पहुंचती वर्दी
कोरोना काल के बाद कबाड़ कारोबार में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है, सूत्रों की माने तो पंचगांव रोड दुर्गा मंदिर के पास से जुबैर, सादिग और रोशन इन दिनों अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे हैं, बिजुरी का भुल्ले हसदेव एरिया, जमुना कोतमा एरिया, पसान कालरी, रामनगर, भालूमाड़ा कालरी से लोहे के पाइप एंगल और लोहे की प्लेट को काटवा कर आधी रात होने पर गाड़ी के माध्यम से उक्त कबाड़ को वहां से निकावा कर रायपुर में खपा रहा है, ऐसे ही पुलिस जोन अंतर्गत आने वाले थानों में कबाड़ का कारोबार अपने चरम पर है, लेकिन वर्दी तो वर्दी है, सब जानने के बाद भी अंजान बने हुए हैं।
जांच से चौकाने वाले तथ्य आ सकते है सामने
सायकल, दोपहिया वाहनों की चोरी होने पर पुलिस इसे छोटा मामला बताकर ध्यान नहीं देती और यदि रिपोर्ट लिख भी ली जाए तो, भी अक्सर ये वापस नहीं मिलते। लोगों ने इसके पीछे कबाड़ से जुड़े अवैध व्यापार पर संदेह जताया है, चोरी की साइकिल और बाईक के कुलपुर्जे को अलग-अलग कर कबाड़ में बेचा जा सकता है। इसके अलावा इस धंधे में लोहे के सामान व घरेलू उपयोग के सामान सहित कई कीमती सामान पानी के मोल कबाड़ी अपने दलालों के माध्यम से खरीद कर लाखों कमाते हैं, अगर पुलिस कबाड़ ठीहो पर जाकर इनके रिकार्ड या माल की जांच करे तो, कई चौकाने वाले मामले सामने आ सकते हैं।
इनका कहना है…
रेंज के सभी पुलिस अधीक्षकों को अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के सख्त निर्देश दिये गये हैं।
जी.जनार्दन
अतिरिक्त पुलिस महानिदेश
शहडोल रेंज