मजदूरों की जगह मशीनों का कर रहे उपयोग

0

ग्राम पंचायत चकौडिय़ा में भ्रष्टाचार का  खुला-खेल

(अनिल तिवारी) – 7000362359

शहडोल। भ्रष्टाचार के संदेह पर प्रदेश में पंचायत सचिवों के घर पर पूर्व में जिस तरह से लोकायुक्त ने छापामार कार्यवाही की थी और पंचायत के सचिवों के पास से संपत्ति का खुलासा हो रहा था, उससे तो यह साफ चुका है कि पंचायत से ज्यादा पंचायत में पदस्थ जिम्मेदारों का विकास हुआ है, जिले के बुढ़ार जनपद की ग्राम पंचायतों में पदस्थ सचिवों को दो-दो पंचायत का प्रभार दिया गया है, अगर लोकायुक्त की नजर जाये तो, कई ऐसे सचिव मिलेगें, जिन्होंने पंचायत छोड़ अपना व अपने परिवार का जमकर विकास किया है।

जनपद से मिलती है ताक

जनपद पंचायत में बैठे जिम्मेदारों को अब कोई भ्रष्टाचार करता है तो उन्हें शिकायत का इंतजार रहता है, सूत्र बताते हैं कि भ्रष्टाचार करने के लिए पहले से ही जनपद में बैठे जिम्मेदारों से कमीशन देकर बात की जाती है, बाबू, एपीओ से ले जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारियों ने चंद चांदी के सिक्कों के लिए अपना जमीर इन सचिवों के सामने गिरवी रख दिया है, जिस वजह से मामला सामने आने के बाद भी जिम्मेदार इस ओर से आंखे मूंदे बैठे हैं।

चकौडिय़ा में मशीनों का उपयोग

ग्राम पंचायत चकौडिय़ा में तलाब निर्माण कराया जा रहा है, शासन से तालाब के लिए लाखों रूपये की राशि योजना बद्ध तरीके से बंदरबांट किये जाने की पूरी तैयार कर ली गई है, खबर है कि नियमत: उक्त निर्माण कार्य में मजदूरों से कराया जाना है, वह भी ग्राम पंचायत के अंतर्गत निवासरत लोगों से काम करवाकर मस्टर रोल के माध्यम से उनके खातों में मजदूरी देना है। इस कार्य में जेसीबी और अन्य मशीनों का लगाया जाना पूर्णत: प्रतिबंधित है, बावजूद इसके सरपंच, सचिव और गांव के ही कुछ पंच मिलकर भ्रष्टाचार की इबारत लिख रहे हैं। स्थानीय लोगों ने इंजीनियर सहित जिम्मेदारों से मांग की है कि उक्त निर्माण कार्य के लगाये जा रहे बिलों की जांच कर ही हरीझण्डी दें।

पूर्व में भी हुए भ्रष्टाचार

खबर है कि सचिव ने जनपद में सेटिंग कर पंचायतों में हुए शौचालय निर्माण कार्य में जमकर शासन से आई राशि का दुरूपयोग किया गया, ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी जनपद में है, जनपद में ही बैठे तथा कथित अधिकारी ने यहां जीओ टैग का कार्य भार सम्हाला हुआ है, सबसे बड़ी बात यह भी है कि अगर समय रहते उक्त निर्माण कार्य की जांच नहीं हुई तो, नटवरलालों द्वारा पंचायत में दर्जनों ग्रामीणों के फर्जी नाम उनकी बिना जानकारी के मस्टररोल में भरे जायेंगे। सूत्रों की माने तो सरपंच, सचिव द्वारा अपने पास रखे गये, एटीएम और चेक बुक के माध्यम से राशि आहरित कर बंदर-बांट कर लिया जायेगा।

इनका कहना है…

मैंने आधे घंटे तालाब में मशीन उतरवाई थी, पूरे गांव में हल्ला हो गया।

अवधेष शर्मा
सचिव
ग्राम पंचायत, चकौडिय़ा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed