अनुमति लेने और शुल्क देने के बाद भी भू क्रेता बना आरोपी

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                                 रजिस्ट्री में लग गई रोक, निजी जमीन खरीदने पर भी परेशानी

शहडोल। जिला प्र्र्रशासन द्वारा अवैध प्लाटिंग के मामले में कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। आरोपियों के विरुद्ध
नोटिस जारी कर एसडीएम कोर्ट ने सुनवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। दूसरी ओर 8 पटवारियों के विरुद्ध भी
अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है। कारण बताओ नोटिस के बाद जमीनों की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई है।
जिला प्रशासन ने जिस तरह जमीनों की जांच कराई है उससे क्रेता व विक्रेता दोनो के पैरों तले से जमीन खिसक गई
है। लेकिन इस मामले में कई ऐसे भी क्रेता हैं जिन्होने कलेक्टर से अनुमति लेने के बाद जमीनों की रजिस्ट्री कराई है।
कार्रवाई में इन्हे भी लपेटे में लिया गया है। जबकि क्रेताअेां का कहना है कि वैधानिक ढंग से कार्रवाई कराने के बाद भी
उन्हे जद में लिया गया है।
शुल्क देकर प्रक्रिया पूर्ण की
बताया गया कि गोरतरा की कई जमीने ऐसी हैं जो सरकारी जमीनों की श्रेणी से पृथक हैं और निजी जमीन क्रय की
गई तथा उसे कलेक्टर से अनुमति प्राप्त कर निर्धारित शुल्क का भुगतान कर रजिस्ट्री कराई गई। अगर प्रक्रिया
अवैध होती तो अनुमति कैसे मिलती और रजिस्टार रजिस्ट्री कैसे कर देता। लेकिन इतना सब होने के बाद भी उनकी
जमीनों पर कार्रवाई की जा रही है और रजिस्ट्री पर रोक लगाई गई है। अनुमति लेने और शुल्क देने के बाद भी उन्हे
आरोपी बना दिया गया है। उन्हे दोहरी मार पड़ रही है। यही स्थिति आसपास के कुछ अन्य गांवों की जमीनों की भी है।
कृषि भूमि पर प्लाटिंग
शासन के कार्रवाई का सबसे प्रमुख कारण यह है कि लोग कृषि भूमि की प्लाटिंग कर रहेे हैं। जबकि इसकी अनुमति
नहीं रहती है, शहरी क्षेत्र की डायवर्टेड भूमि की प्लाटिंग निर्धारित प्रक्रिया के तहत की जाती है। यहां ग्रामीण क्षेत्रों में
भी भूखण्ड बेचे जा रहे हैं। यही कार्रवाई का आधार बनाया गया है। ताबड़तोड़ भूखण्ड काटक र कालोनियां बनाई जा
रहीं हैं। जिनमें भी प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा है। नियमविरुद्ध कालोनियों का निर्माण किया जा रहा है

जहां कालोनी की पूरी सुविधाओं का ध्यान नहीं दिया जाता है। गैरलाइयसेंसी कालोनाइजर चारो तरफ कुकुरमुत्तो की
तरह उगे हुए हैं।
पटवारियों पर पहली बार कार्रवाई
जिला प्रशासन द्वारा पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई की जा रही है और सबसे खास बात यह है कि पहली बार पटवारी
भी लपेटे में आए हैं। बताते हैं कि 8 पटवारियो पर अभी तक कार्रवाई होने का अनुमान है। इन्हे कारण बताओ नोटिस
जारी की गई है। अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिेला तो इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। कई
पटवारियों पर एक साथ कार्रवाई हो जाने से अब पटवारी फूंक फूंक कर कदम उठाएंगे और जमीन बेचने की प्रक्रिया से
बचेंगे। पटवारियों पर जमीनों और राजस्व के रखरखाव का जिम्मा होता है और वही दलालों से दोस्ती कर रहे हैं।

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