नियमों के विपरीत उप किरायेदारी में चल रही नपा की दुकान

शहडोल। शहर के कई स्थानों व रहवासी क्षेत्रों में मकानों का निर्माण किया जा रहा है। इन मकानों का निर्माण व्यवसायिक उपयोग के लिए किया जा रहा है। इसके लिए न तो नगर पालिका से व्यवसायिक अनुमति ली गई है न ही नियमानुसार काम किया जा रहा है। नगर पालिका द्वारा निर्मित की गई सब्जी मण्डी की दुकानों को तोडक़र व्यापारी द्वारा खुलेआम भवन निर्माण कराया जा रहा है, मजे की बात तो यह है कि नगर पालिका के स्वामित्व की दुकाने जिन्हें आवंटित की गई थी, उन दुकानों को बेचा और खरीदा भी जा रहा है, लेकिन नगर पालिका अमला चुप्पी साधे हुए है।
यह है मामला
सब्जी मण्डी स्थित दुकान नंबर 04 गोपाल आसवानी द्वारा किराये पर सब्जी-फल का व्यवसाय बीते वर्षाे में किया जाता रहा है, खबर है कि बीते दिनों उक्त दुकान को कथित व्यापारी द्वारा गिराकर पुन: निर्माण कराया जा रहा है, मजे की बात तो यह है कि नगर पालिका ने जिसे दुकान आवंटित की थी, उसने दुकान को भाड़े पर दे रखा है, इसका प्रमाण बीते दिनों नगर पालिका को स्वयं गोपाल आसवानी ने दिया, बावजूद इसके दुकान को खाली कराने की जगह नगर पालिका के जिम्मेदार अपने जुगाड़ में लगे है।
तोडक़र नवीन निर्माण
नगर पालिका से जुड़े जानकारों की माने तो नगर पालिका की दुकाने जिसे आवंटित की गई है, वह व्यक्ति किसी अन्य को दुकान किराये पर नहीं दे सकता, चर्चा है कि सब्जी मण्डी स्थित दुकान नंबर 04 कागजों में कितनी बार बिकी यह तो, खरीदने और बेचने वाले ही जाने, लेकिन वर्तमान में क्षतिग्रस्त हो चुकी दुकान और बरसात के दिनों में पानी टपकने की बात कहकर पूरी दुकान ध्वस्त कर दुकान पुन: निर्माण कराया जा रहा है, इसकी जानकारी जिम्मेदारों को होने के बावजूद इस ओर ध्यान देने की जहमत नहीं उठा पा रहे हैं।
…तो खाली कराये दुकान
नगर पालिका अधिनियम के अनुसार अगर नगर पालिका के स्वामित्व की दुकानों को भाड़े पर नहीं उठाया जा सकता तो, बीते 10 अगस्त 2022 को गोपाल आसवानी पिता स्व. अशोक कुमार असवानी ने स्वयं आवेदन दिया है कि उसके द्वारा दुकान नंबर 4 किराये पर संचालित की जा रही है, इससे साफ होता है कि जिसे दुकान आवंटित हुई थी, उस दुकान की उसे आवश्यकता नहीं है और उसने किराये पर उठाकर प्रावधानों का उल्लंघन किया है, जिससे उसका अनुबंध नगर पालिका से खत्म कर दुकान की पुन: नीलामी करनी चाहिए, जिससे एक ओर जहां नगर पालिका को आर्थिक लाभ होगा, वहीं दूसरी ओर क्षतिग्रस्त की जगह दुकान को पूरी तरह तोडऩे के लिए वर्तमान में दुकान का संचालन कर रहे किराये के विरूद्ध मामला भी दर्ज होना चाहिए, क्योंकि उसने शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है।
मनमर्जी से हुआ निर्माण :
संभागीय मुख्यालय स्थित सब्जी मण्डी की दुकान नंबर 04 के किरायेदार द्वारा नगर पालिका में आवेदन देकर दुकान निर्माण किया जा रहा है, जबकि नगर पालिका द्वारा निर्माण की अनुमति संभवत: नहीं दी गई है, हालाकि नगर पालिका को दिये गये पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि दुकान क्षतिग्रस्त है और छत से पानी टपकता है तो, आखिर दुकानों की दीवारों को क्यों तोड़ा गया, जानकारों की माने तो नगर पालिका का अमला भी इसी फिराक में रहता है कि कोई गलती करे और जुगाड़ बना लिया जाये, जबकि उक्त दुकान खाली कराकर निर्माण के साथ ही दुकान तोडऩे वालो पर अपराध दर्ज होना चाहिए।