”सरकारी माफिया” की भेंट चढ़ा नरवार का गुलाब

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शिक्षा विभाग में लाखों के निर्माण व सप्लाई का गिरोह

ऑफ रिकार्ड उपयंत्री करवा रहे थे प्राचार्य से लाखों का निर्माण

निर्माण के दौरान 26 वर्षीय युवक की दर्दनाक मौत

(शंभू यादव)
शहडोल। पूरे प्रदेश में माफिया के खिलाफ लगातार कार्यवाहियां की जा रही हैं, लेकिन समाज के बीच एक ऐसा माफिया भी है, जो कार्यपालिका का चोला ओढ़कर पूरे समाज के लिए ही कोढ़ बना हुआ है। शुक्रवार की दोपहर को संभागीय मुख्यालय में ग्राम नरवार के 26 वर्षीय युवक गुलाब सिंह पिता रामायण सिंह की जब करंट के चपेट में आने से मौत हो गई, इस घटना के बाद शव को जिस तरीके से जल्दबाजी में अस्पताल और फिर वहां से पीएम करवा कर उसके घर भेजा गया, यही नहीं जिस स्थान पर युवक काम कर रहा था, उक्त निर्माण स्थल से जुड़े बिन्दुओं को जब खंगाला गया तो, ”सरकारी माफिया” जैसी संज्ञाएं उभर कर सामने आई। उक्त निर्माण के पीछे जुड़े लोग समाज में संभ्रांत और गुरू सहित अन्य सम्मानित दर्जा प्राप्त किये हुए हैं, यही नहीं लोकतांत्रिक देश में कार्यपालिका का जिम्मा सम्हालने वाले दर्जनों लोग इस घटना के पीछे खड़े नजर आये, बहरहाल ऑफ रिकार्ड ठेके, अपंजीकृत मजदूर तथा सरकारी बजट को निपटाने की पूरी प्रक्रिया के पीछे ”सरकारी माफिया” खड़ा नजर आया, जिस पर कार्यवाही तो दूर, उसे भविष्य में शायद ही जांच के दायरे में लिया जाये।

यह हुआ शुक्रवार को
संभागीय मुख्यालय के पाण्डवनगर स्थित कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास के समीप लगभग 12 लाख रूपये की राशि का चौकीदार के रहने के लिए भवन का निर्माण किया जा रहा था, लगभग दोपहर 1 बजे के आस-पास 26 वर्षीय गुलाब सिंह जब यहां कार्य कर रहा था, उसी दौरान निर्माणाधीन भवन के ऊपर से गई विद्युत प्रवाह वाली तारों की चपेट में आ गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी, आनन-फानन में उसे जिला चिकित्सालय लाया गया, यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया, अगले घंटे में शव विच्छेदन प्रक्रिया संपन्न हुई और लाश परिजनों के सुपुर्द कर दी गई। जिला चिकित्सालय में स्थित पुलिस चौकी के रोजनामचे में मामला सूचीबद्ध किया गया। देर शाम तक घटना की सूचना संबंधित थाना के प्रभारी तक नहीं पहुंची थी।
यह कर रहा ”सरकारी माफिया”
घटना के संदर्भ में जब पड़ताल की गई तो, यह बात सामने आई कि जिला शिक्षा कार्यालय से लगभग 12 लाख रूपये का बजट शासकीय कन्या शाला के प्राचार्या शकुंतला श्रीवास्तव के पास गया था, नियमत: इतनी राशि के निर्माण कार्य के लिए निविदा आमंत्रित की जानी चाहिए थी, यह भी हो सकता है कि ऑफ रिकार्ड कागजी कोरम पूरा किया गया हो, शुक्रवार को जब घटना के बाद निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की माने तो, उक्त कार्य सुशील द्विवेदी नामक व्यक्ति द्वारा करवाया जा रहा है, यह बात भी सामने आई कि विभाग के राजा पाण्डेय नामक उपयंत्री की देख-रेख में उक्त कार्य हो रहा है। यही नहीं ऑफ रिकार्ड जिला शिक्षा कार्यालय से कन्या शाला और वहां से निर्माण करने तथा सुशील द्विवेदी के नाम पर बिल लगाने की इस पूरी प्रक्रिया के पीछे राजा पाण्डेय ही अकेले सूत्रधार रहे हैं।
लाखों नहीं करोड़ों के जुगाड़ में ”सरकारी माफिया”
जिला शिक्षा कार्यालय सहित जिला शिक्षा केन्द्र और शिक्षा से जुड़े अन्य विभागों में हर वर्ष करोड़ों रूपये का बजट आता है, जिसे कभी भवनों के नाम पर तो कभी पेयजल की व्यवस्था, स्कूलों की मरम्मत, स्कूलों में पंखे, स्कूलों में एलईडी, स्कूलों में कम्प्यूटर व रख-रखाव सहित दर्जनों बिन्दुओं पर खर्च दर्शाकर 60 से 70 प्रतिशत बजट निपटाया जाता रहा है, हर वर्ष यहां के मांग पत्र, फर्जी खाते व फर्जी बिलों के भुगतान के मामले सामने आते हैं, लेकिन प्रदेश सरकार कभी भी इस ”सरकारी माफिया” पर न तो अंकुश लगा पा रही है और न ही कभी प्रमाणित भ्रष्टाचार के निर्णयों तक पहुंचती है। पूर्व में बुढ़ार और वर्तमान में जयसिंहनगर में पदस्थ बीईओ अशोक शर्मा के अलावा वर्तमान में सहायक आयुक्त एम.एस. अंसारी ऐसे चेहरे हैं, जो न भ्रष्टाचार करने से चूकते हैं और न इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नतीजे तक पहुंचती है।
इनका कहना है…
हमारे यहां से बजट कन्या शाला में भेज दिया गया था, आगे निर्माण कौन कर रहा था, वहीं बता सकते हैं।
रणमत सिंह
जिला शिक्षा अधिकारी
शहडोल

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