म.प्र. डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन ने सौंपा ज्ञापन
शहडोल। मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में की गई घोषणाएं/ आदेश लागू करने एवं आवश्यक तैयारी करने के बाद ही ई-एमबी लागू करने के संबंध में म.प्र. डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन द्वारा अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के नाम ज्ञापन सौंपा हैं। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि मुख्यमंत्री द्वारा संविदा कर्मियों के कल्याण के लिए संविदा महाकुंभ भोपाल में आयोजित कर घोषणाएं की और सामान्य प्रशासन विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा उक्त घोषणाओं को आदेश के रूप में पारित कर नीति बनाई गई, शासन के आदेशानुसार नीति सभी विभागों को भेजी गई, कुछ विभागों में यह नीति लागू भी कर दी गई है। परन्तु ग्रामीण जनता से जुड़ा हुआ ग्रामीण विकास विभाग ने सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश को भी न मानते हुए नीति लागू नहीं किया, जबकि प्रदेश एक है, शासन के सभी विभाग में संविदा कर्मी भी एक हैं। विभाग के मुखिया होने के नाते संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया जाये।
यह है डिप्लोमा इंजीनियर की मांग
ज्ञापन के माध्यम से अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से मांग की है कि ई-एमबी लागू करने के पूर्व उपयंत्री को लैपटॉप व नेट रिचार्ज की सुविधा दी जाए, किसी भी उपयंत्री के पास 10 से अधिक पंचायते न हो, उपयंत्रियों को समस्त बैठकों व अन्य ड्यूटी से मुक्त रखा जाए, जिससे मस्टर में विलंब न हो। एक ही कार्य कि भौतिक व ई-एमबी दोनों भरना औचित्य हीन है, अत: भौतिक एमबी बंद की जाए। उपयंत्री से तकनीकी कार्य के अलावा अन्य कार्य न कराया जाए, अक्सर देने में आता है कि पीसीओ व एसबीएम बीसी के कार्य के लिए भी उपयंत्री को दोषी ठहराया जाता है, इसके लिए पत्र जारी किया जाये। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि उक्त बिन्दुओं पर निर्णय होने तक इस ई-एमबी का उपयोग स्थगित रखा जाये, जिससे कि मजदूरी भुगतान में विलंब न हो। ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रशांत लगरखा एसडीओ, अशोक मरावी एसडीओ, ए.एम. सिंह एसडीओ जल संसाधन विभाग एवं जिले के उपयंत्री उपस्थित रहे।