मुद्दा छोड़ शेष बसों की जांच के कोरम में जुटे जिम्मेदार
टूरिस्ट परमिट पर दौड़ रही बसों के इर्द-गिर्द भी नहीं पहुंची वर्दी
पुलिस तो जागी, लेकिन परिवहन विभाग सिर्फ अवैध वसूली में व्यस्त
अमलाई-बुढ़ार से लेकर शहडोल-ब्यौहारी तक सडक़ पर जांच का दिखावा
इन्ट्रो-गुना बस हादसे के बाद शहडोल की पुलिस अचानक सक्रिय हो गई, सभी थाना क्षेत्रों सहित खुद कप्तान और एडीजीपी सडक़ पर आ गये, खड़ी बसों की जांच हुई, हाईवे पर हर थानों ने जांच शुरू कर दी, लेकिन टूरिस्ट परमिट पर मजदूरों को ठूस-ठूसकर दौड़ रही बसों के इर्द-गिर्द कोई जिम्मेदार नहीं पहुंच पा रहा है, शायद इन बसों के भी हादसे का प्रशासन को इंतजार है।
शहडोल। बीते दो महीने से शहडोल व अनूपपुर से होकर टूरिस्ट के परमिट पर यात्री बसें छत्तीसगढ़ से होती हुई उत्तरप्रदेश जाती हैं, मीडिया में लगातार यह मामला सुर्खिया बटोर रहा है, लेकिन पुलिस और परिवहन विभाग के जिम्मेदार इन अवैध बसों से दूरी बनाये हुए हैं, बीते सप्ताह गुना में हुए बस हादसे के बाद जब पूरे प्रदेश में जांच का कोरम शुरू हुआ तो, शहडोल पुलिस भी पीछे नहीं रही। शुक्रवार को खड़ी बसों की जांच की गई और शनिवार से अमलाई से लेकर बुढ़ार, शहडोल, जयसिंहनगर, ब्यौहारी व अन्य थाना क्षेत्रों में पुलिस की टीम सडक़ पर नजर आई। जुर्माने का डंडा भी चला, लेकिन इस बात का भी ख्याल रखा गया कि जांच अभियान टूरिस्ट बसों से कोसों दूर रहे। मजे की बात तो यह है कि पुलिस ने तो कोरम पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाये, लेकिन बसों को परमिट जारी करने, निरीक्षण करने और राजस्व वसूलने की जिम्मेदारी निभाने वाला परिवहन विभाग इतने बड़े हादसे के बाद भी कोरम पूरा करने तक के लिए नजर नही आया।
यह हुआ शुक्रवार को
गुना बस हादसे के बाद शहड़ोल पुलिस रेंज एडीजीपी डी.सी. सागर, एसपी कुमार प्रतीक सहित जिला प्रशासन की ओर से प्रभारी कलकेटर राजेश कुमार जैन ने संयुक्त रूप से बस स्टैण्ड शहडोल का भ्रमण करते हुए बसों का औचक निरीक्षण किया, बसों की फिटनेस, बीमा सर्टिफिकेट, आपातकालीन दरवाजे, अग्निशमन यंत्र, फर्स्ट-एड बॉक्स, प्रदूषण सर्टिफिकेट, ड्रायवरों की निर्धारित वर्दी आदि की जांच की गई। पुलिस द्वारा लगभग 21 बसों के दस्तावेजों की जांच की गई एवं बसों का निरीक्षण किया गया, जिसमें से 10 बसों में निर्धारित मापदंडो के अनुरूप कमियां पायी गई। जिस पर उक्त बसों पर चालानी कार्यवाही की जाकर 16 हजार 500 रुपये समन शुल्क वसूल किया गया, बस संचालकों एवं बस ड्राइवरों को कड़ाईपूर्वक निर्देशित किया गया है कि यातायात नियमों का पालन आवश्यक रूप से करेंगे एवं उल्लंघन करते पाये जाने पर उनके विरूद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
इन बसों पर भी ध्यान दें साहब
टूरिस्ट परमिट पर मजदूर ढो रही बसों की संख्या 2 दर्जन से अधिक बताई गई है, जिसमें मो. साकिब की बस क्रमांक सीजी 15 डीडब्ल्यू 5879 कवर्धा से लखनऊ व सीजी 15 डीडब्लयू 5869 भी कवर्धा से लखनऊ दौड़ती है, इसी बस मालिक की सीजी 15 डीडब्लयू 5868 क्रमांक बस बिलासपुर से कानपुर, मो. नावेद की सीजी 15 डीडब्लयू 5878 बिलासपुर से कानपुर, इसी बस मालिक की सीजी 15 डीडब्लयू 5853 अमलिया से सूरत, वहीं नावेद की ही एक अन्य बस सीजी 15 डीडब्लयू 5866 भी अमलिया से सूरत के अलावा नफीस ट्रांसपोर्ट की सीजी 15 डीएक्स 3920 चिरमिरी से खागा, नफीस की ही बस क्रमांक सीजी 15 डीएक्स 3922 बेमेतरा से लखनऊ दौड़ रही है, कांकेर रोडवेज दुर्ग की बस क्रमांक सीजी 19 बीके 7200 जबलपुर से हैदराबाद, कांकेर की ही बस क्रमांक सीजी 04 एनए 7778 भी जबलपुर से हैदराबाद के अलावा इसी रोडवेज की इसी रोड पर बस क्रमांक सीजी 04 एनए 7767, सीजी 19 बीजे 8882, सीजी 19 बीजे 8838 सभी जबलपुर से हैदराबाद, नरेश बस सर्विस रायपुर की 4 बसें जिनमें से दो रायपुर से इलाहाबाद और 2 फैसाबाद दौड़ रही हैं। मो. अब्दुल राशिद की बस क्रमांक यूपी 65 जेटी 8715 चिरमिरी से खागा, रमेश कुमार यादव की यूपी 70 एचटी 9162 बिलासपुर से इलाहाबाद, पुष्पराज बस सर्विस की यूपी 70 जेटी 3923 बिलासपुर से इलाहाबाद, इसी बस सर्विस की बस क्रमांक यूपी 70 जेटी 9947 बिलासपुर से लखनऊ के अलावा उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ से संजय सिंह की दो बसें बिलासपुर से सुल्तानपुर, नीरज राय की दो बसें बिलासपुर से इलाहाबाद और राजधानी बस सर्विस के हसन खान की दो बसें बिलासपुर से इलाहाबाद दौड़ रही हैं।
यात्री भुगतेंगे खामियाजा
मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 88 (9) के तहत पर्यटन परमिट प्राप्त कर 88 (8) के तहत कांट्रेक्ट कैरिज का रिजर्व परमिट प्राप्त कर लगभग बसें नियमित रूप से छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश में सवारियां ढो रही है, अनूपपुर और शहडोल के परिवहन अधिकारियों के साथ ही कबीर चबूतरा अमरकंटक, रामनगर झिरिया टोला व खूंटाटोला वेंकटनगर, सोहागी बैरियर तथा इन जिलों के यातायात पुलिस के मुखिया सभी खुलकर अधिनियम का उल्लंघन और लाखों की कर चोरी कर रहे मोटर मालिकों के सहभागी बन रहे हैं। पूर्व में ऐसी बसें हादसों का शिकार भी हुई है, यदि आने वाले दिनों में कोई हादसा होता है तो, उसका खामियाजा यात्रियों का भुगतना पड़ेगा और अधिकारी फिर एक बार पल्ला झाड़ लेंगे।