मरवाही उपचुनाव @ ”टारगेट 70″ में खरी उतरेगी कांग्रेस: ठाकुर
(आमिर अली-7987100747)
बिलासपुर। जिले से अलग होकर बने नये जिले के अंतर्गत आने वाली मरवाही विधानसभा सीट पर उप चुनाव होना है, अरसे से यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है, यह सीट इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं, चंूकि सूबे के पहले मुखिया स्व. अजीत जोगी यहां से चुनकर विधानसभा पहुंचते थे। छ्त्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के देहांत के बाद खाली हुई मरवाही विधानसभा सीट का उपचुनाव में कांग्रेस को जीतना बड़ी चुनौती नहीं है, शहर कांग्रेस के अध्यक्ष घनश्याम सिंह ठाकुर ने कहा कि उपचुनाव में जीत तो कांग्रेस की ही होगी, बावजूद इसके हम इसे हलके से नहीं ले रहे हैं, चुनाव पूरी गंभीरता के साथ लड़ा जायेगा और मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल के मार्गदर्शन में ‘टारगेट 70Ó पर कांग्रेस जीत का झण्डा लहरायेगी।
हालांकि, यहां यह देखना दिलचस्प होगा कि पिछले पांच चुनावों यानी 25 वर्षों से जोगी परिवार की यह सीट किस करवट बैठती है तब जब मरवाही उपचुनाव में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेट अजित जोगी के बेटे अमित जोगी ही रहेंगे, राजनीति के जानकारों का यह भी कहना है कि मरवाही विधानसभा सीट पिछले 5 चुनावों में जोगी परिवार से बाहर नही गई, लेकिन इस उपचुनाव को और खासकर इस सीट को बघेल की साख से जोड़ कर देखा जा रहा है।
भूपेश बघेल इन चुनावों को अपने व्यक्तिगत राजनीतिक कद को बढ़ाने और विरोधियों को शांत करने के लिए एक बड़े अवसर के रूप में देख रहे हैं, कांग्रेस पार्टी के नेता भी कह रहे हैं कि मरवाही उपचुनाव बघेल के लिए एक तीर से कई शिकार करने वाला साबित होगा लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री का यह गढ़ फतह करना आसान नही है।
भूपेश बघेल के नेतृत्व में यदि कांग्रेस मरवाही उपचुनाव जीत लेती है तो उनका राजनीतिक कद राष्ट्रीय स्तर पर ही नही बढ़ेगा बल्कि कांग्रेस हइकमान के सामने उनकी ‘बारगेनिंग पावरÓ काफी बढ़ जाएगी, इसका सीधा अर्थ होगा कि आने वाले तीन साल उनका शासन बेरोकटोक चलता रहेगा, पार्टी के अंदर उनके खिलाफ उठने वाली आवाज हमेशा के लिए शांत हो जाएंगी।धियों को शांत करने के लिए एक बड़े अवसर के रूप में देख रहे हैं, कांग्रेस पार्टी के नेता भी कह रहे हैं कि मरवाही उपचुनाव बघेल के लिए एक तीर से कई शिकार करने वाला साबित होगा लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री का यह गढ़ फतह करना आसान नही है।
भूपेश बघेल के नेतृत्व में यदि कांग्रेस मरवाही उपचुनाव जीत लेती है तो उनका राजनीतिक कद राष्ट्रीय स्तर पर ही नही बढ़ेगा बल्कि कांग्रेस हइकमान के सामने उनकी ‘बारगेनिंग पावरÓ काफी बढ़ जाएगी, इसका सीधा अर्थ होगा कि आने वाले तीन साल उनका शासन बेरोकटोक चलता रहेगा, पार्टी के अंदर उनके खिलाफ उठने वाली आवाज हमेशा के लिए शांत हो जाएंगी।