राष्ट्रीय पुस्तक मेला एवं साहित्य महोत्सव में मातृभाषा मंच ,बोली महोत्सव, एवं भाव अभिव्यक्ति के कार्यक्रम संपन्न चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ भरत मिश्रा एवं महर्षि महेश योगी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रमोद वर्मा रहें उपस्थित…विश्व प्रसिद्ध छिंदवाड़ा से आए नाडी वैद्य के द्वारा पुस्तक मेला में नि:शुल्क चिकित्सकीय परामर्श दिया जा रहा है

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राष्ट्रीय पुस्तक मेला एवं साहित्य महोत्सव में मातृभाषा मंच ,बोली महोत्सव, एवं भाव अभिव्यक्ति के कार्यक्रम संपन्न
चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ भरत मिश्रा एवं महर्षि महेश योगी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रमोद वर्मा रहें उपस्थित…विश्व प्रसिद्ध छिंदवाड़ा से आए नाडी वैद्य के द्वारा पुस्तक मेला में नि:शुल्क चिकित्सकीय परामर्श दिया जा रहा है
कटनी।। स्थानीय साधुराम विद्यालय प्रांगण में आयोजित पांच दिवसीय पुस्तक मेला के दूसरे दिवस साहित्य महोत्सव के अंतर्गत वरिष्ठ पत्रकार रमेश शर्मा भोपाल के मुख्य आतिथ्य एवं ड़ा. कौशल दुबे जबलपुर की अध्यक्षता में संपन्न हुआ । इस अवसर पर सुश्री आयुषी जैन , ड़ा. पारस जैन भी अतिथि रूप में मंचासीन रहे । साहित्य समारोह के अंतर्गत जिले के ग्रामीण अंचलों में प्रचलित बोली ‘ पचेली ‘ की काव्य कृति ‘ भारत के ह्रदय स्थल से उठते पचेली के स्वर ‘ का लोकार्पण , पचेली बोली पर विमर्श , पचेली बोली की काव्य गोष्ठी , सुश्री आयुषी जैन द्वारा लिखी पुस्तक ‘ बहुआयामी व्यक्तित्व अहिल्यादेवी ‘ के विविध सन्दर्भों पर पाठकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का आयुषी जैन द्वारा जवाब तथा महिला कवियित्रियों का कविता पाठ संपन्न हुआ। उल्लेखनीय है कि कटनी जिला बुंदेलखंड , बघेलखंड एवं गोंडवाना की अंतिम सीमाओं के बीच स्थित है । फलस्वरूप जबलपुर एवं कटनी जिले के ग्रामीण अंचलों में उक्त तीनों क्षेत्र की बोली , संस्कृति एवं परंपराओं का मिश्रण मिलता है । तथा यहाँ बुंदेली , बघेली , गोंडी , उर्दू एवं खड़ी हिंदी से मिश्रित बोली प्रचलन में मिलती है । जिसे विद्वानों द्वारा पचेली बोली की संज्ञा दी जाती है । पचेली बोली के साहित्य पर कटनी जिले से प्रकाशित यह प्रथम कृति है । इस अवसर पर पुस्तक मेला समिति के संयोजक मुकेश चंदेरिया , सह संयोजक ड़ा.जैनेन्द्र द्विवेदी , अमित कनकने , प्रो. ( रिटा ) अशोक श्रीवास्तव , निरंजन द्विवेदी वत्स , देवेंद्र कुमार पाठक , डा. के . एल. हल्दकार , सतीश आनंद , हीरामणि बरसैयां , पुष्प गुप्ता प्रांजलि , रामनरेश मिश्र ‘ विद्यार्थी ‘ , अनिल मिश्रा , राजेंद्र सिंह , पेंटर मदन , नारायण तिवारी , मुकेश त्रिपाठी , अजय प्रताप सिंह बघेल , मनोज निगम रामचरण कमल आदि अनेक जन अवस्थित रहे ।


बच्चों ने महापुरुषों पर व्यक्त किये विचार
विद्यालयीन बच्चों ने रानी लक्ष्मी बाई, रानी चेन्नम्मा, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, महाराणा प्रताप, सावित्री बाई फुले आदि युग व्यक्तित्व पर प्रकाश डालकर उपस्तिथ जनों को मन्त्र मुग्ध कर दिया l
मातृभाषा बोली पर आधारित कार्यक्रम ने डाला प्रभाव
पुस्तक मेला आयोजन समिति द्वारा इस वर्ष अभिनव प्रयोग करते हुए भारत कि विभिन्न आँचलिक बोलियों पर उनकी संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया. इस अवसर पर प्रमुख रूप से ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट के कुलगुरु भरत मिश्रा जी रहे. माननीय कुलगुरु जी ने पुस्तक मेला कि प्रासंगिकता को उल्लेखित करते हुए पुस्तकों में निहित जीवन तत्व से सभी को परिचित कराने हेतु प्रयास किये जाने पर बल दिया गया l मुख्य वक्ता के रूप में महर्षि महेशयोगी विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रमोद वर्मा एवं विशिष्ट अतिथि तिलक महाविद्यालय के प्राचार्य सुनील बाजपेई एवं मेला संरक्षक मधु सूदन बगड़िया रहे। संचालन जैनेन्द्र द्विवेदी एवं नीतू कनकने ने किया।
वक्ताओं ने बताया पुस्तकों का जीवन शैली में महत्त्व
पुस्तकों से प्रेरणा मिलती हैं, एक बार पढ़ने के बाद जीवन पर्यंत वे शब्द हमारे मन में अंकित हो जाते हैं. पुस्तके एवं हमारी मातृभाषा हमें जीवन शैली को विकसित करने में मदद करती हैं। भरत मिश्रा कटनी के निकटस्थ अंचल की बोली पचेली का उल्लेख करते हुए कटनी को गौरव प्रदान किया। पुनः वक्ताओं ने कहा कि भले तकनीकी रूप से हम कितने भी विकसित हो जाएं हमें पुस्तकों का साथ फिर से पाना ही होगा। कार्यक्रम का समापन मधुसूदन जी बगड़िया के आभार प्रदर्शन के साथ संपन्न हुआ.
पुस्तक मेला एवं साहित्य महोत्सव 19 एवं 20 अप्रैल को भी साधुराम विद्यालय मे दोपहर 12:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक खुला रहेगा

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