बांस की लाठी और घूंसे से कोटवार की ली जान, पिता-पुत्र निकले कातिल,अंधे हत्याकांड का राज़ 24 घंटे में बेनकाब,गुमशुदा नाती की तलाश बनी मौत की वजह,साइबर और मुखबिर तंत्र से सुलझा मामला

बांस की लाठी और घूंसे से कोटवार की ली जान, पिता-पुत्र निकले कातिल,अंधे हत्याकांड का राज़ 24 घंटे में बेनकाब,गुमशुदा नाती की तलाश बनी मौत की वजह,साइबर और मुखबिर तंत्र से सुलझा मामला
कटनी। थाना बाकल पुलिस ने ग्राम चनपुरा में हुए कोटवार सीताराम वंशकार की रहस्यमयी मौत का खुलासा महज़ 24 घंटे के भीतर कर दिया। प्रारंभिक तौर पर मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा था, लेकिन घटनास्थल पर मिले घसीटने के निशान और मृतक के शरीर पर चोट के निशानों ने हत्या की ओर इशारा किया।
पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा के निर्देशन और एएसपी डॉ. संतोष डेहरिया व एसडीओपी स्लीमनाबाद आकांक्षा चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी प्रतीक्षा सिंह चंदेल ने टीम बनाकर जांच शुरू की।
29 अगस्त की रात मृतक का विवाद गांव के ही मनीष पटेल और उसके पिता अमर सिंह पटेल से हुआ था। मुखबिर की सूचना और तकनीकी जांच के बाद पुलिस ने मनीष को हिरासत में लिया, जिसने पूछताछ में अपराध स्वीकार किया। बाद में अमर सिंह को पन्ना से पकड़ा गया। दोनों ने मिलकर सीताराम के साथ मारपीट कर उसे मौत के घाट उतारने की बात स्वीकार की। जांच में सामने आया कि मृतक का नाती जीवन वंशकार, मनीष पटेल का घनिष्ठ मित्र था, जो राखी के दूसरे दिन मनीष की पत्नी को लेकर फरार हो गया था। इसी रंजिश को लेकर आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया। आरोपियों ने कोटवार के कमरे का दरवाज़ा लात मारकर तोड़ा, जिससे वह चोटिल होकर गिर पड़ा। बाद में उसे घसीटकर बाहर सीसी रोड पर ले जाया गया और बांस की लाठी व मुक्कों से हमला किया गया। हमले के दौरान मृतक की पसलियां टूट गईं और मौत हो गई। वारदात के बाद मनीष घर में छिप गया था जबकि अमर सिंह पन्ना भाग गया था। दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
थाना प्रभारी प्रतीक्षा सिंह चंदेल, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट अखिलेश प्यासी, प्रधान आरक्षक शिव सिंह, अवधेश मिश्रा, आरक्षक राजभान, सूरलाल, अंकित तथा साइबर सेल आरक्षक प्रशांत की सराहनीय भूमिका रही।