लायसेंसी नही करेंगे शराब दुकान का संचालन, बंद रहेंगी जिले भर की शराब दुकाने
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पुलिस से परेशान होकर लायसेंसी नही करेंगे शराब दुकान का संचालन
मामला अवैधानिक तरीके से लाइसेंसधारी के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध करने का
जिलेभर की शराब दुकान दो दिनों तक रहेगी बंद, कलेक्टर के नाम सौपा पत्र
अनूपपुर। नवागत पुलिस अधीक्षक की पदस्थापना के बाद अवैध शराब पर अंकुश लगाने के लिए कार्यवाही पूरे जिलेभर में कार्यवाही की जा रही है, लेकिन जिले भर में संचालित अंग्रेजी शराब दुकान का लाइसेंसधारियों को भी इसका शिकार बनाया जा रहा है, जबकि अवैध रूप से बेचने वाले शराब कारोबारियों के पास उनके बैच नंबर के शराब उपलब्ध नही होते है। उसके बावजूद वैद्य शराब लायसेंसी ठेकेदार व उनके कर्मचारियों के विरूद्व मामला पंजीबद्व कर दिया जाता है। जिलेभर के लायसेंसधारियों ने कलेक्टर के नाम पत्र सौपाकर दुकान का संचालन न करने की मंशा जाहिर की है। अनूपपुर, कोतमा, राजनगर, राजेन्द्रग्राम, चचाई, बिजुरी सहित जिलेभर की दुकानें बंद रहेगी।
... तो पुलिस जल्दबाजी में कर रही कार्यवाही
इस पूरे मामले से उपजे घटनाक्रम को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस कार्यवाही तो कर रही है, लेकिन कार्यवाही में इतनी जल्दबाजी कर रही है, कि नियम कानून भी दरकिनार कर दी जा रही है, कहीं भी अवैध शराब मिलने पर मामला सीधे मुखिबिर या फिर लायसेंसी ठेकेदार व उनके कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करते हुए कार्यवाही कर ही है, जबकि नियमत: बैच नंबर मिलने व कलेक्टर के समक्ष पूरी जानकारी रखते हुए प्रक्रिया को पूर्ण करना चाहिए, लेकिन ऑन द स्पाट पुलिस की कार्यवाही कहीं न कहीं प्रश्न चिन्ह खडा करता है।
यह लिखा पत्र में
28 सितंबर को ग्राम बर्री में कोतवाली पुलिस द्वारा रामरतन राठौर के कब्जे से अवैध मदिरा देशी एवं विदेशी जप्त किया था, जिसमें अवैधानिक तरीके से पुलिस द्वारा अनूपपुर शराब दुकान लाइसेंसधारी के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध कर दिया गया है। जबकि आरोपी रामरतन राठौर के यहां जो मदिरा जप्त हुई है, उक्त मदिरा कभी प्रार्थी के दुकान में विक्रय हेतु नहीं रखी गयी थी, जिस बैच नंबर की मदिरा रामरतन के यहाँ जप्त हुई है, उस बैच नंबर की मदिरा प्रार्थी के दुकान में कभी भी विक्रय हेतु वेयरहाउस से चालान भरकर प्राप्त नहीं की गयी है। ऐसी दशा में बिना जॉच किये थाना प्रभारी अनूपपुर द्वारा नियम विरूद्व लायसेंसी को एवं उसके कर्मचारियों को नामजद आरोपी बनाया गया है।
लायसेंसी और कर्मचारी परेशान
लायसेंसी व उनके कर्मचारियों पर लगातार जिलेभर में हो रहे अपराध पंजीबद्व को लेकर मानसिक रूप से परेशान है, इतना ही नही उन्होने पत्र में उल्लेख किया कि वह एक प्रतिष्ठित व्यक्ति है इस मामले के कारण उसकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है, इस मामले के कारण परिवार सदमे में है और परिवार के द्वारा यह दवाब बनाया जा रहा है कि लाइसेंस को सरकार को वापस कर दो ऐसे कार्य से क्या फायदा जिसमे बिना वजह कभी भी कोई किसी भी थाने में ब्रांड में लाइसेंस का नाम देखते ही केश पंजीबद्ध कर दिया जाता है।
कर्मचारियों ने दुकान छोडा
