ललुआ का खेल-रेत से निकाल रहे तेल

(Amit Dubey+8818814739)
शहडोल। बुढ़ार विकास खण्ड में खनिज विभाग द्वारा कोई भी रेत खदान चालू न किये जाने के बाद भी यहां रेत की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है, बुढ़ार में शाम ढलने के बाद अलसुबह तक 10 हजार में डग्गी, 6 हजार में ट्रैक्टर के सौंदे ललुआ भाई बुढ़ार वाले को कॉल कर कोई भी खरीद सकता है। पंचवटी मोहल्ले से एनएच को जोडऩे वाले चौराहे पर ललुआ सेठ की दुकान भी खुली हुई है, जहां शाम होते ही डॉयरी लेकर ललुआ हिसाब करने बैठ जाता है, वैसे तो, बुढ़ार क्षेत्र में लालू और ललुआ नाम के कई लोग हैं, लेकिन वर्तमान में इस भू-माफिया ललुआ ने पुराने सेठों को पीछे कर दिया है।
ललुआ सेठ के द्वारा कथित चौराहे पर बैठकर खुलेआम थाना और खनिज की सेटिंग के दावे के साथ कुछ अन्य डग्गियों को भी प्रति ट्रिप हिसाब लेकर रेत पार करवाई जा रही है। बीते करीब 15 दिनों से ललुआ का कारोबार जब सतह पर आया तो, इससे लोगों ने राहत महसूस की और बुढ़ार सहित आस-पास के क्षेत्र में रेत की किल्लत खत्म हो गई।
खनिज तथा स्थानीय पुलिस के जिम्मेदार इसलिए भी ललुआ के दावों की पुष्टि कर रहे हैं, क्योंकि वर्तमान में बुढ़ार, धनपुरी क्षेत्र में करीब 2 दर्जन स्थानों पर निर्माण कार्य चल रहे हैं और यहां मुख्य मार्ग पर गिराई गई रेत और ललुआ से खरीदने की जानकारी जब पूरे क्षेत्र को है तो, वर्दी और खनिज के चौकीदार इससे कैसे बेखबर हो सकते हैं।
बुढ़ार थाना क्षेत्र के बटली और कसेढ़ घाट इन दिनों ललुआ के कब्जे में है, निजी और सरकारी ठेेके के निर्माण कार्याे के लिए ललुआ इनदिनों मसीहा बना हुआ है, करोड़ों का ठेका लेने वाली कंपनी एनजीटी और सिया के आदेशों के तहत अभी चुप बैठी है, लेकिन ललुआ की रेल का इंजन भले ही पुराना हो, लेकिन उसकी गड्डी रेत लेकर एक्सप्रेस की तरह दौड़ रही है।
बीते पखवाड़े भर से दौड़ रही ललुआ की गड्डी बुढ़ार थाने द्वारा लगवाये गये क्षेत्र में दर्जन भर कैमरों में कैद न हो, यह कैसे हो सकता है। हां यह जरूर है कि अन्य व्यस्तता के कारण अंधेरा होने के बाद दौडऩे वाली इन गड्डियों को प्रभारी या अन्य ने सीसीटीवी कैमरों में रिवर्स करके न देखा हो, लेकिन यदि प्रभारी ने इन कैमरों का उपयोग किया तो, ललुआ और उसकी गड्डी दोनों ही थाने में खड़ी नजर आ सकती है, यही नहीं ललुआ के दावों की भी पुष्टि सीसीटीवी कैमरों की हार्डडिस्क कर सकती है।