शासकीय भूमि के साथ गरीबों की भूमि हड़प रहा खादीधारी

शिकायत के बाद भी प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
शहडोल। जिले के बुढ़ार जनपद की ग्राम पंचायत अहिरगवां में दबंगई के दम पर कांग्रेस नेता सरकारी भूमि पर कब्जा जमाए हुए है तो, वही गरीब आदिवासियों की भी जमीन हड़पने में कोई कोताही नहीं कर रहे हैं, पूरे मामले की शिकायत होने के बाद भी शिकायत ठण्डे बस्ते में डाल दी गई है, वहीं भाजपा शासन में भी कांग्रेस नेता का रुतबा सातवें आसमान पर है, आज भी ऐसे नेताओं को भाजपा सरकार में बैठे अधिकारी-कर्मचारी पर्दे के पीछे से अभय दान दिए हुए हैं, जिस वजह से शिकायत होने के उपरांत भी मामले में राजस्व विभाग के अधिकारी कान बंद किए हुए हैं, वहीं पीडि़त पक्ष फरियाद लेकर भटक रहे हैं ।
हिम्मत नहीं जुटा पा रहे जिम्मेदार
कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई फिर भी उनके नेताओं का कहर आज भी गरीबों पर जारी है, कहीं सरकारी जमीन हड़पी जा रही हैं तो, कहीं गरीब आदिवासियों की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है और प्रशासनिक अधिकारी कुंभकरण निद्रा में सोए हुए हैं, ग्राम पंचायत अहिरगवां, पटवारी हल्का गोपालपुर, तहसील बुढार में कांग्रेस नेता विद्याभूषण शुक्ला नेतागिरी के दम पर सरकारी जमीन को कब्जा किए हुए हैं और आदिवासियों की भी जमीन पर अंगद के पांव की तरह जमे हुए हैं, लेकिन इनके विरुद्ध कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है, जिसके कारण से इनके हौसले लगातार बुलंद हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री को हुई शिकायत
गोपालपुर तहसील बुढार की रहने वाली पीडि़त महिला मीरा शुक्ला पति चंद्रशेखर शुक्ला ने कांग्रेस नेता की शिकायत मुख्यमंत्री सहित कमिश्नर, कलेक्टर , एसडीएम, तहसीलदार को की है, लेकिन आज तक किसी भी मामले में न्याय नहीं मिल सका , दबंग नेता के आतंक का शिकार स्थानीय लोग बने हुए हैं। पीडि़त महिला ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता विद्याभूषण शुक्ला भू-राजस्व संहिता की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध तरीके से जमीनों पर कब्जा किए हुए हैं।
आदिवासी की जमीन करा ली अपने नाम
आदिवासी भूमि की जमीन किसी गैर आदिवासी के नाम अंतरण किसी भी नियम कानून के तहत संभव नहीं है। किन्तु कांगे्रसी नेता विद्याभूषण षुक्ला निवासी ग्राम गोपालपुर हाल निवास धनपुरी वार्ड क्रमांक 01 के द्वारा आदिवासियों की भूमि जो ग्राम अहिरगवां पटवारी हल्का तहसील बुढार में स्थित आराजी खसरा नम्बर 131 रकबा 6.90 एकड जो सन 1980-81 में सिटई बैगा (भरिया) के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज था, किन्तु उक्त कांग्रेसी नेता द्वारा फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अपने नाम राजस्व अभिलेखो में दर्ज करा लिया और पट्टेदार बन गया। इसी तरह ग्राम अहिरगवां की आराजी खसरा नम्बर 134 रकबा 1.90 एकड जो वर्ष 1980-81 में राजस्व अभिलेखो में भोला गोड पिता बूद्धु के नाम दर्ज था। किन्तु उक्त कांग्रेसी नेता द्वारा राजस्व अभिलेखो में हेराफेरी कर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अपने नाम दर्ज करा लिया।
नहीं छोड़ा चारागाह भी
कांग्रेसी नेता द्वारा ग्राम अहिरगवां की सरकारी भूमि खसरा नम्बर 159/1 रकबा 3 एकड खसरा नम्बर 159/2 रकबा 2 एकड और खसरा नम्बर 70 जो की राजस्व अभिलेखों में म.प्र. शासन (झुडपी जंगल) दर्ज थी, जो सार्वजनिक चारागाह के रुप मे ंउपयोग हो रही थी। बिना किसी आदेश कूटरचित एवं फर्जी दस्तावेजो के आधार पर अपना नाम दर्ज करा लिया है। इसके साथ ही आराजी खसरा नम्बर 153 रकवा 0.493 हेक्टयर राजस्व अभिलेखों में म.प्र. शासन (झुडपी जंगल) नाला के रुप में दर्ज रही है। बिना आदेश के हल्का पटवारी के सांठ-गांठ कर ओवर राईटिंग के द्वारा राजस्व अभिलेखों में अपना नाम दर्ज करा लिया।
सरकारी जमीन पर बनाया भवन
कांग्रेस नेता द्वारा ग्राम धनपुरी वार्ड नम्बर 01 तहसील बुढार की आराजी खसरा नम्बर 77 जो कि राजस्व अभिलेखों में म.प्र. शासन दर्ज है, उस पर कब्जा किए हुए है और उस पर मकान बनाकर किराये का व्यवसाय किया जा रहा है। उक्त मामले में पूर्व में भी शिकायत की गई थी, किन्तु राजस्व कर्मचारियों द्वारा आज तक ना कोई जांच की गई और न ही कोई कार्यवाही की गई, जिसके कारण कांग्रेस नेता के हौसले बुलंद हैं। फरियादी मीरा शुक्ला ने शिकायत करते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त राजस्व कर्मचारियों-अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकारण दर्ज करते हुए गरीब आदिवासियों एवं शासन व आम निस्तार की भूमि को मुक्त कराने की मांग की है।