स्थानीय प्रशासन बना मूकदर्शक, पर्यावरण हो रहा नष्ट

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                           नदी-नालो- पहाड़ के लिए ग्रहण बना माफिया

शहडोल। जिले के ब्योहारी क्षेत्र में रेत माफिया पुलिस और खनिज विभाग से सांठ-गांठ कर आस-पास के नदी नालों से
निरंतर रेत उत्खनन कर ट्रैक्टरों से नगरीय क्षेत्र में परिवहन का कार्य किया जा रहा है और जिम्मेदार विभागीय
अमला सांठ-गांठ से यहां के प्राकृतिक पर्यावरण का चीरहरण करा रहे हैं। लोगों की माने तो गोदावल परिक्षेत्र के आस-
पास खनिज सम्पदा के उत्खनन व परिवहन में लगे दर्जनभर ट्रैक्टर सरेआम सडक़ में धमाचौकडी मचाते है और यहां
का जिम्मेदार प्रशासनिक अमला मूकदर्शक बन यहां के प्राचीन प्राकृतिक धरोहर नदी,तालाब,जंंगल पहाड को नष्ट
कर पर्यावरण को तबाह व बरबाद किया जा रहा है। यहां का प्रबुद्ध वर्ग और जागरूक नागरिक भी लापरवाह बना हुआ
है।
तहसील मुख्यालय से लगे प्राचीन धार्मिकस्थल गोदावलधाम क्षेत्र के आस-पास की पहाडियों तथा नदी नालों से
अनवरत उत्खनन करते हुए ट्रैक्टरों से रात-दिन परिवहन किया जा रहा है। यह क्षेत्र कुछ जंगल और कुछ नजूल
राजस्व रिकार्ड दर्ज है। जिसका लाभ ट्रैक्टर रेत माफिया पुलिस और खनिज विभाग के अमले से सांठ-गांठ बना उठा
रहा है। इस काम में लगे एक प्रमुख ट्रैक्टर खनिज माफिया ने बताया कि हर माह थाना और खनिज विभाग को तय
रकम दी जाती है।
मुख्यालय से लगे तेंदुआढ़ गांव के एक ट्रैक्टर संचालक जो अपने तीन ट्रैक्टरों के साथ इसी क्षेत्र में लगातार रेत गिट्टी
व पटाई का अबैध उत्खनन कर क्षेत्र में परिवहन करता है। जो खुलेआम प्रशासनिक अमले को अपनी जेब में रखने
का दावा करता है। ये प्रायं गोदावल तिराहे के आस-पास ही बना रहता है। इसने करीब एक साल के दौरान गोदावल से
लगी एक पहाडी व बगल में बहने बाले नाले का तेजी से खनन कर खनिज का जमकर दोहन किया। इस रेत माफिया
के अवैध कारोबार को रोंकने में यहां का विभागीय अमला नाकाम रहा है। जिससे प्रशासन के जिम्मेदारों पर
मिलीभगत का आरोप लगना लाजिम है।

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