मेगा प्रोजेक्ट रामपुर-बटुरा को खोलने के लिए प्रबंधन ने शुरू की तैयारी

धनपुरी। एसईसीएल सोहागपुर एरिया का मेगा प्रोजेक्ट रामपुर-बटुरा को खोलने के लिए प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दिया है, कई सालों के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अब इस प्रोजेक्ट के खुलने के रास्ते साफ हुए हैं बिना देर किए प्रबंधन भी अब खदान खोलने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है उम्मीद है कि आने वाले कुछ माह में यहां पर काम शुरू हो जाएगा जो कि सोहागपुर एरिया के लिए ऐतिहासिक क्षण होगा इस प्रोजेक्ट के खुलने का इंतजार न सिर्फ सोहागपुर एरिया को था बल्कि बिलासपुर मुख्यालय भी लगातार इस प्रोजेक्ट पर अपना नजर बनाए हुए थे कई सालों से यहां पर प्रोजेक्ट खोलने को लेकर जो समस्याएं सामने आ रही थी उन्हें दूर करने को लेकर प्रबंधन ने जो प्रयास किए आज वह इस प्रोजेक्ट की सफलता की कहानी बताती है यह प्रोजेक्ट कई मायनों से इसलिए भी खास है क्योंकि लगातार सुहागपुर एरिया में खदानें बंद हो रही हैं यही कारण है कि यह प्रोजेक्ट एक नई उम्मीद की किरण हो जगाने का काम करेगी कई सालों से इस प्रोजेक्ट को खोलने के लिए बिलासपुर मुख्यालय प्रयासरत था पूर्व में कई महाप्रबंधक सोहागपुर एरिया में पदस्थ हुए लेकिन उनका ध्यान इस प्रोजेक्ट पर कम ही रहता था यही कारण भी है कि लंबे समय तक यह प्रोजेक्ट अधर में ही लटका कर रह गया था ऐसे में तत्कालीन महाप्रबंधक आरपी सिंह का सुहागपुर एरिया में पदस्थापना की जाती है यहां पदस्थ होते ही जिस तरह से उन्होंने इस मेगा प्रोजेक्ट को खोलने की तैयारी शुरू की उसका असर भी देखने को मिला कई दौर की बातचीत के बाद रास्ते खुलते चले गए और हालात ऐसे बन गए कि अब इस प्रोजेक्ट के खुलने का सिर्फ इंतजार रह गया है वैसे तत्कालीन महाप्रबंधक आरपी सिंह का कम समय में ही स्थानांतरण हो गया लेकिन बिलासपुर मुख्यालय ने सुहागपुर एरिया की कमान शंकर नागाचारी को सौंपी जिन्होंने तो इस प्रोजेक्ट को लेकर जो काम किया आज उसकी सराहना बिलासपुर मुख्यालय तक की जा रही है यह प्रोजेक्ट सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं बल्कि कई लोगों की उम्मीद भी है जहां एक तरफ यहां होने वाले कोयला उत्पादन से एसईसीएल को लाभ होगा तो वही इस प्रोजेक्ट के ही खुलने से सैकड़ों लोगों को रोजगार का अवसर भी मिलेगा महाप्रबंधक श्री नागाचारी ने दो दौर की बैठक के बाद इस प्रोजेक्ट के खुलने का रास्ता भी साफ कर दिया यही कारण है कि इंतजार सिर्फ अब यहां पर कोयला उत्पादन का किया जा रहा है जो संभवत इसी साल से शुरू हो सकता है।
767 हेक्टेयर जमीन हुई अधिग्रहित
रामपुर-बटुरा प्रोजेक्ट शुरुआत से विवादों से घिरी रही प्रबंधन शुरुआत में तो इस प्रोजेक्ट को खोलने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही थी लेकिन जब सफलता हाथ लगती ही नजर नहीं आई तो प्रबंधन ने भी इस पर ध्यान देना कम कर दिया लगने लगा कि इस प्रोजेक्ट की शुरुआत में अभी और कई साल लगेंगे लेकिन 2020 इस प्रोजेक्ट के लिए खास बन कर आया क्योंकि एक तेजतर्रार महाप्रबंधक की पदस्थापना सोहागपुर एरिया में की गई जिन्होंने इस एरिया की तस्वीर बदलने को लेकर कई बड़े काम भी किए आज उसी का नतीजा है कि वर्तमान महाप्रबंधक शंकर नागाचारी ने अपने सरल शांत स्वभाव के साथ इस प्रोजेक्ट के खुलने का रास्ता ही साफ कर दिया दो दौर की बैठक के बाद एक उम्मीद दिखी और उम्मीद ने प्रोजेक्ट को नई पहचान भी दे दी अब तक प्रबंधन ने यहां 767 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित कर लिया है जोकि प्रबंधन के लिए सुखद समाचार ही कहा जा सकता है जमीन अधिग्रहण को लेकर कई सालों तक चला विवाद कहीं न कहीं इस प्रोजेक्ट के खुलने में देरी की लेकिन कहते हैं ना अगर सच्चे मन से किसी कार्य को करने का मन बना लिया जाए तो वह पूरा होता है और यही यहां पर देखने को भी मिला।