सोहागपुर में वाहनों के नाम पर लाखों का खेला टेण्डर से हटकर माईंसों में दौड़ रहे वाहन

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                   चालकों के साथ वाहन मालिक कर रहे धोखाधड़ी

 

धनपुरी/ शहडोल। एसईसीएल के सोहागपुर एरिया मुख्यालय सहित विभिन्न उपक्षेत्रो और स्वास्थ्य व अन्य विभागों
में अधिकारियों के लिए लगाये गये वाहनों में विभाग के जिम्मेदार और ठेकेदार मिलकर लाखों का गड़बड़झाला कर
रहे हैं। जिन वाहनों का टेण्डर खोला जा रहा है, उनकी जगह दूसरे वाहन खुलेआम दौड़ रहे हैं। यही नहीं बीते माह
इलेक्ट्रिकल व्हीकल का टेण्डर भी निकाला गया, जिसमें ठेकेदार को वाहन के चार्जिंग के लिए पूरी यूनिट लगानी थी,
लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ और न सिर्फ उसके वाहन काम पर लग गये, बल्कि उन्हें भुगतान के लिए भी फाईलें
बढ़ाई जा रही हैं। एरिया सहित विभिन्न उपक्षेत्रों में यात्री और चार पहिया माल वाहक वाहनों के नाम पर अधिकारी
खुलेआम लूट मचाए हुए हैं और एरिया मुख्यालय के महाप्रबंधक अपनी मौन सहमति देकर सरकारी संपत्ति को लूटने
वालों को खुली छूट दिये हुए हैं।
अस्पताल के नाम पर फर्जीवाड़ा
केंद्रीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के लिए जो वाहन टेंडर के माध्यम से लिया गया था, उसमें वर्क
आर्डर में एमपी 18 सीए 4858 बोलेरो गाड़ी का जिक्र है, लेकिन सोहागपुर क्षेत्र में आज तक इस गाड़ी को शायद ही
किसी ने देखा हो टेंडर के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए केंद्रीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधिकारी
के अंडर में 5 साल पुरानी गाड़ी एमपी 65 टी 1255 चलवाई जा रही थी। जबकि नियमों के अनुसार टेंडर सिर्फ 2 साल
पुराने वाहन को ही मिल पाता है। लेकिन प्रमोद प्रबंधन की आंखों में धूल झोंकने में महारत हासिल कर चुका है वह

टेंडर में दूसरी गाडिय़ों के नंबर एवं कागजात लगाकर टेंडर हासिल कर लेता है और फिर पुरानी गाडिय़ां चलाकर लाखों
रुपए बुलेरो कमाता है।
यह हो रहा सोहागपुर में
सोहागपुर क्षेत्र में अधिकारियों को उनके कार्यालय एवं खदानों तक लाने ले जाने के लिए प्राइवेट वाहन टेंडर के
माध्यम से किराए पर लिए जाते हैं लेकिन इन वाहनों के मालिकों के द्वारा प्रबंधन को खुलेआम चूना लगाया जा रहा
है, विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सोहागपुर क्षेत्र में प्रमोद नाम का एक वाहन मालिक टेंडर के की
नियमों खुलेआम धज्जियां उड़ते हुए लंबे समय से लाखों रुपयों का भुगतान प्राप्त कर रहा है, स्टाफ ऑफीसर सेफ्टी
के लिए किराए पर जो गाड़ी लगाई गई थी उसमें तो टेंडर के नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया ही गया था।
प्रमोद कर रहा मिलकर खेला
कोल इंडिया में लगने वाले इन वाहनों में ड्राइवरों को नियमों के अनुसार 18 हजार तक वेतन मिलना चाहिए, लेकिन
प्रमोद ड्राइवरों को भी नियमों के अनुसार वेतन नहीं केंद्रीय देता चिकित्सालय में जो वाहन चल रहा था, उसके ड्राइवर
को भी भुगतान नहीं किया गया है, जिसकी वजह से ड्राइवर परेशान रहता है, संबंधित विभाग के अधिकारियों को
प्रमोद की जन्मकुंडली जल्द ही खंगालनी चाहिए, क्योंकि टेंडर में जिन गाडिय़ों का जिक्र किया गया है, यदि वह गाड़ी
कोई गैर कानूनी काम करते हुए यदि पकड़ में आएगी तो प्रबंधन के अधिकारियों को तरह-तरह की समस्याओं का
सामना करना पड़ेगा, इन गाडिय़ों से यदि किसी की दुर्घटना होती है तो भी सारी मुसीबत प्रबंधन के अधिकारियों के
हिस्से में ही आएगी।
अधर में इलेक्ट्रिक वाहनों के नियम
बीते माह एरिया मुख्यालय में दो इलेक्ट्रिक वाहन लगाये जाने का टेण्डर खोला गया था, अनूपपुर जिले के जिस
ठेकेदार को यह काम दिया गया, उसने वाहन लाकर चलाना तो शुरू कर दिया, लेकिन जिस इलेक्ट्रिक से वाहन चार्ज
होने चाहिए, उससे न होकर चोरी की बिजली से वाहनों को चार्ज किया जा रहा है। निविदा प्रपत्र में इलेक्ट्रिक वाहन की
चार्जिंग के लिए अतिरिक्त यूनिट और प्रति किलोमीटर भुगतान का भी प्रावधान था, आने वाले दिनों में भुगतान तो
संभवत: ले लिया जायेगा, लेकिन यूनिट कहां लगी, इसकी खबर नहीं है। आरोप हैं कि कॉलरी से ही चोरी कर बिजली
से वाहन चार्ज किये जाते हैं और इसका बिल आने वाले दिनों में अधिकारी और ठेकेदार मिलकर खुर्द-बुर्द करेंगे।

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