नायडू कर रहा शासकीय भूमि में कब्जा

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रात्रि में हो रहा था अतिक्रमण, वार्डवासियों ने जताया विरोध
जमीनी विवाद मामले में कई बार उलझ चुके है रामचंद्र नायडू
पत्रिकारिता की आड से वर्षो से शासन-प्रशासन को कर रहे गुमराह

प्रबंधक शेपर्स एकेडमी स्कूल एवं जिले के वरिष्ठ पत्रकार का दर्जा रखने वाले रामचंद्र नायूड का भूमि संबंधी विवाद का यह पहला मामला नही है, इसके पहले भी चचाई थाना अंतर्गत जमीन को लेकर मारपीट हुई थी, अब तिपान नदी की तट को कब्जा करने के नियत से पुराने बांउड्रीबाल के अतिरिक्त तार लगाकर फ्नीसिंग की जा रही है, जहां वार्डवासियों ने नदी में आमजनों के निस्तार हेतु आवाज उठाते हुए प्रशासन से अतिक्रमणकारीं के विरूद्व कार्यवाही की मांग की है।

अनूपपुर। जिला मुख्यालय में अमरकंटक मुख्य मार्ग पर तिपान नदी के किनारे संचालित शेपर्स एकेडमी स्कूल की उक्त भूमि का विवादों से पुराना नाता रहा है, जानकारो की माने तो उक्त भूमि में वर्षो पहले विदूषक कारखाना संचालित होता था, जहां रामचंद्र नायडू कर्मचारी के रूप में कार्यरत था, उक्त भूमि किसी विकास भाई के नाम से दर्ज होना बताया जा रहा था, लेकिन जब यह कारखाना बंद हुआ तो सभी कर्मचारी एवं संचालक इधर-उधर हो गये, जिसका फायदा उठाते हुए कथित कर्मचारी ने फर्जी वसीयतनामा बनवाकर अपने नाम में उक्त भूमि को दर्ज करवा लिया, जानकारो के अनुसार उक्त मामला अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है और कथित कर्मचारी पर कई धाराओं के तहत् मामला भी पंजीबद्व हुआ है।
बार-बार सिर्फ जमीनी विवाद


संचालक शेपर्स एकेडमी स्कूल रामचंद्र नायडू वर्षो पहले मेडियारास के एक भूमि स्वामी से चचाई रोड में कुछ भूमि क्रय किया गया था, कुछ माह पहले उक्त भूमि में ही क्रेता एवं विक्रेता के बीच क्रय के अतिरिक्त जमीन कब्जाने के मामले दोनो पक्षों में मारपीट हुई थी, जो मामला अभी भी चचाई थाने में दर्ज है, अब विद्यालय के पास नदी की तट पर शासकीय भूमि में अतिक्रमण को लेकर मंगलवार की रात्रि में विवाद उत्पन्न हुआ जहां कोतवाली में इसकी शिकायत दी गई, इसी तरह विदूषक कारखाना अर्थात शेपर्स एकेडमी का विवाद भी न्यायालय में विचाराधीन है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन्ही व्यक्ति का सिर्फ जमीनी विवाद हर किसी से क्यो होता है।
वकील साहब भी दे रहे नसीहत

रात्रि में हो रहे शासकीय भूमि पर निर्माण कार्य को लेकर जब वार्डवासियों ने रोक-टोक किया तो कांग्रेसी नेता एवं अधिवक्ता उमेश राय वार्डवासियों को ही नसीहत देते नजर आये, हालांकि उन्होंने कहा कि जमीन की नाम करवा लीजिए, अतिक्रमण होगा तो हटाया जायेगा, वही पृथम दृष्टया ही नदी का तट पर कब्जा होना दिख रहा है, इसके बावजूद भी रामचंद्र नायडू के अधिवक्ता बनकर कब्जा दिलाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वार्डवासियों के जागरूकता के कारण शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का कार्य असफल हो गया।
लिया पत्रकारिता की आड़


विदूषण कारखाना का कथित कर्मचारी धीरे-धीरे अपना स्थान अनूपपुर में व उक्त भूमि में बनाना शुरू कर दिया, किसी भी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न न हो, इसके लिए उन्होने पत्रकारिता का चोला भी ओढ लिया, अब जब लाखों रूपए की संपत्ति बन गया तो उन्होने जालसाज भी करना शुरू कर दिया, शायद यही कारण है कि अब शासकीय भूमि पर भी इसका दवाब देखा जा रहा है, जहां शासन-प्रशासन कमजोर दिखाई दे रहा है, वहीं नदी किनारे पूरी तरह से कब्जा करने के फिराक में बगल में और पीछे भी बांउड्री बढाने का प्रयास किया जा रहा है।
वर्षो से हो रहा नदी का उपयोग
तिपान नदी की उक्त स्थल पर आम जनमानस वर्षो से निस्तार करते आ रहा है, उन्होने प्रशासन से शिकायत करते हुए लिखा कि जन्म से लेकर मरण तक उक्त नदी पर भी वार्डवासी निर्भर है, साथ ही लोगों एवं जानवरो का आना-जाना व उपयोग उक्त जगह से लगा रहता है, जिससे सभी का निस्तार होता रहा है, लेकिन नदी की तट को भी कब्जाने के उद्देश्य से रामचंद्र नायडू बांउड्रीबाल बढाकर अतिक्रमण कर रहे है, जिसका विरोध करते हुए वार्डवासियों ने कार्यवाही के साथ अतिक्रमण हटाये जाने की मांग की है।

 

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