एटीएम से ट्रांजेक्शन में निकल आया था अधिक रुपया, बैंक जाकर लौटाए रुपए, शाखा प्रबंधक ने किया सम्मान

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5 सौ की नोट ने सेवानिवृत्त कर्मचारी को किया बेचैन….

शहडोल । छल कपट के इस दौर में आज भी ईमानदार व्यक्तित्व के लोग मौजूद है। उनकी ईमानदारी के आगे धन दौलत कोई मायने नही रखता है। ऐसे ही एक ईमानदार व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति है मदन एजेंसी के पीछे रहने वाले मुमताज़ खान । जो कि छत्तीसगढ़ में शासकीय सेवा से वर्ष 2016 में सेवा निवृत्त हुए है। गत दिवस वह बाणगंगा रोड में स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से रुपए निकालने गए। जहां उन्होंने एसबीआई एटीएम कार्ड से 9 हजार रुपए का ट्रांजेक्शन किया । एटीएम मशीन में प्रक्रिया पूरी होने के बाद मशीन से पांच – पांच सौ रुपए के नोट निकले । जब श्री खान ने रुपए गिने कुल 18 नोट की जगह 19 नोट निकले। यानी 9 हजार रुपए की जगह साढ़े 9 हजार रुपए थे । इस हिसाब से 5 सौ रुपए का एक नोट एटीएम मशीन से ज्यादा निकल गया था। जबकि उन्होंने 9 हजार रुपए ही ट्रान्जेक्शन किया था । और उनके बैंक एकाउंट से 9 हजार रुपए ही कटने का मैसेज उनके पास आया । एक बार तो उन्हें लगा कि शायद नोट गिनने में उनसे गलती हो गयी है ,इसलिए उन्होंने दो तीन बार नोट गिने ,तब भी 9 हजार की जगह साढ़े 9 हजार रुपए ही निकले । तब उन्हें अहसास हुआ कि एटीएम मशीन से तकनीकी त्रुटि के कारण 5 सौ रुपए का एक नोट अधिक निकल आया है। ईमानदार व्यक्तित्व के धनी श्री खान को अधिक मिले वो एक 5 सौ की नोट ने मानो अंदर से बेचैन कर दिया। वह एटीएम कार्ड से निकले नोटों को लेकर सीधे भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा पहुच गए । जहां उन्होंने शाखा प्रबंधक से निलकर सारी बात बताई और कहा कि सर ये पांच सौ रुपए बैंक की अमानत है ,जो एटीएम मशीन की तकनीकी त्रुटि कारण मेरे ट्रान्जेक्शन के साथ मुझे मिल गयी है । श्री खान की बात सुनने के बाद शाखा प्रबंधक द्वारा उनका एकाउंट चेक कराया गया। जिसमें 9 हजार रुपए ही एटीएम के जरिए निकाला जाना अंकित पाया गया। जिसके बाद श्री खान ने यह कहते हुए 5 सौ रुपए शाखा प्रबंधक को लौटा दिए कि यह रुपए में मेरा नही है बल्कि आपके बैंक की अमानत है। एक सेवा निवृत्त बुजुर्ग कर्मचारी की ईमानदारी को देख शाखा प्रबंधक भावुक हो गए । उन्होंने कहा कि आज के इस दौर में लोग रुपयो के लिए छल कपट करने से भी गुरेज नही करते, ऐसे समय मे आपने ईमानदारी की जो मिशाल पेश की है वह काबिल ए तारीफ है। इसके बाद शाखा प्रबंधक द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की उपस्थिति में श्री खान का माल्यार्पण करते हुए उन्हें मिठाई खिलाकर सम्मान किया गया। साथ ही कहा कि आप जैसे नेक ईमानदार व्यक्तियों के कारण ही आज ईमानदारी जीवित है। विदित हो कि सेवानिवृत्त कर्मचारी मुमताज़ खान जिले के युवा पत्रकार सादिक खान के पिता व मेडिकल कालेज शहडोल में नर्सिंग ऑफिसर तैयबा खातून के ससुर है।

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