विश्व  न्याय दिवस पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन

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गिरीश राठौड़

 

विश्व  न्याय दिवस पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन

 

विश्व न्याय दिवस के अवसर पर आम नागरिकों, विद्यार्थियों और कानूनी क्षेत्र से जुड़े लोगों को न्यायिक अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय विधिक व्यवस्था की जानकारी देने के उद्देश्य से संस्कार विधि महाविद्यालय अनूपपुर में एक विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर न्यायिक अधिकारियों और विधिक विशेषज्ञों ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्याय व्यवस्था, मानवाधिकारों की रक्षा, और पीड़ितों को न्याय दिलाने में विधिक संस्थानों की भूमिका पर प्रकाश डाला।

 

अनूपपुर, /विश्व न्याय दिवस के अवसर पर संस्कार विधि महाविद्यालय अनूपपुर में एक विशेष विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती माया विश्वलाल के निर्देशानुसार संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायाधीश एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री विनोद कुमार वर्मा ने की।

 

शिविर में उपस्थित प्रमुख अतिथियों में जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री बृजेश पटैल, असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसेल श्री आयुष सोनी, संस्कार विधि महाविद्यालय के संस्थापक श्री नवोद चपरा तथा प्राचार्य डॉ. संजीव पाण्डेय सहित महाविद्यालय के शिक्षकगण व छात्र-छात्राएं शामिल रहे।

 

कार्यक्रम के दौरान श्री विनोद कुमार वर्मा ने ‘विश्व न्याय दिवस’ की पृष्ठभूमि को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि 17 जुलाई 1998 को रोम संविधि को अपनाया गया था, जिसके परिणामस्वरूप अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) की स्थापना हुई। यह विश्व का पहला स्थायी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय है, जो नरसंहार, मानवता के विरुद्ध अपराध, युद्ध अपराध और आक्रामकता जैसे गंभीर अपराधों के आरोपितों की जांच व अभियोजन करता है। उन्होंने इसे “अंतिम उपाय का न्यायालय” बताते हुए अंतरराष्ट्रीय न्याय व्यवस्था की महत्ता पर बल दिया।

 

जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री बृजेश पटैल ने अपने उद्बोधन में बताया कि इस दिवस का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर अपराध पीड़ितों को न्याय दिलाना, मानवाधिकारों की रक्षा करना तथा दोषियों को न्याय के कठघरे में लाकर शांति और स्थायित्व को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि विधिक सेवा संस्थान न केवल गरीबों एवं वंचितों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करता है, बल्कि समाज में कानूनी जागरूकता फैलाने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

 

कार्यक्रम का समापन छात्र-छात्राओं के प्रश्नोत्तर सत्र एवं धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया। आयोजन में छात्रों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और विधिक विषयों में रुचि दर्शाई।

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