22 करोड़ का सोन प्रोजेक्ट क्रियान्वित करनेे नपा की तैयारी

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                 1 करोड़ 30 लाख लीटर पानी की रोजाना सप्लाई, सुदृढ़ व्यवस्था जरूरी

शहडोल। पेयजल की निरंतर नई मांगे बढऩे के कारण स्थानीय नगरपालिका की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था का
विस्तार किया जाना आवश्यक प्रतीत होता है। नपा एई अभिषेक शिवहरे केे अनुसार वर्तमान में नगरपालिका द्वारा
करीब 14 हजार घरों को रोजाना 1 करोड़ 30 लाख लीटर पानी की आपूर्ति की जा रही है। नगर में कुल आवासों की
संख्या लगभग 30 हजार है। इस जानकारी के अनुसार देखा जाए तो अभी 50 फीसदी आवासों को भी पेयजल की
आपूर्ति नहीं हो पा रही है। सरफा जलप्रदाय संयंत्र के लिए पानी का स्त्रोत घटता जा रहा है। लिहाजा नगरपालिका
अपनी जलापूर्ति क्षमता का विस्तार करने के लिए सोन नदी से पानी लेने के लिए बड़े प्रोजेक्ट की तैयारी कर रही है।
22 करोड़ की इस येाजना को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सहमति भी प्राप्त हो गई है। नगरपालिका के अधिकारियों
का कहना है कि अगर यह योजना क्रि यान्वित नहीं हुई तो आने वाले वर्षों में नगर को भी पानी मिलना कठिन हो
जाएगा।
सोन नदी में बनेगा स्टपडेम
स्कीम के अनुसार यहां सोन नदी में सरफा के समीप पानी रोक कर बैराज (स्टापडेम) बनाया जाएगा। इसके बाद यहां
से पानी सरफा संयंत्र के लिए लाया जाएगा। संयंत्र की क्षमता बढऩे पर ही पानी की आपूर्ति संभव होगी। पूर्व मेंं भी
इसका प्राक्कलन तैयार कर कलेक्टर के माध्यम से प्रदेश नगरीय प्रशासन को भेजा गया था। हाल ही में प्रवास पर
आए मुख्यमंत्री को विधायक जयसिंह मराबी के माध्यम से ज्ञापन दिया गया है। लगभग 10 वर्षों पूर्व मुख्यमंत्री शहरी
पेयजल योजना के माध्यम से पेयजल व्यवस्था सुदृढ़ीकरण करने के लिए करीब 16 करोड़ का बजट आवंटित किया

गया था। जिसमें सरफा से शहर तक राइजिंग पाइपों का विस्तार, पांच नई टंकियों का निर्माण तथा वार्डों में पाइप
लाइनों का विस्तार आदि कार्य कराए गए थे।
पानी की बढ़ रही मांग
शहर का तेज गति से विकास होने और नई कालोनियों व बस्तियों की संख्या में इजाफा होनेे के साथ पानी की मांग भी
तेजी से बढ़ रही है। इसके अलावा इंजीनियरिंग कालेज, मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, रेलवे कालोनी आदि के
लिए भी पानी की मांग बढ़ती जा रही है। रेलवे की टंकिया धीरे धीरे शुष्क होती जा रहीं हैं। यहां पानी के लिए
नगरपालिका से ही मांग की जाती है। इन सबकी आपूर्ति के लिए नगरपालिका को अधिक मात्रा मेें पानी चाहिए।
पेयजल आपूर्ति एक अत्यंत आवश्यक सेवा है, इसका सुदृढ़ीकरण होना अनिवार्य है। इसके अलावा यह भी नियम है
कि पानी की आपूर्ति प्रति व्यक्ति रोजाना 40 लीटर के मान से होनी चाहिए। इसलिए भरपूर आपूर्ति देनी पड़ती है।
11 गांव भी जुड़ेंगे
बताया गया कि जल्द ही शहर के समीपी लगभग 11 गांव जल्द ही नगरपालिका से सबद्ध होने वाले हैं इनकी भी
पेयजल आवश्यकता को पूरा करना होगा। वर्तमान में यह सभी गांव ग्रामपंचायत के अधीन रहकर पानी के संकट से
जूझ रहे हैं। यहां केेन्द्र सरकार के जल जीवन मिशन का काम भी काफी मंथर गति से चल रहा है। पानी का संकट
लगभग सभी जगह उत्पन्न हो रहा है और सबकी आश्रयदाता नगरपालिका ही है। नगरपालिका से ही मांग की जाती
है। इसलिए नगरपालिका को अपनी क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है।
आत्मनिर्भर हो जलापूर्ति व्यवस्था
वर्तमान में जो वाटर सप्लाई की जा रही है वह नौगवां कालरी के अंदर से निकलने वाले पानी से की जा रही है।
नगरपालिका वहां से पानी लाकर सरफा डेम में भण्डारित कर फिर उसे संयंत्र में उपचारित व शोधित कर सप्लाई की
जाती है। गर्मी के दिनों में जब इस पानी को रास्ते में किसानों के द्वारा रोक दिया जाता है तब पानी की कमी पड़
जाती है। कालरी का पानी बंद होने या खदान की आयु पूर्ण होने के बाद पानी मिलना बंद हो जाएगा। उस स्थिति में
पानी का गहरा संकट झेेलना पड़ेगा। इसलिए अभी से यह आवश्यक है कि पानी के लिए अपनी खुद की व्यवस्था हो
आत्मनिर्भर होने पर ही इसे अगागी कई वर्षों तक संचालित किया जा सकता है। अन्यथा पेयजल जैसी आवश्यक
आपूर्ति बाधित होगी।
इनका कहना है
सोन नदी प्रोजेक्ट आगामी पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बहुत आवश्यक है। इस प्रोजेक्ट के शुरू
हो जाने सेे नगर में पेयजल की समुचित आपूर्ति हो सकेगी और नई मागों की आपूर्ति में भी सरलता होगी।

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