वैश्विक मानचित्र पर चमकेगा मप्र, कटनी-सिंगरौली बनेंगे स्वर्ण खनन केंद्र इमलिया ब्लॉक का जल्द होगा एग्रीमेंट, स्थानीय युवाओं को मिलेगा बड़ा रोजगार
वैश्विक मानचित्र पर चमकेगा मप्र, कटनी-सिंगरौली बनेंगे स्वर्ण खनन केंद्र इमलिया ब्लॉक का जल्द होगा एग्रीमेंट, स्थानीय युवाओं को मिलेगा बड़ा रोजगार
कटनी।। मध्यप्रदेश खनिज संपदा के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचने जा रहा है। कटनी जिले के इमलिया और सिंगरौली जिले के चकरिया ब्लॉक से आगामी एक वर्ष के भीतर सोने का उत्पादन शुरू हो जाएगा। विभागीय सूत्रों के अनुसार चकरिया गोल्ड ब्लॉक का अनुबंध पूरा हो चुका है, जबकि कटनी के इमलिया ब्लॉक का अनुबंध अगले माह होने जा रहा है। इसके साथ ही प्रदेश अब कर्नाटक के बाद देश में स्वर्ण उत्पादन करने वाला दूसरा बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा।
चकरिया और इमलिया में समृद्ध स्वर्ण भंडार
सिंगरौली स्थित चकरिया गोल्ड ब्लॉक 23.57 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला है, जिसमें लगभग 1 लाख 33 हजार 785 टन स्वर्ण अयस्क का भंडार अनुमानित है। यहां से लगभग 1 लाख 76 हजार 600 ग्राम शुद्ध सोना प्राप्त होने की संभावना है।
वहीं, कटनी का इमलिया गोल्ड ब्लॉक 6.51 हेक्टेयर क्षेत्र का है। यहां से लगभग 25 हजार ग्राम सोना निकलने की संभावना जताई गई है। दोनों ही ब्लॉकों के लिए आवश्यक अनुमतियां मिल चुकी हैं और अनुबंध के बाद कंपनियां आधुनिक मशीनरी लगाकर निष्कर्षण कार्य शुरू करेंगी।
प्रदेश में पांच ब्लॉकों की पुष्टि
प्रदेश में अब तक कुल पांच गोल्ड ब्लॉकों में सोने की पुष्टि हुई है। इनमें चार ब्लॉक सिंगरौली और एक कटनी जिले में है। चकरिया ब्लॉक को ई-नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से गरिमा नेचुरल रिसोर्सेज प्रा. लि. को आवंटित किया गया है। इमलिया ब्लॉक का अनुबंध भी शीघ्र होने जा रहा है। अन्य ब्लॉकों जैसे गुरहर पहाड़, सोनकुरवा ईस्टर्न एक्सटेंशन और अम्लीयवाह ब्लॉक पर भी कार्यवाही जारी है।
रोजगार और विकास को मिलेगा नया आयाम
खनिज विभाग के अधिकारियों का मानना है कि दोनों खदानों से स्वर्ण निष्कर्षण शुरू होते ही स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर बनेंगे। इससे कटनी सहित आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी। सोने के उत्पादन से न केवल प्रदेश की आय बढ़ेगी, बल्कि भारत के वैश्विक स्वर्ण मानचित्र पर मध्यप्रदेश की प्रतिष्ठा और सुदृढ़ होगी।
मुख्यमंत्री का विजन-9″मिनरल प्रदेश ऑफ इंडिया”
हाल ही में कटनी में आयोजित माइनिंग कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि मध्यप्रदेश खनिज संपदा की दृष्टि से आत्मनिर्भर और विकसित प्रदेश बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। स्वर्ण खनन के अनुबंध प्रदेश के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। प्रदेश अब “मिनरल प्रदेश ऑफ इंडिया” बनने की ओर बढ़ रहा है।
जबलपुर-कटनी क्षेत्र में भी सोने के संकेत
भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में जबलपुर और कटनी जिले के महगवां केवलारी क्षेत्र में लौह व मैंगनीज अयस्क के साथ सोने के कण मिले हैं। यहां एक्सप्लोरेशन का कार्य शुरू कर दिया गया है। इससे आने वाले समय में इस क्षेत्र से भी सोने की उम्मीद है।
प्रतिक्रिया
रत्नेश दीक्षित, उपसंचालक खनिज कटनी ने बताया “इमलिया गोल्ड खदान के लिए पर्यावरण स्वीकृति मिल चुकी है। अब एम.डी.पी.ए. मिनरल प्रोडक्शन एग्रीमेंट की प्रक्रिया जारी है। यह कटनी जिले के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। माइनिंग कॉन्क्लेव का असर अब धरातल पर दिखने लगा है। बहुत जल्द एग्रीमेंट के बाद मुंबई की प्रीमियम रिसोर्स कंपनी कार्य शुरू करेगी।” यह उपलब्धि न केवल कटनी और सिंगरौली बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय है। आने वाले वर्षों में स्वर्ण उत्पादन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती और युवाओं को रोज़गार मिलेगा।