मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने घोषित किए 71 जिलों के नए अध्यक्ष, लंबे इंतजार के बाद शहडोल में अजय अवस्थी को मिली कमान

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भोपाल।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने आखिरकार मध्यप्रदेश के सभी 71 जिलों में जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों की नियुक्तियों की घोषणा कर दी है। यह सूची लंबे समय से प्रतीक्षित थी, जिसे लेकर संगठन के भीतर खींचतान और खेमेबाजी भी बनी हुई थी। शनिवार को जारी सूची में कई नए चेहरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, वहीं कुछ पुराने नेताओं को भी फिर से मौका मिला है।
शहडोल पर सबसे ज्यादा निगाहें
शहडोल जिले की जिम्मेदारी अजय अवस्थी को दी गई है। अजय अवस्थी की नियुक्ति को संगठन में जीतू पटवारी और कुणाल चौधरी की बढ़ती पकड़ के रूप में देखा जा रहा है। वे दोनों के नजदीकी माने जाते हैं। खास बात यह है कि अवस्थी पूर्व जिला अध्यक्ष सुभाष गुप्ता के भी करीबी हैं, जिससे माना जा रहा है कि स्थानीय संगठन में गुटबाजी को साधने का प्रयास किया गया है। राजनीतिक हलकों में इसे अजय सिंह ‘अच्छा’ की एक और हार माना जा रहा है, क्योंकि शहडोल में उनके पसंदीदा को मौका नहीं मिल पाया। विश्लेषक मानते हैं कि जीतू पटवारी का ‘गत’ इस बार भारी पड़ा और युवाओं को तरजीह दी गई।
प्रदेशभर में हुए नए चेहरे स्थापित
सूची में कई जिलों में नए और अपेक्षाकृत युवा चेहरों को सामने लाया गया है।
भोपाल शहर की जिम्मेदारी प्रवीन सक्सेना को दी गई है, जबकि भोपाल ग्रामीण में अनोखी मान सिंह पटेल को अध्यक्ष बनाया गया।
इंदौर शहर में चिंटू चौकसे और इंदौर ग्रामीण में विपिन वानखेड़े को कमान मिली।
जबलपुर शहर में सौरभ नाटी शर्मा और जबलपुर ग्रामीण में संजय यादव नियुक्त किए गए।
ग्वालियर शहर में सुरेंद्र यादव और ग्वालियर ग्रामीण में प्रभुदयाल जोहरे अध्यक्ष बनाए गए।
रीवा शहर में अशोक पटेल, रीवा ग्रामीण में राजिंदर शर्मा को अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
उज्जैन शहर में मुकेश भाटी और उज्जैन ग्रामीण में महेश परमार को जिम्मेदारी दी गई।
छिंदवाड़ा में विश्वासनाथ ओखते, सागर शहर में महेश जाटव और सागर ग्रामीण में भूपेंद्र सिंह मोहासा को अध्यक्ष बनाया गया।
बड़े जिलों में संतुलन साधने की कोशिश
कांग्रेस ने इस बार नियुक्तियों में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने का प्रयास किया है। बुंदेलखंड, महाकौशल, विंध्य और मालवा-निमाड़ क्षेत्र में हर वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया गया है। अनूपपुर से श्याम कुमार गुड्डू, बालाघाट से संजय उइके, खरगोन से रवि नाइक, सीधी से ज्ञान प्रताप सिंह और सिंगरौली से प्रवीण सिंह चौहान को अध्यक्ष बनाया गया। वहीं, दतिया में अशोक डांगी, दमोह में मनाक पटेल और दतिया जैसे संवेदनशील जिलों में भी नए चेहरों को प्राथमिकता दी गई।
राजनीतिक संदेश
इस सूची से कांग्रेस ने साफ किया है कि पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों से पहले संगठन को नए जोश के साथ मैदान में उतारना चाहती है। पुराने चेहरों की जगह युवाओं और कार्यकर्ताओं के बीच सक्रिय नेताओं को जिम्मेदारी देना इसी रणनीति का हिस्सा है। शहडोल जैसे जिलों में नए अध्यक्ष की नियुक्ति से स्थानीय राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अजय अवस्थी की ताजपोशी से कांग्रेस ने संकेत दे दिया है कि आने वाले समय में संगठन की बागडोर ऐसे नेताओं के हाथ में होगी जो न केवल नेतृत्व से जुड़े हुए हैं बल्कि स्थानीय स्तर पर सक्रियता भी बनाए हुए हैं। यह फैसला कांग्रेस में नई ऊर्जा का संचार कर सकता है, लेकिन गुटबाजी को किस हद तक रोका जा सकेगा, यह बड़ा सवाल है।
कुल मिलाकर, कांग्रेस ने 71 जिलों में अध्यक्षों की घोषणा कर प्रदेश संगठन को चुनावी मोड में डाल दिया है। शहडोल में अजय अवस्थी की ताजपोशी इस सूची की सबसे चर्चित नियुक्ति साबित हो रही है।

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