धनपुरी OCM में मिश्रा–द्विवेदी की जोड़ी हावी: ठेकेदारों से वसूली, कर्मचारियों पर दबाव, भ्रष्टाचार चरम पर

धनपुरी। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) के धनपुरी ओपनकास्ट माइंस (OCM) में इन दिनों मिश्रा और द्विवेदी की जोड़ी खूब गुल खिला रही है। क्षेत्र में चर्चाएं हैं कि दोनों अधिकारियों ने अपने पद और अधिकार का भरपूर दुरुपयोग करते हुए ठेकेदारों और कर्मचारियों को परेशान करने का सिलसिला छेड़ रखा है। किसी को अनावश्यक दबाव में लिया जा रहा है तो किसी को वरदान की तरह काम दिलाकर मनमानी लाभ पहुंचाया जा रहा है।
सूत्र बताते हैं कि मिश्रा–द्विवेदी की जोड़ी कुछ चुनिंदा ठेकेदारों के बिल और कार्य समय पर पास कर देती है, जबकि अन्य ठेकेदारों को महीनों तक दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं। आलम यह है कि बिना साहब से मिले और “मिलाई” किए बिल पास होना मुश्किल हो गया है। स्थानीय स्तर पर इसका सीधा असर खदान के कामकाज और पारदर्शिता पर पड़ रहा है। कई छोटे ठेकेदार आर्थिक संकट में हैं, जबकि खास लोगों की जेब भर रही है।
ठेकेदारों और कर्मचारियों में नाराजगी
कर्मचारियों का कहना है कि इन दोनों अधिकारियों ने माहौल ऐसा बना दिया है कि आम कामगार से लेकर अधिकारी तक असहज हैं। ठेकेदार खुलकर बोलने से डरते हैं, लेकिन दबी जुबान में सब मानते हैं कि बिना सेटिंग और लेनदेन के बिल पास नहीं हो रहा। यही वजह है कि कुछ ठेकेदार बार–बार “विशेष मेहमान” बनते हैं और कुछ के लिए दफ्तर की चौखट भी अभिशाप बन गई है।
संपत्ति जांच से हो सकते बड़े खुलासे
स्थानीय जानकारों का मानना है कि यदि मिश्रा और द्विवेदी की संपत्ति की स्वतंत्र जांच कराई जाए, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं। लंबे समय से खदान क्षेत्र में जमकर उगाही और मनमानी चल रही है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि न तो एरिया मुख्यालय को इसकी भनक है और न ही बिलासपुर स्थित साउथ ईस्टर्न कोल लिमिटेड (SECL) के सीएमडी तक सही जानकारी पहुंच रही है।
केंद्र सरकार की छवि धूमिल
यह भी कहा जा रहा है कि इस तरह का भ्रष्टाचार सीधे–सीधे केंद्र सरकार की नीतियों और छवि को बदनाम कर रहा है। प्रधानमंत्री और कोयला मंत्रालय लगातार पारदर्शिता और ईमानदारी पर जोर देते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर मिश्रा–द्विवेदी की जोड़ी इन प्रयासों पर पानी फेर रही है। भ्रष्टाचार की यह खुली कहानी केंद्र की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रही है।
मांग: जांच और कड़ी कार्यवाही
धनपुरी के सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने मांग की है कि मिश्रा और द्विवेदी की जोड़ी पर तत्काल उच्चस्तरीय जांच बैठाई जाए। ठेकेदारों और कर्मचारियों से पूछताछ कर वास्तविकता उजागर की जाए। साथ ही यदि आरोप सही पाए जाएं तो दोनों पर कड़ी कार्यवाही हो, ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी अपने पद का इस तरह से दुरुपयोग करने की हिम्मत न कर सके।