लगातार हो रहे मामले के कारण दुकान के सेल्समैन भी काम नहीं करना चाहते है, पुलिस के भय के कारण दुकान के अन्य कर्मचारी दुकान छोड़कर जा रहे है और जो कर्मचारी है भी वे छुट्टी लेकर घर चाह रहे है। ऐसी दशा में बिना कर्मचारी के प्रार्थी दुकान का संचालन नहीं करा पा रहा है। बुधवार 29 सितंबर की रात्रि अनूपपुर में अंग्रेजी शराब दुकान में उपदियो द्वारा उत्पात किया जा रहा था, टेबल कुर्सी तोड़ दी गयी, थाना फोन करने पर पुलिस द्वारा उल्टा सेल्समैन को डाट फटकार की गयी पुलिस रवैया लायन आर्डर के तहत भी सहयोगात्मक नहीं है।
लाइसेंस फीस प्रतिशत वापस की मांग
आवेदन पत्र प्रस्तुत कर लायसेंसधारियों ने लिखा कि नाम से संचालित समस्त दुकानो की चाभी लेकर 01 अक्टूबर से प्रशासन दुकानों का संचालन स्वयं करवाये मेरे समस्त जमा प्रतिभूति राशि (अमानत राशि) 11 प्रतिशत एवं अक्टूबर से मार्च तक का लाइसेंस फीस प्रतिशत वापस करने की मांग की है।
लायसेंसी के विरुद्ध आबकारी एक्ट
थाना चचाई के द्वारा 29 सितंबर को ग्राम बरगवा में संतोष पटेल पर की गई अवैध शराब की कार्यवाही के मामले में प्रार्थी लायसेंसी पर फर्जी तरीके से आबकारी एक्ट की धारा 44 का प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने के कारण दुकान का संचालन न कर पाने के संबंध में लायसेंसी ने कलेक्टर को पत्र लिखा है।
लायसेंसी की प्रतिष्ठा को आघात
29 सितंबर को ग्राम बरगवां में थाना चचाई पुलिस के द्वारा संतोष पटेल के कब्जे से अवैध देशी मदिरा एवं बियर जप्ती की कार्यवाही की गई, जिसमें अवैधानिक तरीके से पुलिस के द्वारा प्रार्थी बरगवां दुकान समूह व चचाई दुकान समूह लायसेंसी कमलेश सिंह चंदेल के विरूद्ध धारा 44 आबकारी एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया, जिससे मेरी छवि धूमिल हुई है और मेरी प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा है। जबकि आरोपी संतोष पटेल कब कहां से किसके माध्यम से अवैध शराब लाकर विक्रय कर रहा था इसकी वैधानिकता पूर्ण जांच नहीं की गई।
धारा 44 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध
जिले में इसके पूर्व अनूपपुर शराब दुकान समूह के संचालक सुमित जायसवाल व राजनगर शराब दुकान समूह संचालक दिलीप यादव के विरूद्ध की गई मनमानी पूर्ण कार्यवाही के बाद दुकान में कार्यरत सेल्स मैन भयभीत होकर कार्य करने से मना कर रहे है और जब 29 सितंबर को चचाई पुलिस के द्वारा प्रार्थी लायसेंसी के विरुद्ध आबकारी एक्ट की धारा 44 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध दिया गया, तब से दुकान में कार्यरत सेल्स मैन सहित सभी कर्मचारियों ने कार्य करने से मना कर दिया है ऐसी स्थिति में प्रार्थी लायसेंसी 1 अक्टूबर से बरगवां दुकान समूह व चचाई दुकान समूह का संचालन कर पाने में असमर्थ है।
जांच के लिए आयुक्त को लिखा पत्र
लायसेंसी सुमित जायसवाल ने आबकारी आयुक्त ग्वालियर को पत्र लिखकर जांच की मांग की है, सुमित ने कहा कि राज पत्र के अनुसार कलेक्टर के आदेशानुसार ही लायसेंसी पर कार्यवाही होना चाहिए, लेकिन कोई अवैध विक्रेता कुछ भी बोल दे रहा है और मामला ठेकेदार व उसके कर्मचारियों पर पंजीबद्व कर दिया जाता है, इससे न केवल छवि धूमिल हुई है बल्कि नियम को दरकिनार करते हुए लोगों को जेल भी भेज दिया गया। इस तरह पुलिस के द्वारा कार्यवाही की गई है, जिसकी जांच आवश्यक है।
इनका कहना है
घटना स्थल पर जानकारी के अनुसार मामला पंजीबद्व किया गया है, विवेचना में वेयरहाउस के चालान की जांच की जायेगी।
अमर वर्मा, कोतवाली प्रभारी
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जब अवैध शराब विक्रय करने वाले बताते है, उसके आधार पर अपराध पंजीबद्व किया गया है, यह विवेचना का कार्य है, जांच के बाद अगर नाम की पुष्टि नही होगी तो नाम बाहर हो जायेगा।
अखिल पटेल, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर